Balrampur Patwari Suspended : धान खरीदी में ढिलाई पड़ी भारी, कलेक्टर ने 2 पटवारियों को थमाया निलंबन का आदेश
Balrampur Patwari Suspended : छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का अभियान केवल एक सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि प्रदेश के किसानों के लिए सबसे बड़ा उत्सव और आर्थिक आधार है।

Balrampur Patwari Suspended : धान खरीदी में ढिलाई पड़ी भारी, कलेक्टर ने 2 पटवारियों को थमाया निलंबन का आदेश
Balrampur Patwari Suspended : बलरामपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का अभियान केवल एक सरकारी प्रक्रिया नहीं, बल्कि प्रदेश के किसानों के लिए सबसे बड़ा उत्सव और आर्थिक आधार है। यही कारण है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। ताजा मामला बलरामपुर जिले से सामने आया है, जहाँ कलेक्टर ने कार्य के प्रति लापरवाही और आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में दो पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया है।
Balrampur Patwari Suspended : क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत धान खरीदी का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इस प्रक्रिया में पटवारियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि गिरदावरी, रकबा सत्यापन और किसानों के डेटा के सही मिलान की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होती है। बलरामपुर कलेक्टर को लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ क्षेत्रों में धान खरीदी के कार्यों में पारदर्शिता और गति की कमी है।
Balrampur Patwari Suspended : समीक्षा के दौरान पाया गया कि तहसील रामचंद्रपुर में पदस्थ पटवारी बंधन राम और तहसील रामानुजगंज में पदस्थ पटवारी विजय यादव ने अपने आवंटित कार्यों में गंभीर लापरवाही बरती है। इन पटवारियों द्वारा समय पर रिपोर्ट न देना और प्रशासनिक निर्देशों का पालन न करना शासन के 'जीरो टॉलरेंस' नीति के खिलाफ पाया गया।
कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई
कलेक्टर ने इन दोनों पटवारियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 और वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के तहत कार्रवाई की है। जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि शासकीय सेवा के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन न करना एक गंभीर अपराध है, विशेषकर तब जब मामला सीधे किसानों के हित और राज्य की सबसे बड़ी योजना (धान खरीदी) से जुड़ा हो।
निलंबन की अवधि के दौरान दोनों पटवारियों को उनके वर्तमान कार्यक्षेत्र से हटा दिया गया है। बंधन राम का मुख्यालय अब तहसील कार्यालय कुसमी होगा, वहीं विजय यादव को तहसील कार्यालय शंकरगढ़ में अपनी उपस्थिति देनी होगी। नियम के अनुसार, इस अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता ही देय होगा।
प्रशासन का सख्त संदेश
बलरामपुर कलेक्टर की इस कार्रवाई ने जिले के अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच एक स्पष्ट संदेश भेज दिया है। धान खरीदी के सीजन में सरकार का लक्ष्य है कि हर पात्र किसान का धान सुगमता से खरीदा जाए और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या देरी न हो। यदि कोई कर्मचारी इस महत्वपूर्ण कड़ी में बाधा बनता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
जिले के राजस्व अमले में इस निलंबन के बाद हड़कंप की स्थिति है। कई अन्य क्षेत्रों में भी अब कर्मचारी अपने अधूरे कार्यों को पूरा करने में जुट गए हैं। कलेक्टर ने अन्य अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वे लगातार फील्ड का दौरा करें और धान खरीदी केंद्रों पर नजर बनाए रखें ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
किसानों के हित में बड़ा कदम
किसानों का कहना है कि पटवारियों की लापरवाही की वजह से कई बार रकबा सत्यापन में देरी होती है, जिससे उन्हें टोकन कटवाने या धान बेचने में समस्या आती है। प्रशासन की इस तरह की सख्ती से व्यवस्था में सुधार आने की उम्मीद है।
