Adopted Child in New Testament: अब बच्चा गोद लेने से पहले और बाद में ये भी करना होगा, जारी हुआ गाइडलाइंस...
Adopted Child in New Testament: केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ को जारी किया निर्देश, बच्चे के लिए नया नियम जारी...

Adopted Child in New Testament: रायपुर। बच्चा गोद लेने का नियम पहले ही सख्त किया जा चुका है, ताकि मानव तस्करी या अन्य तरह के अपराधों से बचा जा सके और बच्चा सही अभिभावक के हाथों में जाए। इस बीच केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने बच्चा और गोद लेने वाले अभिभावक के लिए जरुरी दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार सहित सभी राज्यों को इसका पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। प्राधिकरण ने अब पालक और यदि बच्चा समझदार हो चुका है तो उनके परामर्श के लिए गाइड लाइन जारी की है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने सभी राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन एजेंसियों (एसएआरए) को दत्तक ग्रहण प्रक्रिया से पूर्व, दत्तक ग्रहण के दौरान और दत्तक ग्रहण के बाद के सभी चरणों तक - संरचित परामर्श सेवाओं को सुदृढ़ और संस्थागत बनाने के लिए व्यापक निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश किशोर न्याय (बालकों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 (वर्ष 2021 में संशोधित) की धारा 70(1)(क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत जारी किए गए हैं और दत्तक ग्रहण विनियम, 2022 के प्रावधानों के अनुरूप हैं। इस पहल का उद्देश्य सभी हितधारकों - भावी दत्तक माता-पिता (पीएपी), दत्तक बच्चों और अपने बच्चे को गोद देने वाले जैविक माता-पिता - के लिए मनोसामाजिक सहायता ढांचे को सुदृढ़ करना है। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि परामर्श दत्तक ग्रहण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण घटक है और यह बच्चों और संबंधित परिवारों, दोनों की भावनात्मक तैयारी, सुचारु परिवर्तन और दीर्घकालिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। 7 जुलाई, 2025 को जारी ज्ञापन, दत्तक ग्रहण विनियम, 2022 के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत निर्धारित संरचित और आवश्यकता-आधारित परामर्श सेवाओं की अनिवार्य प्रकृति को दोहराता है।
निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण को ज़िला और राज्य स्तर पर योग्य परामर्शदाताओं को नामित या सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया है। इन पेशेवरों की आदर्श रूप से बाल मनोविज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य या सामाजिक कार्य में पृष्ठभूमि होनी चाहिए। विनियम 10(7) के अनुसार, गृह अध्ययन रिपोर्ट (एचएसआर) प्रक्रिया के दौरान भावी दत्तक माता-पिता को दत्तक-ग्रहण पूर्व परामर्श प्रदान करना अनिवार्य कर दिया गया है। बड़े बच्चों को विनियम 30(4)(c) के अनुसार, दत्तक-ग्रहण प्रक्रिया से पहले और उसके दौरान परामर्श सहायता प्राप्त होनी चाहिए।
विशिष्ट परिस्थितियों में गोद लेने के बाद परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए, जैसे कि जब गोद लिया गया बच्चा अपने मूल का पता लगाने के लिए खोज शुरू करता है, बच्चे और दत्तक परिवार के बीच समायोजन न होने की स्थिति में, या ऐसी किसी भी स्थिति में जो गोद लेने की प्रक्रिया में संभावित व्यवधान या विघटन का संकेत देती है। ये दत्तक ग्रहण विनियम, 2022 के विनियम 30(4)(ई), 14(4), 14(6)(बी), और 21(6) के अंतर्गत आते हैं। इन निर्देशों में विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसियों (एसएए) या जिला बाल संरक्षण इकाइयों (डीसीपीयू) द्वारा मूल्यांकन की गई किसी भी अन्य परिस्थिति में मनोसामाजिक हस्तक्षेप के प्रावधान भी शामिल हैं। अपने बच्चों को गोद देने वाले जैविक माता-पिता के लिए परामर्श अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हें 60 दिनों के बाद अपने निर्णय की कानूनी अंतिमता और भविष्य में मूल खोज करने के बच्चे के अधिकार के बारे में, विनियम 7(11) और 30(2)(सी) के अनुसार, सूचित किया जाना चाहिए। देखभाल की पारदर्शिता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए सभी परामर्श सत्रों और मनोसामाजिक हस्तक्षेपों को विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसियों (एसएए) और जिला बाल संरक्षण इकाइयों (डीसीपीयू), दोनों स्तरों पर व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड और प्रलेखित किया जाना चाहिए।
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केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने सभी राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि ये निर्देश उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों, बाल देखभाल संस्थानों और संबंधित विभागों में एकरूपता से लागू हों। प्राधिकरण ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि परामर्श केवल एक नियामक औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक महत्वपूर्ण सहायक तंत्र है जो बच्चे के सर्वोत्तम हित को बनाए रखता है और गोद लेने की समग्र सफलता में योगदान देता है। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण देश में एक सुदृढ़, बाल-अनुकूल और भावनात्मक रूप से सहायक दत्तक ग्रहण इकोसिस्टम के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। इन उपायों के माध्यम से, केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक दत्तक ग्रहण एक सुरक्षित और प्रेमपूर्ण पारिवारिक वातावरण सृजन की दिशा में एक कदम हो।
