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Aman Singh: पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला क्लोज, कोर्ट ने कहा...EOW 3 साल में आरोपों को साबित करने में विफल रही

Aman Singh: छत्तीसगढ़ के बेहद ताकतवर नौकरशाह रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को कोर्ट ने न केवल खतम कर दिया है बल्कि एफआईआर को भी रद्द कर दिया है। जाहिर है, इससे अमन सिंह को बड़ी राहत मिली है।

Aman Singh: पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला क्लोज, कोर्ट ने कहा...EOW 3 साल में आरोपों को साबित करने में विफल रही
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By Sandeep Kumar Kadukar

Aman Singh रायपुर। छत्तीसगढ़ के ताकतवर अफसर रहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले को कोर्ट ने क्लोज कर दिया है। ईओडब्लू ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया था। कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया।

रायपुर की निचली अदालत ने 16 अप्रैल के एक आदेश में राज्य ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। रिपोर्ट में पाया गया कि अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बनाया जा सकता है।

अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करते हुए अहम टिप्पणी की...राज्य की ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा तीन साल की जांच के बाद भी अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को साबित करने में नाकाम रही। बता दें, वर्तमान विष्णुदेव सरकार के सत्ता में आने से पहले पिछले साल दिसंबर में राज्य सरकार की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी।

भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी सिंह, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में एक शक्तिशाली नौकरशाह और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव थे। 2018 में बीजेपी सरकार के जाने के बाद उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया और नवंबर 2022 में अदानी समूह में शामिल हो गए।

ज्ञातव्य है, आरटीआई कार्यकर्ता के आवेदन पर फरवरी 2020 में छत्तीसगढ़ की ईओडब्ल्यू ने कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में सिंह और उनकी पत्नी यासमीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। बिलासपुर उच्च न्यायालय ने दो साल पहले एफआईआर को रद्द कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपों के बिना जांच किसी केस को रद्द नहीं करना चाहिए।

प्रसिद्ध आपराधिक वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के तहत एफआईआर का इस्तेमाल “एक ईमानदार अधिकारी अमन सिंह और प्रसिद्ध कलाकार उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए किया गया था, जिससे उन्हें काफी मानसिक पीड़ा के दौर से गुजरना पड़ा। उन्होंने कहा, “हालांकि, अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने से आखिरकार न्याय मिल गया।“

इसी भावना को व्यक्त करते हुए, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुमार, जिन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया, ने कहा कि राजनीतिक उतपीड़न से लोक सेवकों के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक विचारों के लिए ईमानदार अधिकारियों को निशाना बनाया जाना हतोत्साहित करने वाला है।

Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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