Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने हेल्थ सिकरेट्री से पूछा: रविवार को सरकारी अस्पतालों में इलाज की क्यों नहीं मिल रही सुविधा? डिवीजन बेंच ने शपथ पत्र के साथ मांगा जवाब
Bilaspur High Court: चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने हेल्थ सिकरेट्री को नोटिस जारी कर पूछा है कि रविवार को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज की सुविधा क्यों नहीं मिल पा रही है। अवकाश के दिन चिकित्सकों व मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी लगाई जा रही है या नहीं। अवकाश के दिनों में सरकारी अस्पतालों के संचालन की क्या व्यवस्था है। डिवीजन बेंच ने स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र के साथ सिस्टम संचालन व्यवस्था की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।

Bilaspur High Court: बिलासपुर। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने हेल्थ सिकरेट्री को नोटिस जारी कर पूछा है कि रविवार को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज की सुविधा क्यों नहीं मिल पा रही है। अवकाश के दिन चिकित्सकों व मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी लगाई जा रही है या नहीं। अवकाश के दिनों में सरकारी अस्पतालों के संचालन की क्या व्यवस्था है। डिवीजन बेंच ने स्वास्थ्य सचिव से शपथ पत्र के साथ सिस्टम संचालन व्यवस्था की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि हाई कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट को स्वत: संज्ञान में लेते हुए लोगों से जुड़े इस मुद्दे को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने इस बात को लेकर हैरानी जताई कि सरकारी अस्पतालों में अवकाश के दिनों में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। इमरजेंसी में इलाज का कोई सिस्टम बनाकर नहीं रखा गया है। आपात चिकित्सा विभाग से लेकर सामान्य इलाज की सुविधा भी जरुरतमंदों को नहीं मिल पा रही है। कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि भारी-भरकम अमला होने के बाद भी जरुरत के समय पर लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। नाराज डिवीजन बेंच ने स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों के अस्पतालों में बदहाली
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के प्रमुख शहरों में संचालित हो रहे सरकारी अस्पतालों में रविवार को जरुरतमंदों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। राजधानी रायपुर के अलावा बिलासपुर,दुर्ग, जांजगीर-चांपा के शहरी इलाकों में स्थिति अस्पतालों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत और भी बदतर है। रविवार की छोड़िए ग्रामीण इलाकों में सामान्य दिनों में चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है।
मीडिया रिपोर्ट में यह सब
बिलासपुर जिले के तखतपुर सीएचसी में फ्रैक्चर के मरीज को भी एक्स-रे के बिना पेन किलर देकर रवाना कर दिया गया। बिल्हा सीएचसी में मशीनें मौजूद थीं, लेकिन टेक्नीशियन नहीं होने से ईसीजी और एक्स-रे नहीं हो सके। कोरबा जिले का कनकी एसएचसी पूरी तरह बंद मिला, जहां इमरजेंसी के लिए संपर्क नंबर तक नहीं था। जांजगीर जिला अस्पताल में भी हालात बेहतर नहीं मिले। इमरजेंसी में सिर्फ एक महिला डॉक्टर मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि रविवार को एक्स-रे और सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है और मरीजों को केवल पेन किलर की सलाह दी गई। मस्तूरी सीएचसी में डॉक्टर मौजूद थे। चेस्ट पेन की शिकायत पर ईसीजी और एक्स-रे कराने से रविवार का हवाला देते हुए मना कर दिया। गंभीर मरीजों को जिला या निजी अस्पताल भेजने की सलाह भी देते रहे। रायपुर और दुर्ग के स्वास्थ्य केंद्रों में भी कमोबेश कुछ इसी तरही की बदहाली नजर आई।
