भूमाफियाओं का गढ़ बन गया छत्तीसगढ़, इस जिले में 250 एकड़ सरकारी जमीन का हो गया खेला
उत्तर छत्तीसगढ़ में 140 एकड़ सरकारी व वन भूमि का मामला सामने आने के बाद अब छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक कदम आगे 250 एकड़ सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस खेल में माफियाओं ने राजस्व अमले को भी अपने साथ ले लिया है। फर्जीवाड़ा में शामिल पटवारी को कोरबा कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया है। सरकारी जमीन के अफरा-तफरी के आरोप में 10 लोगों के लोगों के खिलाफ एफआईआर का निर्देश कलेक्टर ने दिया है।

कोरबा। छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीनों के साथ ही अब माफियाओं की नजर जंगल की जमीन पर जा टिकी है। उत्तर छत्तीसगढ़ में माफियाओं ने वनवासियों का हक मारते हुए वन अधिकार पट्टे को ही अपने नाम करा लिया है। 140 एकड़ जमीन का मामला कोर्ट पहुंच गया है। अब कोरबा जिले में करोड़ों की वन भूमि को कब्जा करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
कोरबा जिले के करतला तहसील के ग्राम चोरभट्टी में छोटे झाड़ का जंगल है। राजस्व रिकार्ड में वन भूमि के रूप में दर्ज 250 एकड़ जमीन को माफियाओं से मिलकर पटवारी ने प्राइवेट लैंड में तब्दील कर दिया है। प्राइवेट लैंड बनाने के साथ ही खसरा नंबर भी बना दिया है। किसान पुस्तिका भी 10 लोगों के नाम से स्वीकृत कर दिया है। बड़े पैमाने पर सुनियोजित ढंग से किए गए इस फर्जीवाड़े के कारण राज्य सरकार की बेशकीमती जमीन प्राइवेट लैंड में बदल गया है।
इस खेला किसी और ने नहीं पटवारी व कंप्यूटर आपरेटर ने मिलकर किया है। फर्जीवाड़े की जांच और यह सब प्रमाणित होने के बाद कलेक्टर ने पटवारी को निलंबित कर दिया है। वन भूमि को निजी भूमि बनवाने और कब्जा करने वाले 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर कराने का निर्देश कलेक्टर ने दिया है। कोरबा जिले के करतला तहसील अंतर्गत हल्का नंबर 34 ग्राम चोरभट्टी के पटवारी ने 250 एकड़ शासकीय जमीन निजी व्यक्तियों के नाम पर चढ़ा दी। मामले को संज्ञान में आने पर कलेक्टर अजीत बसंत ने एसडीएम से मामले का जांच कराने का निर्देश दिया था।
0 जमीन के एवज में बैंक से ले लिया लोन
जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि वन भूमि को अपने नाम कराने व ऋण पुस्तिका बनवाने के बाद लोगों ने बैंक से इसी जमीन को बंधक रखकर लोन भी ले लिया है। वन भूमि जिसका खसरा नंबर 223, 265, 312, 503, 980 है,को पटवारी ने 10 व्यक्तियों के नाम पर आरडी सीरिज में दर्ज कर सत्यापित किया है।
0 सरकारी जमीन के ये निजी भूमि स्वामी
विजय पिता मेलाराम, नवीन बहादुर पिता हरी बहादुर, गजानंद पिता हीरादास, रामेश्वर पिता सहेत्तर, धनेश पिता परसराम, हीरादास पिता भुवनदास, भालेश्वर पिता शिवकुमार, विनोद विश्वास पिता विवेक विश्वास, दोमेंन्द्र प्रसाद पिता महावीर, ज्योति राय पिता प्रिंस राय।
0 बैंक से लिया लोन,बंधक है जमीन
खसरा नंबर एवं रकबा 223/7, 265/7, 312/8, 503/10, 980/7 रकबा क्रमश: 2.500, 2.430, 1.980, 1.560, 1.852 हेक्टेयर एक्सिस बैंक रायपुर छत्तीसगढ़ में 27.12.2024 से बंधक है। उक्त भूमि का वर्तमान भूमि स्वामी रामेश्वर पिता सहेत्तर है। 223/9, 265/9, 312/10, 503/12, 980/9 रकबा क्रमश: 2.500, 2.199, 1.560, 1.880, 1.202 हेक्टेयर भूमि एयू स्माल फायनेंस बैंक चांपा में 21 जनवरी 2025 से बंधक है। उक्त भूमि का स्वामी वर्तमान में हीरादास पिता भुवन दास है। खसरा नंबर 223/12, 265/12, 312/13, 503/15, 980/12 रकबा क्रमश: 2.500, 2.850, 2.400, 1.640, 0.640 हेक्टेयर भूमि एक्सिस बैंक रायपुर छत्तीसगढ़ में बंधक है। उक्त भूमि का स्वामी वर्तमान में दोमेंन्द्र प्रसाद पिता महावीर है।
मामला सामने आने के बाद अब राजस्व विभाग उक्त जमीन को वापस शासकीय मद में दर्ज करने में जुट गया है। अब तक तीस खसरों को वापस निजी से शासकीय मद में दर्ज कर दिया गया है।