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Bastar Loksabha Chunav 2024: फोर्स हाई अलर्ट परः वोटिंग के दिन नक्सली बस्तर में मचा सकते हैं तांडव! फोर्स अलर्ट, सावधानी बरतने के निर्देश

Bastar Loksabha Chunav 2024: बस्तर में फोर्स अब नक्सलियों पर भारी पड़ रही है। कांकेर में कल जवानों ने बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए 29 माओवादियों को मार गिराया। पहली बार इतनी बड़ी सफलता से वामपंथी उग्रवादी जाहिर है, बौखलाएं होंगे।

Bastar Loksabha Chunav 2024: फोर्स हाई अलर्ट परः वोटिंग के दिन नक्सली बस्तर में मचा सकते हैं तांडव! फोर्स अलर्ट, सावधानी बरतने के निर्देश
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By Sandeep Kumar Kadukar

Bastar Loksabha Chunav 2024: रायपुर। देश के सबसे अधिक नक्सल हिंसा प्रभावित छत्तीसगढ़ के बस्तर में सांसद चुनने के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। आज शाम से वहां प्रचार रुक जाएगा। दूरस्थ और संवेदनशील मतदान केंद्रों के लिए मतदान कर्मियों को हेलिकाप्टर से भेजने का काम प्रारंभ हो गया है।

2022 में 13 डीआरजी जवानों की जान लेने के बाद नक्सली बस्तर में कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दिए हैं। जानकारों का मानना है कि नक्सलियों का लीडरशीप धीरे-धीरे अब समाप्त हो रहा है। सो, नक्सली भी कमजोर पड़ते जा रहे हैं। उनके बैकफुट पर जाने की यही वजह है। पिछले कुछ महीने से नक्सलियों द्वारा छिटपुट वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। कई बार मुखबिरी की शक में ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं। मगर फोर्स को बड़ा कोई नुकसान नहीं पहुंचाए हैं। कांकेर जिले में कल एक बड़ी मुठभेड़ में फोर्स ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया। पहली बार फोर्स को इतनी बड़ी कामयाबी मिली है। एडीजी नक्सल विवेकानंद ने बताया कि 29 नक्सलियों के शव मिल बरामद किया गया। नक्सल इतिहास का ये सबसे बड़ा नुकसान हुआ नक्सलियों को। देश में कभी भी इतनी बड़ी संख्या में माओवादी नहीं मारे गए।

बदले की ताक में...

चुनाव आयोग के अफसरों के साथ ही पुलिस के अफसर भी मानते हैं कि इस बार बस्तर संभाग में बस्तर और कांकेर लोकसभा सीट पर वोटिंग कराने की चुनौती बढ़ गई है। क्योंकि, वोटिंग के दिन नक्सली अपने अस्तित्व का अहसास कराने चुनाव को बाधित करने का प्रयास करेंगे। इस दौरान अंदेशा है फोर्स के साथ उनका मुठभेड़ हो जाए। हालांकि, नक्सलियों के बैकफुट पर जाने से बस्तर में तैनात 60 हजार से अधिक केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों का हौसला बढ़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ में नई सरकार आने के बाद पिछले चार महीनों में पुलिस के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में करीब 50 नक्सली मारे गए हैं। लिहाजा, नक्सली इस ताक में रहेंगे कि फोर्स और पोलिंग पार्टी को नुकसान पहुंचाएं। हालांकि, फोर्स भी अलर्ट मोड पर है। चुनाव आयोग के साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स ने अपने जवानों को अलर्ट किया हुआ है।

बस्तर में 62 हजार हथियारबंद जवान

फोर्स की तैनात के मामले में कश्मीर के बाद बस्तर देश का दूसरा इलाका है जहां केंद्रीय सुरक्षा बलों की करीब 45 बटालियन तैनात हैं। हालांकि, छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी की 49 बटालियन तैनात हैं। मगर इनमें से कुछ गरियाबंद, सरगुजा और राजनांदगांव में हैं। एक सीनियर आईपीएस अधिकारी ने एनपीजी न्यूज को बताया कि 49 में से 45 बटालियन बस्तर में तैनात हैं। एक बटालियन में एक हजार जवान होते हैं। याने 45 हजार। और 17 बटालियन छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के हैं। याने करीब 62 हजार। इसके अलावे थानों में राज्य पुलिस के जवान हैं।

