1980 Movie Unknown Facts: बॉलीवुड की एक हॉरर फिल्म जिसने डायरेक्टर की ज़िंदगी कर दी तबाह, तात्रिकों ने पहले ही दी थी चेतावनी
1980 Movie Unknown Facts: बॉलीवुड में इन दिनों हॉरर फिल्मों का दौर लौट आया है। शैतान, मुंज्या, भूतनी और तुम्बाड जैसी फिल्मों ने दर्शकों को डराने के साथ ही सिनेमाघरों तक उनका ध्यान खींचा है। लेकिन एक हॉरर फिल्म ऐसी भी रही, जो साल 1980 में आई और उस हॉरर फिल्म में डॉयरेक्टर की जिंदगी में काफी गहरा असर डाला। दरअसल हम बात कर रहे हैं फिल्म ‘गहराई’ की। पद्मिनी कोल्हापुरे, अमरीश पुरी, अनंत नाग और श्रीराम लागू स्टारर फिल्म आई थी जिसका निर्देशन अरुणा राजे ने किया था। ये फिल्म काले जादू और अंधविश्वास पर आधारित थी। उस दौर में भी कई लोगों ने अरुणा को इस फिल्म को बनाने से रोका। लेकिन उन्होंने अपनी रिसर्च और दृढ़ संकल्प से फिल्म बनाई। जिसकी बहुत भारी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी।

1980 Movie Unknown Facts: बॉलीवुड में इन दिनों हॉरर फिल्मों का दौर लौट आया है। शैतान, मुंज्या, भूतनी और तुम्बाड जैसी फिल्मों ने दर्शकों को डराने के साथ ही सिनेमाघरों तक उनका ध्यान खींचा है। लेकिन एक हॉरर फिल्म ऐसी भी रही, जो साल 1980 में आई और उस हॉरर फिल्म में डॉयरेक्टर की जिंदगी में काफी गहरा असर डाला। दरअसल हम बात कर रहे हैं फिल्म ‘गहराई’ की। पद्मिनी कोल्हापुरे, अमरीश पुरी, अनंत नाग और श्रीराम लागू स्टारर फिल्म आई थी जिसका निर्देशन अरुणा राजे ने किया था। ये फिल्म काले जादू और अंधविश्वास पर आधारित थी। उस दौर में भी कई लोगों ने अरुणा को इस फिल्म को बनाने से रोका। लेकिन उन्होंने अपनी रिसर्च और दृढ़ संकल्प से फिल्म बनाई। जिसकी बहुत भारी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी।
डायरेक्टर अरुणा राजे ने हालही में मीडिया को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा था कि फिल्म के बाद मेरी बेटी चल बसी, पति ने तलाक दिया और ज़िंदगी एकदम टूट गई। उन्होंने आगे बताया कि वे बेंगलुरु में अपने परिवार के साथ रहती थी। उनकी मां रोज़ गार्डन में कुछ न कुछ अजीब चीज़ें ढूंढती थीं, क्योंकि उनके पापा राजनीति में थे और काला जादू वहां आम बात थी। इससे प्रेरित होकर उन्होने ‘गहराई’ फिल्म बनाने का फैसला किया।
फिल्म के लिए अरुणा ने गहरी रिसर्च की और तांत्रिकों से भी मिलीं। इस दौरान उनका एक लड़की से सामना हुआ, जिस पर कथित रूप से साया था। अरुणा को लगा कि ये सब सिर्फ कल्पना नहीं, हकीकत भी हो सकती है लेकिन फिल्म बनने और रिलीज़ होने के बाद उनकी ज़िंदगी में दर्दनाक मोड़ आ गया।
अरूणा कहती हैं कि मेरी 9 साल की बेटी की कैंसर से मौत हो गई। पति से तलाक हो गया। यहां तक कि फिल्म देखने के बाद लोगों के फोन आने लगे, लोग तांत्रिकों के नंबर मांगने लगे, लोग काफी परेशान थे। ये सब बहुत डरावना और दर्दनाक था। आज भी जब अरुणा उस दौर को याद करती हैं, उनकी आंखें नम हो जाती हैं। एक महिला जो केवल सिनेमा के ज़रिए कुछ अलग दिखाना चाहती थी, उसने उस फिल्म के बदले अपनी खुशियां खो दीं।
