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भूपेश सरकार की दूरंदेशी का नतीजा – कोरोना से प्रभावी तरीक़े से निपट रहा है छत्तीसगढ़.. सबसे पहले सोशल डिस्टेंस लागू करने वाले राज्यों में शामिल

भूपेश सरकार की दूरंदेशी का नतीजा – कोरोना से प्रभावी तरीक़े से निपट रहा है छत्तीसगढ़.. सबसे पहले सोशल डिस्टेंस लागू करने वाले राज्यों में शामिल
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By NPG News

रायपुर,22 मार्च 2020। शानदार कप्तान वही है जो प्रबंधन को जानता है, कब कहाँ और कैसे को प्रभावी तरीक़े से कुछ ऐसा अंजाम दिया गया कि, छत्तीसगढ़ कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके प्रभावी रुप से लागू करने वाले चुनिंदा राज्यों में शामिल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी टीम ने सोशल डिस्टेंस को लागू करने की नीति अपनाई और भांप लिया कि बचाव ही एकमात्र बेहतरीन सुरक्षा है। यह भी इस तरीक़े से किया गया कि नागरिकों के बीच में पैनिक ना फैले। मिसाल के लिए बिजली बिलों के भुगतान की अवधि बढ़ाने का फैसला लिया गया, रजिस्ट्री के लिए नई दरों को लागू करने का समय एक महिने बढ़ा दिया गया, ऐसा इसलिए ताकि नागरिकों को अकुलाहट ना हो और वे इत्मिनान से बगैर समूह बनाए पहुँचे और अपना काम कर लें।

सोशल डिस्टेंस को प्रभावी करने के लिए ही अत्यावश्यक कार्य वाले कार्यालय छोड़ कर 31 मार्च तक शट डाउन का निर्णय लिया गया।इसकी शुरुआत भी स्कुल कॉलेज मॉल, कॉम्प्लेक्स से की गई, याने बाज़ार के वे ईलाके जो कि सबसे घने समूह में बदलते हैं, उन्हें बंद कराया गया।नागरिकों को जवाबदेही दी गई कि वे टोल फ़्री नंबर 1100 पर यदि यह पाते हैं कि, जिन्हे बंद रखे जाने के आदेश है यदि वे खुले पाए जा रहे है, तो तुरंत सूचना दें।

नागरिकों को जोड़े जाने का यह फ़ैसला बहुत शानदार रहा और इससे कोरोना संक्रमण से बचाव अभियान को बग़ैर पैनिक के सफलतापूर्वक चलाने में सफलता मिल गई।इसके साथ फेंकन्यूज़ को भी रोकने के लिए टीम बनी जो लगातार सक्रिय रखी गई है। राज्य पुलिस को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फ़्री हैंड दिया कि, यदि वे यह पाते हैं कि कोई अफ़वाह फैला रहा है या कि जानते बूझते उपचार नहीं करा रहा है पहचान छूपा रहा है तो कार्यवाही करें। नतीजतन अफ़वाहें भी सर नहीं उठा पाई, और उपचार के लिए नागरिक स्वेच्छा से पहुँचने भी लगे।

राज्य सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी रोका, हालाँकि रोक के पहले यदि वे चले भी तो परिवहन विभाग को कड़े निर्देश दिए कि उन्हे सेनेटाईज किया जाए। सोशल डिस्टेंस लागू करने के अंतिम चरणों की ओर बढ़ते हुए सरकार ने बसों पर पूरी तरह रोक लगा दी, शराब दुकानों को बंद करा दिया,और फिर शासकीय कर्मचारीयों को घर से ही काम करने के निर्देश जारी कर दिए गए। याने सेल्फ आईसोलेशन की प्रक्रिया धीरे धीरे लाई गई और फिर प्रभावी कर दी गई

छत्तीसगढ़ अभी देश के उन राज्यों में शामिल है जहां लगातार निःशुल्क जाँच हो रही है और संदिग्धों को उपचार दिया जा रहा है। सोशल डिस्टेंस प्रभावी करने का एक नतीजा यह भी है कि, भूपेश सरकार के पास बेहतर आंकड़े हैं साथ ही पहचान की सुदृढ़ व्यवस्था भी, क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पूरे अभियान में नागरिकों को शुरु से शामिल कर अभियान को जनता का जनता के लिए जनता द्वारा बना दिया।इसका शानदार उदाहरण देवी स्थलों पर लगने वाले श्रद्धालुओं के मेले थे जिन्हें रोकने के निर्देश जारी किए गए, तो नागरिकों ने स्वागत किया, हालाँकि सरकार ने यह व्यवस्था भी सुनिश्चित रखी कि, दर्शन सुविधा से बग़ैर समूह की स्थिति बने हो जाए।

भूपेश सरकार ने नागरिकों को इस अभियान से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया की भी मदद ली।ट्विटर पर सक्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टीम ने जनता के सुझावों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगातार वाक़िफ़ कराया और जबकि व्यवस्थाओं को लागू किया गया तो उसकी सूचना भी उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए नागरिकों को दी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील जारी की तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ना केवल स्वागत किया बल्कि राजनैतिक विरोध को बिल्कुल दरकिनार करते हुए उन्होने साझी अपील जारी भी की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनसंपर्क विभाग को सक्रिय किया, और जनजागरण के लिए लगातार अपील और विज्ञापन जारी किया।
लक्ष्य सकारात्मक,प्रयास सकारात्मक तो ज़ाहिर है नतीजे भी सकारात्मक होते हैं.. कोरोना वायरस से संघर्ष जारी है और नागरिकों की सहभागिता के साथ इसे बेहतर से बेहतरीन किया जा रहा है।

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