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बढ़ा श्रमिकों का सम्मानः सुरक्षा और रोजगार की गारंटी के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से कामगारों के जीवन में आ रहा बदलाव

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार की योजनाओं से सूबे में श्रमिकों का जीवन स्तर उंचा उठ रहा है। सरकार उनके लिए कई योजनाएं चला रही हैं।

बढ़ा श्रमिकों का सम्मानः सुरक्षा और रोजगार की गारंटी के साथ छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से कामगारों के जीवन में आ रहा बदलाव
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By Sandeep Kumar

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिसमें मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए विशेष सहायता दी जा रही है। नई श्रमिक नीति द्वारा असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिला श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी और कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों को अनिवार्य बनाया गया है। महिला शक्ति केंद्रों के विस्तार से प्रत्येक जिले में महिला शक्ति केंद्र स्थापित कर महिला श्रमिकों को कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देकर महिला स्वावलंबन के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सखी वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए त्वरित सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था।

मनरेगा में महिलाओं के भागीदारी बढ़ाने रोजगार दिवसों में महिलाओं के न्यूनतम 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल शामिल हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं श्रम की गरिमा को बढ़ावा देने और जीवन स्तर सुधारने की दिशा में सराहनीय पहल हैं। महतारी जतन योजना के तहत अब तक 1,351 श्रमिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। यह योजना गर्भवती महिलाओं को पोषण और प्रसवपूर्व देखभाल हेतु वित्तीय सहायता देती है, ताकि मातृत्व और शिशु जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रह सके। मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के तहत 2,672 विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान की गई है, जिससे उन्हें स्कूल जाने में सुविधा हो और शिक्षा बाधित न हो। मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना के अंतर्गत 1,887 श्रमिकों को उनके कार्य के अनुरूप औजार उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर होकर कार्य में दक्षता ला सकें। मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना के तहत 306 महिलाओं को स्वरोजगार हेतु सिलाई मशीन दी गई है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है। वहीं श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई, जिसके तहत 3,536 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली है।

इससे शिक्षा की ओर रुझान बढ़ा है और भविष्य की राहें खुली हैं। मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना में 211 छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास योजना में 1,031 श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें नई तकनीकों और कार्य दक्षता की जानकारी दी गई है, जिससे वे बेहतर रोज़गार के अवसर प्राप्त कर सकें। सुरक्षा उपकरण सहायता योजना के अंतर्गत 1,230 निर्माण श्रमिकों को हेलमेट, जैकेट, सेफ्टी शूज़ आदि दिए गए, जिससे उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। वही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत 78 श्रमिक परिवारों को राहत दी गई, जिनके सदस्य या तो दिव्यांग हुए या जिनकी मृत्यु कार्य के दौरान हो गई हो । मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत 494 लड़कियों को विवाह, शिक्षा या स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता दी गई। वृद्ध श्रमिकों को भी सरकार ने नहीं भुलाया, उन्हें मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत पेंशन स्वरूप 56 लाभार्थियों को सहायता दी जा रही है । इसके अतिरिक्त बच्चों को निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी सहायता योजना से 507 छात्र लाभान्वित हुए, जिससे वे गरिमामय तरीके से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे श्रमिक बच्चों को निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना के अंतर्गत 8 छात्रों को संसाधन व मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया है। निर्माण श्रमिकों को आवास हेतु मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत 7 श्रमिकों को घर बनाने में मदद मिली है।

केंद्र सरकार की श्रमिक कल्याण योजना का मिल रहा लाभ

केंद्र सरकार की योजनाओं की बात करें तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 709 श्रमिकों को नाममात्र प्रीमियम पर 2 लाख का जीवन बीमा कवर प्रदान किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1,412 श्रमिकों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिला है, जिसमें आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 2 लाख तक की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार की एक और उल्लेखनीय पहल है “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न सहायता योजना“ जिसका शुभारंभ 29 मार्च 2025 को मनेंद्रगढ़ नगर पालिका परिषद परिसर में किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 200 से 250 श्रमिकों को मात्र 05 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह न केवल भूख की समस्या का समाधान है, बल्कि यह श्रमिकों को आत्मसम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने की राह भी देता है।

छत्तीसगढ़ सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है। इस अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर हम सभी का कर्तव्य बनता है कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करें, उन्हें सम्मान दें और उनके जीवन को बेहतर बनाने में सहभागी बनें। क्योंकि जब श्रमिक मुस्कुराता है, तो समाज मुस्कुराता है। जब श्रमिक सुरक्षित होता है, तो राष्ट्र सशक्त होता है। और जब श्रमिक प्रगति करता है, तो देश आगे बढ़ता है।

