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एक्शन में सरकार- जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के दो कर्मचारी डिसमिस, दो का डिमोशन व तीन का इंक्रीमेंट ब्रेक

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक स्टाफ उप समिति की बैठक में बड़ा निर्णय लिया गया है। किसानों के बैंक खाते से लाखों के हेराफेरी के आरोप में जूनियर क्लर्क हर्षिता पांडेय व धर्मेंद्र साहू को बर्खास्त कर दिया है। दो कर्मचारियों का डिमोशन व तीन कर्मचारियों का इंक्रीमेंट ब्रेक कर दिया है।

एक्शन में सरकार- जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के दो कर्मचारी डिसमिस, दो का डिमोशन व तीन का इंक्रीमेंट ब्रेक
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By Radhakishan Sharma

बिलासपुर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक स्टाफ उप समिति के निर्णय अनुसार हर्षिता पटेल, कनिष्ठ लिपिक एवं धर्मेन्द्र साहू, भृत्य को सेवा से पृथक कर दिया गया है। इसके साथ ही रुची पाण्डेय, लिपिक सह कंप्यूटर आपरेटर को निम्नतर वेतनमान में डिमोशन किया गया है। अनामिका साव, प्रशाप्र, अनुपमा तिवारी, लिपिक सह कंप्यूटर आपरेटर एवं अशोक कुमार पटेल, लिपिक सह कंप्यूटर आपरेटर का दो वेतन वृध्दि संचयी प्रभाव से रोका गया है।

0 इन पर गिरी गाज, जानिए क्या है आरोप

01. हर्षिता पटेल (कनिष्ठ लिपिक, निलंबित): जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक नेहरू चौक बिलासपुर के खातेदार प्रार्थी रामकुमार कौशिक, के द्वारा थाना सिविल लाइन जिला बिलासपुर में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया गया कि इसके बचत खाता के. 10600077164 से किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा 16.04.2020 से 16.05.2020 तक एटीएम के मध्यम से करीबन 5,57000.00 रूपये काआहरण कर लिया है। शिकायत जांच कर 24.06.2020 को अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध क्रमांक 444/2020 धारा 420 भादवि कायम का विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि बैंक के अन्य खातेदार ठाकुर राम साहू के खाता कं.606002095289 से 160000.00 रूपये, शिवकुमार साहू के खाता कं. 606002054965 से 60000.00 रूपये, प्रताप नाथ चड्डा के खाता कं.606002003570 से 40000.00 रूपये, तथा मथुरा प्रसाद सोनी के खाता क्रं. 606002048319 से 40000.00 रूपये का आहरण किया गया है। जबकि उक्त पांचों व्यक्तियों के द्वारा एटीएम कार्ड के लिए एवं एटीएम कार्ड को एक्टिवेट कराने आवेदन नही दिया गया था, ना ही एटीएम कार्ड जिला सहकारी बैंक से प्राप्त किया गया था।

जांच अधिकारी के द्वारा हर्षिता पटेल, कनिष्ठ लिपिक (निलंबित) के विरुध्द संस्थित विभागीय जांच प्रकरण में आरोप क्रमांक01 से 03 एवं पूरक आरोप में उल्लेखित आरोप के सिध्द पाये जाने, थाना सिविल लाइन के द्वारा विवेचना के संबंध में प्रस्तुत पत्र तथा उक्त पत्र में हर्षिता पटेल की स्वीकारोक्ति होने के कारण तथा एटीएम कार्ड के माध्यम से की गई गड़बड़ी की राशि जमा नहीं किये जाने तथा प्रारंभिक जांच एवं विभागीय जांच में प्रस्तुत प्रतिउत्तर/अभ्यावेदन समाधान कारक नही पाये जाने तथा 'अंतरित विशेष अंकेक्षण प्रतिवेदन' के निष्कर्ष में उल्लेखित टिप्पणी के कारण बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन निबंधन एवं उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम क0 57 (एक) गंभीर दंड अंतर्गत क० (द) में "सेवा से पृथक करना जो कि भावी नियोजन के लिये निर्हरता न होगी" दंड दिये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया तथा एटीएम कार्ड से गड़बड़ी की राशि मय ब्याज सहित वसूली किये जाने हेतु सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की घारा 64/84 के अंतर्गत सक्षम न्यायालय में वाद दायर किये जाने का निर्णय भी सर्वसम्मति से लिया गया।

02.धर्मेन्द्र कुमार साहू (भृत्य)- धर्मेन्द्र कुमार साहू की भर्ती के संबंध में जारी विज्ञापन 01.01.2013 की कंडिका 05 (अ) में अभ्यार्थी छ.ग. का मूल निवासी होना आवश्यक है, इस हेतु सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा का उल्लेख है। कार्यालयीन रिकार्ड एवं स्थापना कक्ष के द्वारा नोटशीट में उल्लेखित टीप के अनुसार धर्मेन्द्र साहू के व्यक्तिगत रिकार्ड एवं नस्ती में छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होने संबंधी प्रमाण पत्र नही पाया गया है। जांच प्रतिवेदन में जांच अधिकारी को श्री धर्मेन्द्र साहू के द्वारा दिनांक 18.07.2024 को प्रस्तुत जवाब जो कि पृष्ठ कं.28 की कंडिका क्रं.05 में यह उल्लेख किया गया है कि मेरा नियुक्ति आदेश क्रं. 6438 दिनांक 23.02.2013 के पूर्व से ही मैं छत्तीसगढ में

