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Ambikapur: पंडित दास आए तो थे कलेक्टर के पास असाक्षर, पर जनदर्शन से लौटे अपना नाम लिखना सीखकर...

Ambikapur: खनपुर विकासखंड के ईरगवां गांव से आवेदक पंडित दास अपना आवेदन लेकर पहुंचे थे। कलेक्टर ने आवेदक का आवेदन लिया और जब आवदेक के हस्ताक्षर की जगह अंगूठे की छाप देखी, तो...

Ambikapur: पंडित दास आए तो थे कलेक्टर के पास असाक्षर, पर जनदर्शन से लौटे अपना नाम लिखना सीखकर...
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By Sandeep Kumar

अम्बिकापुर। कलेक्टर सरगुजा विलास भोसकर की अध्यक्षता में प्रति मंगलवार समयसीमा के बैठक के बाद कलेक्टर जनदर्शन आयोजित किया जाता है। कलेक्टर जनदर्शन में फरियादी अपने आवेदन लेकर पहुंचते हैं जिनके निराकरण के लिए कलेक्टर द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है। आज मंगलवार को हमेशा की तरह जनदर्शन चल रहा था और आवेदन लिए जा रहे थे।

इसी बीच लखनपुर विकासखंड के ईरगवां गांव से आवेदक पंडित दास अपना आवेदन लेकर पहुंचे थे। कलेक्टर ने आवेदक का आवेदन लिया और जब आवदेक के हस्ताक्षर की जगह अंगूठे की छाप देखी, तो उन्होंने पंडित दास से उनकी शिक्षा की जानकारी ली। आवेदक ने बताया कि वे पढ़े लिखे नहीं है, इसलिए अंगूठा लगाते हैं।

कलेक्टर ने उन्हें अपना नाम लिखना सीखना के लिए प्रेरित किया जिसका असर हुआ कि जनदर्शन खत्म होने से पहले ही पंडित दास अपना नाम लिखना सीख गए। उन्होंने साक्षरता अभियान के तहत साक्षरता कार्यालय में कर्मचारियों की मदद से अपना नाम लिखना सीखा और आखिर में अंगूठा लगाने की बजाय कलेक्टर के समक्ष धीरे-धीरे हस्ताक्षर करके पुनः अपना आवेदन प्रस्तुत किया।

कलेक्टर ने साक्षरता के जिला परियोजना अधिकारी गिरीश गुप्ता को ग्राम इरगवां में साक्षरता कक्षा संचालन हेतु आवश्यक निर्देश भी दिए। कलेक्टर एवं जन दर्शन में उपस्थित सभी विभागीय अधिकारियों ने ताली बजाकर दास को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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