भूमाफियाओं और बिल्डरों को झटका! छत्तीसगढ़ में गाइडलाइन रेट में छूट न बढ़ने से हड़कंप, अब 42 परसेंट महंगी हो जाएगी रजिस्ट्री
छत्तीसगढ़ में जमीनों का गाइडलाइन में छूट न बढ़ने से मनी लॉड्रिंग पर भी अंकुश लगेगा। जाहिर है, पिछली कांग्रेस सरकार ने 30 प्रतिशत की छूट दी थी। भूमाफियाओं और बिल्डरों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव को देखते सरकार इस बार भी छूट एक साल के लिए बढ़ा देगी। मगर आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने भूकाफियों को झटका दे दिया।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2019 से जमीनों के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत की छूट दी गई थी। सरकार हर साल आदेश निकाल कर इस छूट की सीमा एक साल बढ़ा देती थी। कल 31 मार्च इसका आखिरी डेट है। आवास पर्यावरण विभाग ने छूट बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया है। आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने एनपीजी न्यूज से स्पष्ट तौर पर कहा कि गाइडलाइन रेट में छूट अब नहीं बढ़ाई जाएगी। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
सरकार ने छूट बढ़ाने का फैसला ऐसे समय में सार्वजनिक किया कि 31 मार्च में अब सिर्फ दो दिन बच गए हैं। 29 मार्च को देर शाम मंत्री ओपी चौधरी से एनपीजी न्यूज की बात हुई। उसके बाद छत्तीसगढ़ के नंबर वन न्यूज वेबसाइट एनपीजी न्यूज में यह खबर फ्लैश हुई। इसके बाद भूमाफियाओं और बड़े बिल्डरों में हड़कंप मच गया। रजिस्ट्री ऑफिस में मार्च की भीड़भाड़ को देखकर बड़ी संख्या में ऐसे रजिस्ट्रीयों को होल्ड करके रखा गया था कि अप्रैल में आराम से कराया जाएगा। मगर छूट समाप्त होने से अब जमीनों की रजिस्ट्री 43 प्रतिशत बढ़ जाएगी। याने बड़ी रजिस्ट्रियों में लाखों की चपत बैठेगी।
मनी लॉड्रिंग पर कंट्रोल
जमीनों के गाइडलाइन रेट में छूट समाप्त होने से मनी लॉड्रिंग पर अंकुश लगेगा। इस समय गाइडलाइन रेट कम होने से दो नंबर का पैसा जमीनों में खपाया जा रहा है। खासकर, भूमाफिया इसका जमकर फायदा उठा रहे थे।
भूमाफियाओं में हड़कंप
दरअसल, बड़े बिल्डरों और भूमाफियाओं को कतई उम्मीद नहीं थी कि गाइडलाइन रेट में छूट नहीं बढ़ाई जाएगी। लोकसभा चुनाव को देखते सभी को लग रहा था कि कम-से-कम इलेक्शन के दौरान तो ऐसा नहीं होगा। उपर से आचार संहिता लगने के बाद कई लोग ये समझे कि अब तो इसमें कुछ नहीं होगा। मगर उन्हें ये नहीं मालूम था कि आचार संहिता से इसका कोई वास्ता नहीं। 31 मार्च तक इसका डेट था और सरकार अगर नहीं बढ़ाई तो अपने आप छूट का ये आदेश समाप्त हो जाएगा। और वही हुआ। जाहिर है, इससे छत्तीसगढ़ के भूमाफियाओं और बिल्डरों को झटका लगा है।
1000 करोड़ का फायदा
सरकार द्वारा गाइडलाइन रेट में छूट की अवधि न बढ़ाने से जमीनों की रजिस्ट्री करीब 43 परसेंट महंगी हो जाएगी। इससे सरकारी खजाने में करीब एक हजार करोड़ अतिरिक्त राजस्व आएगा। वहीं, किसानों को भी इसका फायदा होगा। किसानों की जमीन अधिग्रहण में उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। छत्तीसगढ़ में चारों तरफ सड़कें बनने से बड़े स्तर पर जमीनों का अधिग्र्रहण चल रहा है। मगर गाइडलाइन कम होने से उन्हें रेट कम मिल रहा है। आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने भी यही कहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को इससे फायदा होगा।
