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Bharatmala Project: भारतमाला परियोजना में धांधली करने वाले अफसर हुए फरार,6 आरोपियों को विशेष न्यायालय ने उद्घोषणा जारी कर अदालत में पेश होने दिया आदेश

Bharatmala Project: भारतमाला परियोजना में धांधली करने वाले राजस्व विभाग के छह अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत से वारंट जारी होने के बावजूद उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। जिस पर विशेष न्यायाधीश ने छह आरोपियों के खिलाफ उद्घोषणा जारी कर उन्हें अदालत में पेश हो अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।

Bharatmala Project: भारतमाला परियोजना में धांधली करने वाले अफसर हुए फरार,6 आरोपियों को विशेष न्यायालय ने उद्घोषणा जारी कर अदालत में पेश होने दिया आदेश
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By Radhakishan Sharma

Bharatmala Project: रायपुर। भारतमाला परियोजना में धांधली कर 18 गुना ज्यादा मुआवजा आबंटन कर भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाने वाले एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार तथा तीन पटवारियों को अब तक एसीबी गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं कर पाई है। मार्च माह में ही भारतमाला परियोजना में धांधली पर इन्हें निलंबित किया गया था। एसीबी ने इनके विरुद्ध अपराध तो कायम किया था पर अभी तक इन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इसलिए अदालत ने इनके खिलाफ उद्घोषणा जारी करते हुए 29 जुलाई को पेश होकर पक्ष रखने का आदेश जारी किया है।

भारतमाला परियोजना में आज 28 जून को राजस्व विभाग के 6 आरोपी अधिकारियों निर्भय कुमार साहू एसडीएम राजस्व,शशिकांत कुर्रे तहसीलदार, लखेश्वर किरण नायब तहसीलदार, जितेंद्र साहू, बसंती धृतलहरें,लेखराम देवांगन तीनों पटवारियों के विरुद्ध राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एंटी करप्शन ब्यूरो में अपराध क्रमांक 30/ 2025 धारा सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की यथा संशोधित अधिनियम 2018 एवं धारा 467,468,471,420,120 बी भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया है। उक्त अपराध के आधार पर विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर की अदालत ने सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी किया गया था। पर वारंट को यह कह कर लौटा दिया जाता है कि आरोपी मिल नहीं रहे हैं और फरार हो गए हैं। जिसके चलते विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर नीरज शर्मा ने सभी आरोपियों को 29 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया है।

क्या है मामला

भारतमाला परियोजना के तहत विशाखापट्टनम रायपुर तक बन रही कॉरिडोर में एसडीएम निर्भय साहू एवं अन्य ने गलत मुआवजा पत्रक बना टुकड़ों बटांकन कर कई गुना ज्यादा मुआवजा राशि भूमाफियों को दिलवा दिया। जिससे शासन को 600 करोड रुपए की हानि हुई। मामला संज्ञान में आने पर मार्च महीने में तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू एवं दो तहसीलदार तथा तीन पटवारी को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के समय निर्भय कुमार साहू जगदलपुर नगर निगम आयुक्त थे। सरकार ने भारत माला घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया। जिसके तारतम्य में ईओडब्ल्यू में अपराध कायम किया गया है और जांच की जा रही है। पर नामजद एफआईआर होने के बावजूद अब तक एसीबी 6 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

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