Bastar Loksabha Chunav 2024: युद्ध जैसे हालात में छत्तीसगढ़ की महिला CEO रीना बाबा कंगाले बस्तर में मुस्तैदी से करा रही चुनाव, 70 हजार जवानों के पहरे में कल होगी वोटिंग...
Bastar Loksabha Chunav 2024: रीना बाबा कंगाले (Reena Baba Knagale) के पिता महाराष्ट्र में पुलिस कमिश्नर रहे हैं। रीना को हौसला और दमखम अपने पिता से मिला। तभी देश में कश्मीर घाटी के बाद दूसरे सबसे बड़े हिंसा प्रभावित इलाका बस्तर में वे निर्भिक होकर चुनाव करा रही हैं। बस्तर यु़द्धस्थल से कम नहीं है, जहां सड़कों पर बारुदी सुरंगों का जाल बिठा हुआ है। पग-पग पर मौतें मुंह बाये खड़े रहती है। नक्सल हिंसा में एक हजार से अधिक जवान शहीद हो चुके हैं।
Bastar Loksabha Chunav 2024: रायपुर। देश के सर्वाधित नक्सल हिंसा प्रभावित बस्तर में संवेदनशील इलाके में चुनाव कराना हमेशा से एक चुनौती रही है। बस्तर देश का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाका है। पिछले दो दशक में वहां हजार के करीब सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो चुके हैं तो लगभग इतने ही सिविलियन भी जान गवाएं हैं। बस्तर में हर चुनाव में नक्सली खून खराबा करते हैं। कभी पोलिंग पार्टी पर हमला तो कभी वायु सेना के हेलीकॉप्टर पर गोलीबारी। बस्तर की संवेदनशीलता इससे समझी जा सकती है कि बस्तर में पहले से एयरफोर्स के तीन हेलिकाप्टर तैनात हैं। इसके बाद भी चुनाव आयोग निर्विघ्न चुनाव (Bastar Loksabha Chunav 2024) कराने बस्तर में भारतीय वायु सेना के हेलिकाप्टर और एयर एंबुलेंस अतिरिक्त प्रदान मुहैया कराता है। ताकि कोई घटना होने पर फौरन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके। देश में कश्मीर और मणिपुर के अलावा और किसी राज्य में चुनाव के लिए वायु सेना के चौपर नहीं भेजे जाते। बस्तर में पहले से 60 हजार जवान तैनात हैं। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के (Bastar Loksabha Chunav 2024) लिए अलग से केंद्रीय सुरक्षा बलों की 111 कंपनियां और बस्तर भेजी है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 भी आईएएस रीना बाबा कंगाले (Reena Baba Knagale) ने बतौर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संपन्न कराया। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2024 की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है। उनके पिता नागपुर के पुलिस कमिश्नर रहे हैं। रीना मुस्तैदी से बस्तर में निर्विघ्न चुनाव (Bastar Loksabha Chunav 2024) कराने के लिए जुटी हुई हैं। सुबह ऑफिस पहुंच देर रात तक मीटिंग, मानिटरिंग, चुनाव आयोग से वीडियो कांफ्रेंसिंग चलती रहती है।
निजी स्कूलों पर जुर्माना लगाकर चर्चा में रहीं
रीना बाबा कंगाले (Reena Baba Knagale) जब दुर्ग की कलेक्टर थीं, तब उन्होंने दो निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूली के मामले में 114 करोड़ रुपए जुर्माना किया था। इस फैसले के बाद कलेक्टर के साहसिक कदम की काफी चर्चा रही, क्योंकि उस दौरान दुर्ग व राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में पालक संघ के सदस्य आंदोलित थे।
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11 गोल्ड मैडल के साथ एलएलबी
आईएएस रीना बाबा साहेब कंगाले का जन्म नागपुर में हुआ। उनके पिता आईपीएस अधिकारी थे। रीना का जन्म आठ मार्च 1978 को हुआ था। वे 2003 में यूपीएससी से आईएएस सलेक्ट हुईं। उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से फर्स्ट डिवीजन में एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। वे यूनिवर्सिटी की टॉपर थीं और 11 गोल्ड मैडल अपने नाम किया था। छत्तीसगढ़ कैडर मिलने के बाद उन्हें दुर्ग के असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। इसके बाद दुर्ग, दंतेवाड़ा और कोरबा की कलेक्टर रहीं।
2011-12 में डायरेक्टर एजुकेशन बनीं। इसके बाद 2015-2017 तक खनिज विभाग की डायरेक्टर रहीं। 2017-2019 तक आदिम जाति कल्याण विभाग की सचिव रहीं। इसके बाद 2019 से 2020 तक वाणिज्यिक कर विभाग की सचिव रहीं। जनवरी 2020 में उन्हें मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई। रीना को मशहूर लेखकों की किताबें पढ़ना और बैडमिंटन खेलना पसंद है।