Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, रोक के बाद तोड़ा मकान, ढहाया मकान फिर से बनाने अफसरों को दिया आदेश
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी के साथ ही सख्ती दिखाई है कि कोर्ट के आदेश की अफसर अवहेलना कर रहे हैं। स्थगन आदेश के बावजूद मकान को बुलडोजर से ढहाने से नाराज हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के घर को फिर से बनाकर देने का आदेश दिया है। नाराज कोर्ट ने अफसरों को व्यक्तिगत रूप से तलब करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में मुदकमा चलाया जाए।

Allahabad High Court: इलाहाबाद। न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आला अफसरों को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने के आरोप में मुदकमा चलाया जाए। नाराज कोर्ट ने अफसरों को याचिकाकर्ता के घर को बनाकर देने का आदेश दिया है।
अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बागपत जिले के कलेक्टर, उपजिलाधिकारी और तहसीलदार पर सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा है कि स्थगन आदेश के बाद भी याचिकाकर्ता महिला का मकान क्यों ढहा दिया है। नाराज कोर्ट ने याचिकाकर्ता के घर को फिर से बनाकर देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि राज्य के अधिकारी न्यायालयीन आदेश की अवहेलना कर गर्व की अनुभूति करते हैं। याचिका की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य के कार्यकारी अधिकारी व पुलिस के अफसर न्यायालयीन आदेश की अवमानना कर गर्व महसूस करते हैं। यह उनके लिए अपराधबोध का नहीं बल्कि उपलब्धि का विषय बन गया है।
0 कोर्ट की सामने आई नाराजगी
नाराज कोर्ट ने तीनों अफसरों को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने तीनों अफसरों से पूछा है कि न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में क्यों न उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि स्थगन आदेश के बाद याचिकाकर्ता के घर को ढहा दिया है। कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर गिराए गए भवन को सरकारी खर्च पर दोबारा बनाकर मूल स्थिति में बहाल करने का आदेश दिया जाए।
0 कोर्ट ने जारी किया था स्थगन आदेश
याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश दिया था कि याचिकाकर्ता के निर्माण को ध्वस्त नहीं किया जाएगा और किसी भी प्रकार की वसूली पर भी रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के बावजूद राजस्व अफसरों ने याचिकाकर्ता के घर
पर बुलडोजर चलवा दिया। याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर कर बताया है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई के लिए पहुंचे अफसरों को हाई कोर्ट के आदेश की कापी भी दिखाया था। अफसरों ने आदेश पढ़ने के बाद भी स्थगन आदेश को नजर अंदाज करते हुए घर को तोड़वा दिया है। अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता द्वारा यह बताया जा रहा है कि कोर्ट ने स्टे दे दिया है तो संबंधित अफसरों का यह कर्तव्य बनता है कि किसी भी विध्वंस जैसी कठोर कार्रवाई से तब तक रुक जाएं, जब तक कि कोर्ट के आदेश की पुष्टि न हो जाए। कोर्ट ने कहा कि किसी न्यायिक आदेश का उल्लंघन कर की गई कोई भी कार्रवाई शून्य मानी जाती है।
