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Bhilai Cyber Fraud News : भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी से 37.50 लाख की ठगी, फेसबुक के चक्कर में गंवाए ज़िन्दगी भर की जमा पूंजी

Bhilai Cyber Fraud News : फेसबुक पर लुभावने विज्ञापन के जरिए एक बुजुर्ग को निवेश का झांसा देकर ठगों ने उनकी जिंदगी भर की जमा-पूंजी पर हाथ साफ कर दिया।

Bhilai Cyber Fraud News : भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी से 37.50 लाख की ठगी, फेसबुक के चक्कर में गंवाए ज़िन्दगी भर की जमा पूंजी
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Bhilai Cyber Fraud News : भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी से 37.50 लाख की ठगी, फेसबुक के चक्कर में गंवाए ज़िन्दगी भर की जमा पूंजी

By UMA

Bhilai Online Investment Fraud : भिलाई (दुर्ग)। भिलाई के रिसाली इलाके से ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है। फेसबुक पर लुभावने विज्ञापन के जरिए एक बुजुर्ग को निवेश का झांसा देकर ठगों ने उनकी जिंदगी भर की जमा-पूंजी पर हाथ साफ कर दिया। साइबर अपराधियों ने अब बुजुर्गों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपना सॉफ्ट टारगेट बनाना शुरू कर दिया है। भिलाई के रिसाली निवासी एक रिटायर्ड कर्मचारी निरंजन प्रसाद के साथ 37.50 लाख रुपये की बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने फेसबुक पर निवेश का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया और उनकी मेहनत की कमाई लूट ली।

Bhilai Online Investment Fraud : फेसबुक विज्ञापन से शुरू हुआ ठगी का खेल

घटना की शुरुआत फरवरी 2024 में हुई, जब निरंजन प्रसाद ने फेसबुक चलाते समय एक विज्ञापन देखा। इस विज्ञापन में दावा किया गया था कि यदि कोई व्यक्ति उनके माध्यम से निवेश करता है, तो उसे बैंक की तुलना में बहुत अधिक रिटर्न (मुनाफा) मिलेगा। रिटायरमेंट के बाद मिली मोटी रकम को सही जगह निवेश करने की तलाश में निरंजन प्रसाद ने विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया।

भरोसा जीतने के लिए अपनाई शातिर चाल

फोन पर बात करने वाले ठगों ने खुद को निवेश एक्सपर्ट बताया और भरोसा दिलाया कि उनके यहाँ पैसा लगाने पर हर महीने 4 प्रतिशत का निश्चित लाभ मिलेगा। निरंजन प्रसाद उनकी बातों में आ गए। ठगों ने शुरुआत में उनका विश्वास जीतने के लिए एक सोची-समझी साजिश रची।

शुरुआती कुछ महीनों तक उन्हें निवेश की गई छोटी रकम पर 4 प्रतिशत के हिसाब से लाभांश (प्रॉफिट) भेजा गया। जब निरंजन को लगा कि स्कीम असली है और पैसा बढ़ रहा है, तो उन्होंने अपना भरोसा मजबूत कर लिया और अलग-अलग किस्तों में कुल 37.50 लाख रुपये ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए।

पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु के खातों में गया पैसा

पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह रकम किसी एक खाते में नहीं, बल्कि पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में संचालित अलग-अलग फर्जी कंपनियों के बैंक खातों में भेजी गई थी। ठगों ने इतनी सफाई से काम किया कि निरंजन को शक ही नहीं हुआ कि उनका पैसा देश के अलग-अलग कोनों में जा रहा है।

4 महीने बाद खुला राज, नंबर हुए बंद

निवेश के करीब चार महीने बाद अचानक लाभांश मिलना बंद हो गया। जब निरंजन प्रसाद ने उन नंबरों पर फोन लगाया जिनसे पहले बात होती थी, तो सभी मोबाइल नंबर बंद आने लगे। काफी कोशिशों के बाद भी जब किसी से संपर्क नहीं हो पाया, तब उन्हें समझ आया कि वे एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं।

साइबर सेल कर रही है मामले की जांच

पीड़ित ने तुरंत नेवई थाना पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई और लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और पूरी फाइल साइबर सेल को सौंप दी है। साइबर एक्सपर्ट अब उन बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं, जिनके जरिए इस बड़ी ठगी को अंजाम दिया गया है।


सावधान रहें

साइबर ठगी से बचने का सबसे सरल तरीका यह है कि सोशल मीडिया या अनजान फोन कॉल पर मिलने वाले बंपर मुनाफे के झांसे में कभी न आएं। याद रखें, कोई भी वैध बैंक या निवेश कंपनी फेसबुक विज्ञापनों के जरिए रातों-रात पैसा दोगुना करने या हर महीने भारी ब्याज देने का दावा नहीं करती। अपनी मेहनत की कमाई कहीं भी निवेश करने से पहले उस संस्था की पूरी जांच-पड़ताल करें और किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। साथ ही, अनजान लोगों द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें और न ही उनके कहे अनुसार किसी अनजान खाते में पैसे ट्रांसफर करें। अगर आपके साथ कभी ऐसी कोई संदिग्ध गतिविधि होती है, तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करें या नजदीकी साइबर सेल को इसकी सूचना दें।

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