Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में 14 मंत्री: हाई कोर्ट में दायर हुई दूसरी जनहित याचिका, प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख ने दायर कर की जनहित याचिका
Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ में 14 वें मंत्री का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। संवैधानिक व्यवस्था का हवाला देते हुए एक मंत्री को हटाने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने पीआईएल दाखिल कर एक मंत्री को हटाने की मांग की है।

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार में 14 वें मंत्री की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी है। पीआईएल में 14 वें मंत्री को हटाने की मांग की है। बता दें कि बिलासपुर हाई कोर्ट में संवैधानिक मुद्दों को उठाते हुए एक याचिका पहले ही दायर की गई है। दोनों याचिकाओं को हाई कोर्ट ने एक साथ मर्ज कर दिया है। दोनों याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई होगी। अगली सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने 8 सितंबर की तिथि तय कर दी है।
याचिकाकर्ता सुशील आनंद शुक्ला ने अपनी याचिका में संवैधानिक व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 164 (1ए) के मुताबिक किसी भी राज्य में मंत्रियों की संख्या विधानसभा सदस्यों के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सदस्य हैं। इस लिहाज से यह सीमा 13.5 यानी 13 - मंत्री तय होती है। 20 अगस्त को तीन नए मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मंत्रिमंडल में मंत्रियों की कुल संख्या 14 हो गई। यह नियुक्ति सीधे तौर पर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
राज्य सरकार ने हरियाणा फार्मूले का दिया हवाला
राज्य सरकार ने जनहित याचिका पर बचाव में हरियाणा फार्मूले का उदाहरण दिया है। हरियाणा विधानसभा में 90 विधायक हैं और राज्य मंत्रिमंडल में 14 मंत्री हैं। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने तर्क पेश करते हुए कहा कि जब हरियाणा में यह व्यवस्था लागू है तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने राज्य सरकार के इस तर्क का विराेध करते हुए कहा कि हरियाणा मॉडल असंवैधानिक है और इसे छत्तीसगढ़ में लागू करना अनुच्छेद 164 (1ए) का स्पष्ट अवहेलना है।
दोनों याचिकाओं पर एकसाथ होगी सुनवाई
रायपुर के समाजसेवी वासुदेव चक्रवर्ती ने अधिवक्ता अभ्युदय सिंह के जरिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिस पर सुनवाई चल रही है। सुशील आनंद शुक्ला की पीआईएल को पहली वाली याचिका के साथ मर्ज कर दिया है। अब दोनों पीआईएल की एकसाथ सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का आया था जिक्र
पीआईएल की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान इसी तरह की एक याचिका मध्य प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने का जिक्र किया गया था। तब डिवीजन बेंच ने अधिवक्ताओं से सुप्रीम कोर्ट में दायर पीआईएल का स्टेटस पूछा था। अधिवक्ताओं ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है।
