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Arpa-Bhainsajhad Land Scam: RTO सस्पेंड: NPG की खबर पर मुआवजा कांड में सरकार ने आरटीओ को किया सस्पेंड, महीने भर में लगातार छह खबरें प्रकाशित हुई...

1100 करोड़ के अरपा-भैंसाझर नहर परियोजना में किसानों का मुआवजा बिल्डरों और भूमाफियाओं को दे देने वाले कोटा के तत्कालीन एसडीएम को सरकार ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया। मुआवजा में बड़े खेला करने के बाद एसडीएम बिलासपुर के आरटीओ बन बैठे थे। मगर NPG.NEWS ने मुआवजा कांड पर्दाफाश नहीं किया बल्कि लगातार आधा दर्जन से अधिक खबरें लगाया कि किस तरह एसडीएम ने खेला किया और बाद में जुगाड़ लगाकर उसी जिले में आरटीओ बन बैठे। एनपीजी की खबर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के संज्ञान में आई। उन्होंने अरपा-भैंसाझाड़ घोटाले की जांच ईओडब्लू से कराने का आदेश दिया। उसी दिन एसडीएम के निलंबन की पृष्ठभूमि तैयार हो गई थी। सीएम ने अफसरों को एसडीएम को सस्पेंड करने का आदेश दिया।

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By Gopal Rao

Arpa-Bhainsajhad Land Scam: रायपुर। अरपा भैंसाझार परियोजना के तहत नहर निर्माण के लिए भू अर्जन में अनियमितता कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले डिप्टी कलेक्टर वर्तमान में बिलासपुर आरटीओ आनंद रूप तिवारी को राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर निलंबित कर दिया है।

बता दें एनपीजी ने इस घोटाले को लगातार प्रमुखता से उठाया था और खुलासा किया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने ईओडब्लू को इसकी जांच सौंप दी है। अब दोषी अधिकारी को निलंबित भी कर दिया गया है।

बिलासपुर के अरपा भैंसाझार नहर वितरक लाइन में भू अर्जन की कार्यवाही में अनियमितता की गई। जमीनों का कई टुकड़ों में बटांकन किया गया। विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नहर का एलायाटमेंट बदल दिया गया। मामले में तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार ने जांच करवा राजस्व एवं सिंचाई विभाग के दोषी अफसर के खिलाफ कार्यवाही के लिए प्रस्ताव भेजा था। 1 साल से भी अधिक समय तक के कोई कार्यवाही नहीं हुई।

करोड़ों के घोटाले को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कोटा के तत्कालीन एसडीएम आनंदरूप तिवारी ने पटवारी मुकेश साहू को जरिया बनाया। पटवारी से आरआई के पद पर मुकेश की पदोन्नति के बाद एसडीएम ने रिलीव करने का आदेश जारी कर दिया था। रिलीव करने के बाद भी मुकेश से पटवारी का काम लेते रहे और फर्जी मुआवजा प्रकरण बनवाते रहे।

29 जून को काेटा के एसडीएम आनंद रूप तिवारी ने मुकेश साहू को सकरी के पटवारी पद से भार मुक्त करने का आदेश पारित किया। एसडीएम के आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार ने उसी दिन कार्यमुक्त कर दिया और उसकी सेवा पुस्तिका में भी इसे दर्ज कर दिया। इसके बाद भी बतौर पटवारी वे काम करते रहे और फर्जी मुआवजा प्रकरण बनाते रहा है।


0 किसानों की जमीन पर बन गया नहर, मुआवजा हड़प लिया बिल्डर्स ने

शत्रुहन पिता मोतीलाल की 41 डिसमील व मेंड्रा निवासी किसान लक्ष्मण पिता रामफल की 27 डिसमील जमीन नहर निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी। इनके नाम से मुआवजा प्रकरण भी बना। पटवारी मुकेश साहू ने मुआवजा पत्रक व भूअर्जन दस्तावेजों में कांट-छांट कर दोनों किसानों के नाम को गायब कर दिया। दोनों किसानों के बजाय 41.32 लाख का फर्जी भुगतान आसमां बिल्डर्स के नाम मुआवजा बना दिया और राशि का भुगतान भी कर दिया है। जिसका फर्जी प्रतिवेदन पटवारी मुकेश साहू ने जुलाई 2020 में बनाया। खास बात ये कि 29 जून 2020 को मुकेश साहू को पटवारी पद से भार मुक्त कर दिया गया था।

