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Bhattiguda School: जहां कभी चलती थी AK-47 की क्लास, अब बच्चों को पढ़ाया जाएगा क-ख-ग! आज़ादी के बाद पहली बार भट्टीगुड़ा में खुला स्कूल

Bhattiguda School: एक ऐसा गाँव जहाँ आजादी के बाद पहली बार स्कूल खुला है. हम बात कर रहे हैं उसूर ब्लॉक के भट्टीगुड़ा गांव की. यहाँ स्कूल फिर चलो अभियान 2025 के तहत एक नवीन प्राथमिक शाला की शुरू किया गया है.

आजादी के बाद पहली बार नक्सलियों के गढ़ में खुला स्कूल
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Bhattiguda School

By Neha Yadav

Bhattiguda School: छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला भारत के सबसे अधिक माओवादी (नक्सली) प्रभाव वाले इलाकों में से एक है. घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा ये इलाका नक्सलियों के लिए जाना जाता है. भारत देश अंग्रेजों से तो आजाद हो गया पर नक्सलियों कब्जे में रहा. आजादी के बाद भी यहाँ कई गांव में शिक्षा नहीं पहुंच पायी. लेकिन जैसे जैसे एंटी नक्सल ऑपरेशन और सुरक्षाबलों के कैम्प के बाद धीरे-धीरे माओवादियों का दबदबा कम हो रहा है बीजापुर भी प्रगति के ओर कदम बढ़ा रहा है.

आजादी के बाद पहली खुला स्कूल

इसी कड़ी में एक ऐसा गाँव जहाँ आजादी के बाद पहली बार स्कूल खुला है. जहाँ सालों से लोगों को इसका इंतज़ार था. हम बात कर रहे हैं उसूर ब्लॉक के भट्टीगुड़ा गांव की. यहाँ स्कूल फिर चलो अभियान 2025 के तहत एक नवीन प्राथमिक शाला की शुरू किया गया है. खुले झोपड़ी के नीचे स्कूल की शुरुआत की गयी है. यहाँ कभी पहले केवल बम धमाकों, बंदूकों और गोलियों की आवाजें गूंजा करती थी. अब बच्चे की क, ख, ग और स्कूल की घंटी की की आवाजे गूंजेगी. हर के बच्चा स्कूल जायेगा. स्कूल खुलने से गाँव में खुशी और उम्मीद की लहर दौड़ गई है.

पहले दिन 65 बच्चे पहुंचे स्कूल

भट्टीगुड़ा गांव के इस प्राथमिक शाला में पहले दिन 75 बच्चों का नामांकन हुआ. जिसमें से 65 बच्चे उत्साहित होकर स्कूल पढ़ने पहुँचे. पहले ही दिन बच्चों को स्कूल बैग, कॉपी, पुस्तक और तीन सेट ड्रेस दिया गया. जिसमे एक स्पोर्ट्स ड्रेस शामिल है.

गांव में 200 से ज़्यादा बच्चे

भट्टीगुड़ा गांव के इस प्राथमिक शाला में स्थानीय युवक को शिक्षादूत के रूप में नियुक्त किया गया है. जो बच्चों को पढ़ने और बच्चों के माता पिता को उन्हें को पढ़ाने और शिक्षा के महत्व को बताएंगे. इस गांव में 200 से ज़्यादा बच्चे हैं ऐसे सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का उद्देश्य है. सककूल में दो रसोइया और एक सफाई कर्मी भी नियुक्त किया गया है. ताकि बच्चों को मध्यान्ह भोजन मिल सके.

कभी हुआ करता था नक्सलियों का ट्रेनिंग सेंटर

बता दें, भट्टीगुड़ा में माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर हुआ करता था. यहाँ नक्सलियों के ट्रेनिंग के लिए कैंप हुआ करते थे. जहां नक्सलवाद के बारे में पाठ पढ़ाया जाता था. इस ट्रेनिंग सेंटर में कई नक्सलियों के ठहरने के लिए पक्के बैरक बने होते थे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के एंटी नक्सल ऑपरेशन और सुरक्षाबलों के कैम्प के बाद यहाँ अब तक नक्सलियों के कई ट्रेनिंग सेंटर ध्वस्त किये गए हैं.


Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

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