Bharatmala Project Scam: भारत माला प्रोजेक्ट घोटाला: EOW के बाद अब ED की इंट्री, NPG.NEWS ने किया था घोटाले का पर्दाफाश, CM ने NPG की खबर के बाद EOW को सौंपा जांच का जिम्मा, अब ED की इंट्री
Bharatmala Project Scam: भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण में राजस्व विभाग के अफसर से लेकर मैदानी अमले ने 43 करोड़ का घोटाला किया है। घोटाले पर से सबसे पहले NPG.NEWS ने पर्दा उठाया था। हमने सिलसिलेवार घोटालेबाजों की करतूतों को बताया था। NPG.NEWS की खबर के बाद CM विष्णुदेव साय ने घोटाले की जांच का जिम्मा EOW को सौंपा था। EOW के बाद अब भूमि अधिग्रहण घोटाले में ED प्रवर्तन निदेशालय की इंट्री हो गई है। इंट्री भी धमाकेदार हुई है। ईडी ने घोटाले में शामिल लोगों के 9 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी है। सभी जगहों पर ईडी के अफसर तड़के दबिश दी और छापेमारी कार्रवाई शुरू की।

Bharatmala Project Scam: रायपुर। भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण में राजस्व विभाग के अफसर से लेकर मैदानी अमले ने 43 करोड़ का घोटाला किया है। घोटाले पर से सबसे पहले NPG.NEWS ने पर्दा उठाया था। हमने सिलसिलेवार घोटालेबाजों की करतूतों को बताया था। घोटालेबाजों ने अधिग्रहण से पहले जमीनों के छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए। ऐसा कर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने गजब कर दिया है। कॉरीडोर की घोषणा होने और भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई प्रारंभ करने बाद बैक डेट में जमीनों के नए सिरे से फर्जी दस्तावेज बनाए और उसेटुकड़ों में बांट दिया। टुकड़ों में बांटने से जमीन की कीमत बढ़ गई। ऐसा कर सरकारी खजाने को तकरीबन 43 करोड़ का चूना घोटालेबाजों ने लगाया है। एनपीजी की खबर के बाद राज्य सरकार ने पहले जगदलपुर नगर निगम के आयुक्त निर्भय साहू को सस्पेंड किया। इसके बाद कोरबा के डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे पर निलंबन की गाज गिरी। निर्भय कुमार साहू सहित आधा दर्जन अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा राशि की गड़बड़ी का आरोप लगा है।
EOW ने शुरू की जांच
राज्य सरकार के निर्देश पर EOW ने भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच शुरू कर दी है। भूमि अधिग्रहण से संबंधित दस्तावेजों को जब्त करने के साथ ही जांच पड़ताल शुरू कर दी है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से जुड़े अफसरों ने एक-एक फाइलों को खंगालना शुरू कर दिया है।
अब ED की इंट्री
ईओडब्ल्यू जांच के साथ ही साथ ही अब ईडी की इंट्री हो गई है। ईडी ने सोमवार को तड़के छत्तीसगढ़ के रायपुर और महासमुंद में स्थित 9 परिसरों में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई शुरू की है। यह तलाशी अभियान भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारे के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु मुआवजे के भुगतान में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में चलाया जा रहा है। यह तलाशी हरमीत सिंह खानुजा, उनके सहयोगियों, संबंधित सरकारी अधिकारियों और भूस्वामियों से जुड़े परिसरों को कवर करती है। रायपुर में हरमीत सिंह खनूजा के निवासी में ED की टीम ने दबिश दी। महासमुंद में मेघ बसंत इलाके में स्थित व्यवसायी जसबीर सिंह बग्गा के निवास पर छापेमारी चल रही है। दोनों ठिकानों पर सुबह 6 बजे से ईडी की टीम कार्रवाई कर रही है।
भारत माला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान को लेकर अनियमितताओं की जांच प्रवर्तन निदेशालय ED कर रही है। कड़ी सुरक्षा के बीच सभी ठिकानों पर दस्तावेजों की पड़ताल के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच की जा रही है। यह पूरा मामला आर्थिक काॅरीडोर निर्माण के लिए निजी भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा राशि के निर्धारण और भुगतान में गड़बड़ियों से जुड़ा है। जांच के दायरे में कुछ निजी व्यक्तियों, उनके सहयोगियों, सरकारी अधिकारियों और जमीन मालिकों के ठिकाने शामिल किए गए हैं। बताया जा रहा है कि मुआवजा वितरण में नियमों के उल्लंघन और संदिग्ध लेन-देन को लेकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
कौन हैं हरमीत सिंह खनूजा
हरमीत सिंह खनूजा छत्तीसगढ़ के रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर से जुड़े भूमि क्षतिपूर्ति भुगतान घोटाले में नामजद एक भूमि दलाल / एजेंट हैं। आरोप है कि उन्होंने भूमि अधिग्रहण के मुआवजे को फर्जी तरीके से हासिल करने, बंटवाने में मदद की, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। कागजों में फर्जी दस्तावेज, नकली बंटवारे और म्यूटेशन (बदलाव) कर के मुआवजा प्राप्त किया और पैसा अलग खातों में ट्रांसफर किया। 25 अप्रैल 2025 को आर्थिक अपराध शाखा EOW ने उनके खिलाफ छापेमारी और गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
ऐसे दिया घोटाले को अंजाम
भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया। कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को सस्पेंड किया गया था। निर्भय कुमार साहू सहित 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा राशि की गड़बड़ी का आरोप है।
टुकड़ों में बांटा जमीन को, 80 नए नाम चढ़ाए
राजस्व विभाग के मुताबिक, मुआवजा करीब 29.5 करोड़ का होता है। अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरे में बांट दिया। मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। इससे 559 मीटर जमीन की कीमत करीब 29.5 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई।
अभनपुर बेल्ट में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ मुआवजा राशि निर्धारित की गई। जिसमें से 246 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं 78 करोड़ रुपए का भुगतान अभी रोक दिया गया है।
ये है भारत माला परियोजना
भारत माला परियोजना केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी सड़क परियोजना में से एक है। इसके जरिए तकरीबन 26 हजार किलोमीटर आर्थिक कॉरिडोर विकसित किया जाना है। यह कॉरिडोर गोल्डन क्वाड्रिलेटरल, नॉर्थ-साउथ और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से जुड़ेंगे। रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर इसी परियोजना का अहम हिस्सा है।
