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Chhattisgarh News: 17 साल बाद इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की फिर से होगी जांच, कोर्ट से मिली अनुमति, सीएम भूपेश ने ट्वीट करके दी जानकारी

Indira Priyadarshini Bank scam

Chhattisgarh News: 17 साल बाद इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की फिर से होगी जांच, कोर्ट से मिली अनुमति, सीएम भूपेश ने ट्वीट करके दी जानकारी
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By Sanjeet Kumar

रायपुर। बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटला का जिन्‍न विधानसभा चुनाव के ठीक पहले फिर एक बार आ गया है। कोर्ट ने इस मामले की फिर से जांच करने की अनुमति दे दी है। यह जानकारी स्‍वयं मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके दी है।

बघेल ने ट्वीट किया है कि माननीय न्यायालय ने जनता की गाढ़ी‌ कमाई के पैसों के गबन के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच की अनुमति दे दी है। नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया‌ था कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए। दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए।

नार्को टेस्‍ट का वीडियो भी किया ट्वीट

मामले की कोर्ट से जांच की अनुमति मिलने की जानकारी देने के साथ ही बघेल ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है। यह वीडियो मामले में आरोपी उमेश सिन्‍हा के नार्को टेस्‍ट का बताया जा रहा है। इस वीडियो में नार्को टेस्‍ट के दौरान सिन्‍हा बैंक घोटाले की राशि का हिस्‍सा तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री रमन सिंह समेत कई मंत्रियों को पहुंचाने की जानकारी दे रहा है।

वीडियो वायरल होने के बाद पलट गया था उमेश

जिस उमेश सिन्‍हा के नार्को टेस्‍ट का वीडियो सीएम ने ट्वीट किया है, वह इंदिरा बैंक का मैनेजर था। करीब 10 वर्ष पहले यह वीडियो वायरल हुआ था। इसके कुछ दिनों बाद सिन्‍हा नार्के टेस्‍ट के दौरान कही गई बातों से पलट गया। सिन्‍हा ने मीडिया से कहा था कि मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह या किसी भी मंत्री को उसने कोई पैसा नहीं पहुंचाया है।

जानिए क्‍या है इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटला

रायपुर स्थित सहकारी बैंक इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक में 2006 में यह घोटला सामने आया था। करीब 28 करोड़ रुपये के इस घोटाले में बैंक मैनेजर सहित संचालक मंडल के सदस्‍यों जिनमें ज्‍यादार महिलाएं शामिल थी, उन्‍हें आरोप बनाया गया था। इसमें तत्‍कालीन सरकार के मंत्रियों और कुछ अफसरों का भी नाम आया था।

इस वजह से कोर्ट गई थी सरकार

सूत्रों के अनुसार पिछली सरकार के कार्यकाल में जब पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में पेश की तो उसमें नार्को टेस्‍ट का जिक्र ही नहीं किया था, जबकि इस टेस्‍ट में कई बड़े नामों का जिक्र था। इसी वजह से राज्‍य में सत्‍ता बदलने के बाद सरकार ने मामले की फिर से जांच करने की कोर्ट से अनुमति मांगी थी।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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