0 इसलिए बदल दिया नहर का एलाइमेंट

लोरमी निवासी वर्तमान में बिलासपुर के सत्ताइस खोली निवासी मनोज अग्रवाल पिता पवन अग्रवाल की 29 डिसमील जमीन का मुआवजा देने के लिए पटवारी व राजस्व अफसरों ने नहर का एलाइमेंट बदल दिया है। 29 डिसमील जमीन के अधिग्रहण के लिए शासन स्तर पर राजपत्र में प्रकाशन भी नहीं हुआ है। राजस्व अमले और अफसरों ने एक व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए कागजाें में पूरा खेल कर दिया और सरकारी खजाने को जमकर नुकसान पहुंचाया है। बिलासपुर साकेत एक्सटेंशन निवासी पवन अग्रवाल पिता राधेश्याम अग्रवाल का मुआवजा पत्रक से नाम काटकर लोरमी निवासी शारदा देवी पति पवन अग्रवाल व मनोज पिता पवन अग्रवाल के नाम 88.76 लाख का फर्जी मुआवजा बना दिया और भुगतान भी कर दिया।

0 29 डिसमिल जमीन और 3 करोड़ 42 लख रुपए का भुगतान

मनोज अग्रवाल पिता पवन अग्रवाल की जिस जमीन पर नहर निर्माण होना बताया जा रहा है वह नहर से तकरीबन 200 मीटर दूर है। नहर का एलाइमेंट बदलकर 200 मीटर पहले बने नहर को कागजों में 200 मीटर दूर बता दिया और मनोज अग्रवाल के स्वामित्व वाली जमीन खसरा नंबर 1/4 , 1/6 की कुल 29 डिसमिल जमीन का पहले अधिग्रहण किया और फिर मुआवजा प्रकरण बनाकर 3 करोड़ 42 लख रुपए का भुगतान कर दिया। जमीन की कीमत बढ़ाने के लिए बंजर जमीन को पटवारी ने दोफसली बता दिया। झोपड़ी को कागज में मकान बना दिया।

0 तीन किसानों की जमीन पर बन गया नहर

पटवारी के अलावा राजस्व अधिकारियों व अमले ने एक और गजब किया। जिन किसानों की जमीन नहर निर्माण की जद में आई और वर्तमान में नहर बन गया है उन किसानों को आजतलक मुआवजा नहीं मिल पाया है। ये किसान आज भी मुआवजा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। अशोक कुमार संतोष कुमार की खसरा नंबर 4/1, 4/2 की 12 डिसमिल जमीन और तुलसीराम व अन्य किसानों की 17 डिसमिल जमीन का भुगतान नहीं किया गया।

0 पटवारी के खिलाफ कार्रवाई कर राजस्व विभाग ने फाइल किया बंद

करोड़ाें के मुआवजा घोटाले में राजस्व विभाग के आला अफसरों ने भी जांच और कार्रवाई के नाम पर बड़ा खेला किया है। पटवारी मुकेश साहू जो पदोन्नत होकर राजस्व निरीक्षक बन गया था। घोटाले के आरोप में उसे बर्खास्त कर विभाग ने फाइल दबा दी है।

0 कलेक्टर ने इन अफसरों को जांच में पाया है दोषी, कार्रवाई के लिए लिखा है पत्र

जिला स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर बिलासपुर ने जल संसाधन विभाग के सिकरेट्री और कमिश्नर बिलासपुर संभाग को दोषी पाए गए अधिकारियों के नामों की सूची के साथ कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इन अफसरों को फर्जीवाड़ा का दोषी पाया गया है।

0 राजस्व अफसर जो मिले दोषी

आनंदरुप तिवारी, तत्कालीन एसडीएम कोटा,कीर्तिमान सिंह राठौर तत्कालीन एसडीएम कोटा, मोहरसाय सिदार नायब तहसीलदार,हुल सिंह आरआई, दिलशाद अहमद पटवारी सकरी,मुकेश साहू पटवारी सकरी।

0 जल संसाधन विभाग के दोषी अफसर

आरएस नायडू कार्यपालन अभियंता, एके तिवारी कार्यपालन अभियंता,राजेंद्र प्रसाद मिश्रा अनुविभागीय अधिकारी,आरपी द्विवेदी अनुविभागीय अधिकारी,आरके राजपूत सब इंजीनियर

0 तीन डिसमिल जमीन का साढ़े 12 करोड़ एकड़ की दर से कर दिया भुगतान

तीन डिसमिल जमीन का साढ़े 12 करोड़ रूपये एकड़ के दाम पर मुआवजा दिया है। मुआवजा जिसे दिया है वह भी फर्जी। झोपड़ी को मकान और बंजर जमीन को दोफसली बताने का करामात भी कर दिखाया है। राजस्व दस्तावेजों में पटवारी ने ऐसी कलम चलाई कि एक रकबा को तीन टुकड़ों में बांट दिया। इतना ही नहीं एक नया रकबा बनाया और करोड़ों रुपये एसडीएम के साथ मिलकर पटवारी ने डकार दिया। झोपड़ी के आसपास की जमीन को दोफसली बताकर मुआवजा राशि तय कर दी। मुआवजा की रकम सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। प्रति एकड़ साढ़े 12 करोड़ की दर से झोपड़ी और आसपास की बंजर जमीन को दस्तावेजों में दोफसली बताकर खसरा नंबर 1/4 अर्जित रकबा 0.03 एकड़ बताकर 37,37,871/-लाख रुपये का भुगतान कर दिया है।

Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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