निवासरत हूं जिसका प्रमाणक मेरा मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लायसेंस, बिजली बिल, आधार कार्ड, स्थानीय निवास प्रमाण इत्यादि दस्तावेजों की (छायाप्रति संलग्न) है। धर्मेन्द्र साहू के द्वारा आधार कार्ड इशु डेट 17.08.2014 है। स्थानीय निवास प्रमाण पत्र 18.07.2024 को लोक सेवा केन्द्र तहसील कार्यालय बिलासपुर में तैयार किया गया है, जो कि वर्तमान का है एवं स्थानीय निवासं प्रमाण पत्र है। जबकि विज्ञापन की कंडिका में छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होने संबंधी प्रमाण पत्र भी नही है तथा भर्ती के कई वर्ष बाद स्थानीय निवास प्रमाण पत्र तैयार किया गया है।

03. रुची पाण्डेय, लिपिक सह कंप्यूटर आपरेटर, तात्कालीन शाखा बस स्टैंड इनके द्वारा बैंक के विभिन्न मदों के बीजीएल खाते से अपने स्वयं के सेविंग खाता क्रमांक 106000011758 में जमा कर राशि 143988.00 रू. का गबन करते हुए बैंक को आर्थिक क्षति कारित की गई हैं। विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित पाये जाने एवं स्वंय के द्वारा राशि जमा कराये जाने पर आरोप के प्रमाणित होने की पुष्टि होने पर स्टाफ उप समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि रुची पाण्डेय, लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर (निलंबित) के द्वारा प्रस्तुत स्पष्टिकरण के प्रस्तुत प्रतिउत्तर, प्रारंभिक जांच में प्रस्तुत प्रतिउत्तर एवं विभागीय जांच में प्रस्तुत प्रतिउत्तर अभ्यावेदन को समाधानकारक नही पाया गया एवं विभागीय जांच में आरोप सही पाये गये तथा स्वंय के खाते में बैंक के विभिन्न बीजीएल खातों से राशि स्थानांतरित किये जाने व इसकी स्वीकारोक्ति अपने आवेदन में किये जाने के कारण व गबन की गई राशि बैंक में जमा किये जाने के कारण प्रभारित आरोप पूर्णतः प्रमाणित पाये गये अतः बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन निबंधन एवं उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम क0 57 (एक) गंभीर दंड अंतर्गत क० (अ) में रुची पाण्डेय पूर्ण सेवाकाल की अवधि के लिये वर्तमान पद (लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर) से निम्न श्रेणी के वेतनमान (प्रारंभिक मूल वेतन) में पदावनत करना। रुची पाण्डेय को भविष्य में लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर के पद पर प्राप्त होने वाली वेतन वृध्दि पाने की पात्रता होगी, का दंड दिये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। रुची पाण्डेय लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर के प्रारंभिक वेतन प्राप्त करने की अधिकारी होगी।

04.अनामिका साव, प्र०शा०प्र०, बस स्टैंड बैंक के विभिन्न मदों के बीजीएल खाते से रुची पाण्डेय के द्वारा अपने स्वयं के सेविंग खाता क्रमांक 106000011758 में जमा कर राशि 143988.00 रू. का गबन करते हुए बैंक को आर्थिक क्षति कारित की गई हैं, जिसमें श्रीमती अनामिका साव की आई०डी० प्रयुक्त की गई थी।

05. अनुपमा तिवारी, लिपिक सह कम्प्युटर आपरेटर, बस स्टैंड बैंक के विभिन्न मदों के बीजीएल खाते से रुची पाण्डेय के द्वारा अपने स्वयं के सेविंग खाता क्रमांक 106000011758 में जमा कर राशि 143988.00 रु. का गबन करते हुए बैंक को आर्थिक क्षति कारित की गई हैं, जिसमें अनामिका साव की आई०डी० प्रयुक्त की गई थी।

06. अशोक कुमार पटेल, लिपिक सह कंप्यूटर आपरेटर, अड़भड इनके द्वारा शाखा बलौदा में कैशियर रहने के दौरान कम रकबे वाले कृषक को अधिक रकबा दर्शाकर राशि आहरित कराये जाने में संलिप्तता पाये जाने पर बैंक कर्मचारी सेवा (नियोजन निबंधन एवं उनकी कार्यस्थिति) नियम 1982 के नियम क0 57(2) (द) के अंतर्गत साधारण दंड की श्रेणी में आता है, साथ ही तात्कालीन शाखा प्रबंधक करुणेश चंद्राकर, सेवा पृथक कनिष्ठ लिपिक को स्टाफ उप समिति की बैठक दिनांक 20. 06.2024 में सेवा पृथक किये जाने का निर्णय उक्त प्रकरण में लिया गया है। जांच प्रतिवेदन का निष्कर्ष समाधानकारक नही पाये जाने के कारण एवं तात्कालीन शाखा प्रबंधक करुणेश चंद्राकर के द्वारा संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें संभाग बिलासपुर में सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (ख) दिये गये बयान के परिपेक्ष्य में अशोक कुमार पटेल की संलिप्तता प्रथम दृष्टया परिलक्षित होती है। सहकारिता विभाग के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में आरोप के समर्थन में निष्कर्ष प्रगट होता है।

0 स्टाफ कमेटी की बैठक में इनकी रही मौजूदगी

03.12.2024 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के स्टाफ उप समिति की बैठक कलेक्टर एवं प्राधिकृत अधिकारी अवनीश शरण की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। जिसमें जिसमें उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थायें बिलासपुर, सदस्य, उप संचालक कृषि, कृषि विभाग बिलासपुर, सदस्य एवं बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सचिव के रुप में बैठक में उपस्थित थे।

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