बारुदी सुरंगों का जाल

बस्तर में केंद्रीय और राज्य सशस्त्र बलों की तैनाती तो बड़ी संख्या में है मगर बस्तर के भूगोल और वर्तमान परिस्थितियों के बारे में जिसे पता है, उसे आश्चर्य नहीं होगा। बस्तर एक तो क्षेत्रफल के मामले में केरल राज्य से बड़ा है। इतना बड़ा कि बेल्जियम और इजराईल जैसे देश भी उससे पीछे हैं। मणिपुर बस्तर से काफी छोटा ही नहीं बल्कि आबादी के मामले में भी कम है। बस्तर के सघन जंगल, सर्पिली सड़कें, उंचे पहाड़ नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनाते हैं। फिर माओवादियों ने सड़कों में बारुदी सुरंगों का जाल बिछा दिया है। बस्तर में पोस्टेड रहे एक रिटायर आईजी ने बताया कि पुरानी सड़कों में बारुदी सुरंगे तो बिछी ही है, नई सड़कों पर भी कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। वे बताते हैं, बारुदी सुरंगे नक्सलियों के लिए बड़ा हथियार हैं। बस्तर के नक्सली इलाकों में वाहन से फोर्स नहीं जाते। अलबत्ता, पैदल जाते सुरक्षा बलों को भी वे बारुदी सुरंगों को विस्फोट कर भगदड़ मचा देते हैं और उसके बाद फिर अंधाधुंध फायरिंग। बस्तर में 95 प्रतिशत नक्सली घटनाएं बारुदी सुरंगों के जरिये की गई है। नक्सलियों ने सड़कों पर विस्फोटक इतने गहरे लगाए हैं कि फोर्स के सुरक्षा उपकरण भी वे पकड़ नहीं पाते।

196 मतदान केंद्र क्रीटिकल

निर्वाचन आयोग ने बस्तर संभाग के छह जिलों के 196 मतदान केंदों को बेहद क्रीटिकल बूथ के तौर पर चिन्हित किया है। इन सभी केंद्रों में केंंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा। इन बूथों पर निगरानी के लिए माईक्रो आब्जर्बर नियुक्त किए जाएंगे। वेबकास्टिंग के जरिये भी इन बूथों की मानिटरिंग की जाएंगी।

156 केंद्रों पर हेलिकाप्टर से पोलिंग पार्टी

बस्तर के छह जिलों के 156 मतदान केंद्रों तक पहुंचने का रास्ता नक्सलियों के गढ से होकर जाता है। उन सड़कों पर माओवादियों ने अनगिनत बारुदी सुरंगे बिछा रखी है। नक्सली उन सड़कों पर कई बड़े वारदातों को अंजाम देकर 300 से अधिक सुरक्षा बलों के जवानों की जान ले चुके हैं। इसलिए चुनाव आयोग इन इलाकों में हेलिकाप्टर से मतदान दल भेजेगा। इसके लिए 10 एमआई हेलिकाप्टरों की सेवाएं ली जाएंगी। अफसरों ने बताया कि हेलिकाप्टरों की लैंडिंग के लिए 44 बेस बनाए गए हैं।

234 मतदान केंद्र शिफ्ट

निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा की दृष्टि से बस्तर संभाग के आठ में से पांच जिलों के 234 मतदान केंद्रों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्थ किया है। ये 234 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां बिना रोड ओपनिंग के सुरक्षा बलों की टुकड़िया भी नहीं जा सकती। इनमें से कई स्थानों पर सुरक्षा बलों के कैंपों में तैनात जवानों के लिए हेलिकाप्टर से जरूरी सामान भेजे जाते हैं। या फिर रोड ओपनिंग के बाद गाड़ियों का काफिल रवाना होता है।

2 एयर एंबुलेंस तैयार

बस्तर में आपात स्थिति में मतदान कर्मी या जवानों को बेहतर इलाज के लिए शिफ्थ करने दो एयर एंबुलेंस तैयार रहेंगे। इनमें एक हेलिकाप्टर और एक चार्टर प्लेन शामिल हैं। दोनों जगदलपुर पहुंच चुके हैं। और 21 अप्रैल तक यहीं रहेंगे। किसी हादसे में जख्मी मतदान कर्मी या जवानों को रायपुर से बाहर मेट्रो सिटी में शिफ्थ करना होगा, तो उसके लिए एयर एंबुलेंस के रूप में एयरफोर्स का चार्टर प्लेन 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेगा।

पैदल चलना होगा

बस्तर में सुरक्षा की दृष्टि से 234 मतदान केंद्रों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्थ किया गया है, इससे सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा के मतदान केंद्र 196 के वोटरों को 18 किलोमीटर पैदल चलकर मुर्लिगुदा मतदान केंद्र के कक्ष क्रमांक-2 जाना होगा। ये इलाके बारुदी सुरंगों से इस कदर पटे हुए हैं कि न चुनाव आयोग और न ही राजनीतिक पार्टियों वहां के वोटरों के लिए कोई वाहन का इंतजाम कर सकते। क्योंकि, नक्सली हमेशा वोटिंग का विरोध करते हैं। वे नहीं चाहेंगे कि कोई ग्रामीण उन बूथों पर आसानी से पहुंच जाएं।

Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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