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छत्तीसगढ़ भाजपा की बड़ी कार्यवाही, अनुशासनहीनता के आरोप में सक्ती एवं भोथिया के मंडल अध्यक्ष की छुट्टी

छत्तीसगढ़ भाजपा की बड़ी कार्यवाही, अनुशासनहीनता के आरोप में सक्ती एवं भोथिया के मंडल अध्यक्ष की छुट्टी
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By NPG News

रायपुर, 29 मई 2021। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देवसाय ने अनुशासनहीनता के आरोप में भोथिया मंडल के मंडल अध्यक्ष संजीव चंद्रा एवं शक्ति नगर मंडल के मंडल अध्यक्ष भवानी तिवारी को तत्काल प्रभाव से पद मुक्त कर दिया है। ज्ञात हो कि उक्त मंडल अध्यक्ष द्वय जिलाध्यक्ष को पद से हटाने के लिए एक तरह का अभियान चला रहे थे। मोर्चा खोलकर खुलेआम विरोध कर रहे थे। विशेष सूत्रों के अनुसार दोनों मंडल अध्यक्ष पर अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप हैं। भोथिया नगर मंडल के मंडल अध्यक्ष संजीव चंद्रा के बारे में बताया गया कि जिलाध्यक्ष से बिना अनुमोदन कराएं अपने मंडल की कार्यकारिणी को घोषित कर दिये और जिलाध्यक्ष की पार्टी हित मे किये गए फैसले व निर्देशों का सदा अवहेलना करना उनका आदत बन गया था।
जिला पंचायत के चुनाव में अपने मनमर्जी से प्रत्याशी खड़ा किया जोकि चुनाव में आखरी पायदान पर था। उनके द्वारा संगठन के निर्देशों का भी पालन नहीं किया जाता था

जिला पंचायत के चुनाव में अपने मनमर्जी से प्रत्याशी खड़ा किया जोकि चुनाव में आखरी पायदान पर था I उनके द्वारा संगठन के निर्देशों का भी पालन नहीं किया जाता था
पार्टी की मीटिंग में भी हमेशा अनुपस्थित रहते थे और जिला संगठन के योजना अनुसार काम नहीं करते थे । मोर्चा प्रकोष्ठ में नियुक्तियों को लेकर दोनों मंडल अध्यक्ष जिला अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल रखे थे बताया जाता है कि यह दोनों मंडल अध्यक्ष अपने अपने चहेते व्यक्तियों की जिला एवं मंडल में नियुक्तियां कराना चाहते थे जब इनका स्वार्थ सिद्ध नहीं हुआ तो इन्होंने जिलाध्यक्ष के खिलाफ सीधे मोर्चा खोल दिया और संगठनात्मक बात जो संगठन के मंच पर रखना चाहिए उसे सार्वजनिक रूप से मीडिया में अनर्गल बयानबाजी करने लगे
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इन्हें समझाइश दी गई की पार्टी की आंतरिक मामलों में मीडिया में बात नहीं करनी चाहिए यह मीडिया में बयानबाजी करना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है इसलिए ऐसा ना करें लेकिन उन्होंने नेताओं की एक भी बात नहीं सुनी और अन्य कार्यकर्ताओं को साथ लेकर रायपुर प्रदेश कार्यालय में जाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया जिससे आलाकमान नाराज हो गए बताया जाता है कि यह दोनों मंडल अध्यक्ष अन्य मंडल अध्यक्षों को और अन्य कार्यकर्ताओं को भी जिला अध्यक्ष के खिलाफ भड़का रहे थे । बताया जाता है कि यह दोनों मंडल अध्यक्ष जिला के पदाधिकारियों से कई बार दुर्व्यवहार भी कर चुके हैं जिसकी शिकायत जिला पदाधिकारियों ने भाजपा जिलाध्यक्ष से की थी। यह दोनों अपने अपने मंडल में मंडल के वरिष्ठ नेताओं से बिना पूछे अपनी मर्जी से मंडल पदाधिकारियों को चयन किया करते थे जिसके कारण यहां समन्वय का अभाव था, इनके द्वारा मंडल के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जाती थी और और अपने मन मुताबिक मंडल चलाना चाहते थे।
दोनो मंडल अध्यक्षों ने दो माह पूर्व प्रदेश कार्यालय जाकर यह आरोप लगाया था कि जिलाध्यक्ष कृष्ण कांत चंद्रा ने मोर्चा प्रकोष्ठ में ऐसे ऐसे लोगो को नियुक्त किया है जो भाजपा के कार्यकर्ता ही नही है और उनमें से कुछ लोग कांग्रेस बसपा के है। किंतु जब नियुक्त कार्यकर्ताओं की सूची की जांच पड़ताल की गई तो मोर्चा प्रकोष्ठ के सभी लोग भाजपा कार्यकर्ता निकले।
इस तरह से दोनो मंडल अध्यक्षों के आरोप झूठे और निराधार पाए गए हैं। जिले में लगातार बढ़ती हुई अनुशासनहीनता की शिकायतों को देखते हुए जिलाध्यक्ष ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयानबाजी करने वाले लोगो की रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को भेजी थी । जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने दोनों मंडल अध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। ऐसा करके प्रदेश आलाकमान ने यह संकेत दे दिया है कि पार्टी लाइन से बाहर जाकर को भी अमर्यादित बयानबाजी करेगा उसे बक्शा नही जायेगा और अनुशासनहीनता के दायरे में मानते हुए ऐसे लोगो पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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