हर हाथ को काम, हर पेट को अन्न’ है सरकार की नीति

श्रम विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के अंतर्गत अटल श्रम सशक्तिकरण योजना के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 125 करोड़ 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वर्ष 2025-26 में पंजीकृत 2 लाख 26 हजार संगठित श्रमिकों के लिए राज्य शासन के अनुदान हेतु 6 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन का कहना है कि विष्णु देव सरकार की सोच है कि हर हाथ को काम मिले उसका उचित दाम मिले और हर पेट को अन्न मिले यह हमारी सरकार की आदर्श नीति है। इस नीति को क्रियान्वित करने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ करने की घोषणा की गई है, जिसके परिपालन में इस वर्ष 13 जिलों में 31 भोजन केंद्र प्रारंभ किए जा चुके हैं। जिसका विस्तार चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में समस्त जिलों में किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों एवं निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु विकासखण्ड स्तर पर मोबाईल कैम्प लगाए जाने की पहल विभाग द्वारा की गई है। अब तक 4 हजार 705 मोबाईल कैम्प लगाए जा चुके हैं।

औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतु चालू वित्तीय वर्ष में 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। श्रम विभाग के अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं का मुख्य दायित्व श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को भी चिकित्सा हित लाभ उपलब्ध कराया जाता है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के लिए 64 करोड़ 18 लाख रूपए का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है।

श्रमिक कल्याण योजनाओं का दिख रहा प्रभाव

छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला जो छत्तीसगढ़ के नए जिलों में से एक है, यहां के मेहनतकश श्रमिकों की मेहनत और लगन इस क्षेत्र की आर्थिक धड़कन बन चुकी है। इस जिले की सड़कों से लेकर निर्माण स्थलों तक, खेतों से लेकर खदानों तक श्रमिकों का पसीना इस इलाके की तरक्की में संजीवनी की तरह काम करता है। जब हम इस क्षेत्र में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या को देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह जिला श्रमिक शक्ति का केंद्र बन चुका है। मंडल स्तर पर भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल (ठव्ब्) के अंतर्गत 30,534 श्रमिक पंजीकृत हैं और असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल में 30,118 श्रमिकों का नाम दर्ज है। जिला गठन के बाद भी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल में 6,257 और असंगठित क्षेत्र में 4,601 श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। कुल मिलाकर 71,510 श्रमिकों का पंजीकरण होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुँच रही हैं और श्रमिक अपने हक के प्रति जागरूक हो रहे हैं। ब्लॉक स्तर पर बात करें तो मनेंद्रगढ़ में 26,065 श्रमिक पंजीकृत हैं, वहीं खड़गवां ब्लाक में 22,847 और भरतपुर ब्लाक में 10,739 श्रमिक पंजीकृत है, ये आँकड़े न केवल प्रशासनिक सक्रियता को दर्शाते हैं बल्कि यह भी प्रमाणित करते हैं कि श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी कितनी अहम है। इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार के संयुक्त प्रयासों से अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

महिला मजदूरों के लिए 10 से ज्यादा योजनाएं

छत्तीसगढ़ में महिला श्रमिकों कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से मिनीमाता महतारी जतन योजना है, जो पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत बच्चे के जन्म के बाद पंजीकृत महिला श्रमिकों को 20 हजार की एकमुश्त राशि मिलती है। इसके अलावा राज्य सरकार विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम और सहायता योजनाएं भी चलाती है, जो महिला श्रमिकों को सशक्त बनाने में मदद करती हैं। मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 18 से 50 वर्ष आयु के बीच की पंजीकृत महिला श्रमिकों को सिलाई मशीन के लिए सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण के लिए सहायता प्रदान करती है।छत्तीसगढ़ महिला कोष महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन करता है, जिसमें वित्तीय सहायता प्रशिक्षण और अन्य संसाधन शामिल हैं। घरेलू महिला कामगार कौशल उन्नयन एवं ठेका श्रमिक, हमाल कामगार परिवार सशक्तिकरण योजना,घरेलू महिला श्रमिकों, ठेका श्रमिकों और हमाल श्रमिकों के कौशल विकास और परिवार को सशक्त बनाने के लिए योजना है।

सक्षम योजना छत्तीसगढ़ महिला कोष के तहत संचालित एक योजना है जो विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा और अविवाहित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है। महतारी वंदन योजना से महिलाओं को 1 हजार रूपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार महिला श्रमिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है, प्रशिक्षण के बाद उनके रोजगार का प्रबंध भी कर रही है, ताकि उन्हें आर्थिक मजबूती मिल सके, सरकार माताओं-बहनों तक जनहितैषी योजनाओं के शत प्रतिशत लाभ की पहुंच भी सुनिश्चित कर रही है। जबकि स्वयं सहायता समूहों के जरिए आर्थिक स्वतंत्रता और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय सरकार में प्रदेश के विकास में महिला श्रमिकों के योगदान को सम्मान मिला है।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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