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CG-प्रिंसिपल, दो महिला शिक्षिका सहित चार को सजाः स्कूल की बच्चियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले सफाईकर्मी को उम्र कैद…शिक्षिका, प्राचार्य और प्रबंधन को 6-6 माह की सजा

CG-प्रिंसिपल, दो महिला शिक्षिका सहित चार को सजाः स्कूल की बच्चियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले सफाईकर्मी को उम्र कैद…शिक्षिका, प्राचार्य और प्रबंधन को 6-6 माह की सजा
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By NPG News

दुर्ग 14 सितंबर 2021। एमजीएम स्कूल की बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करने वाले मुख्य आरोपी सफाईकर्मी को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही पालकों की शिकायत के बाद भी मामले को दबाने और आरोपी को बचाने के मामले में स्कूल के प्राचार्य, प्रबंधन और दो महिला शिक्षिकाओं को भी 6-6 माह की सजा सुनाई है। वहीं पीड़िता बच्चियों को चार लाख रूपए प्रतिकर राशि प्रदान करने के भी आदेश कोर्ट ने दिये है। ये पूरा मामला भिलाई नगर थाना स्थित एमजीएम स्कूल का है।

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2016 में स्कूल में पढ़ने वाली मासूम बच्चियों को बाथरूम में ले जाकर स्कूल के सफाईकर्मी एस सुनील (28वर्ष) के द्वारा अश्लील हरकत की गई थी। लगातार हो रही छेड़छाड़ से तंग बच्चियों ने इसकी शिकायत अपने-अपने परिजनों से भी की थी। शिकायत के बाद आक्रोशित परिजन स्कूल पहुंचे और आरोपी सफाईकर्मी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इस मामले को दबाने के अलावा परिजनों को धमकाना भी शुरू कर दिया। इसके बाद परिजन लगातार इस मामले को लेकर स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते रहे। मामला तूल पकड़ता देख स्कूल प्रबंधन, सफाईकर्मी, प्रचार्य और दो महिला शिक्षकों के खिलाफ भिलाई नगर थाने में एफआईआर दर्ज किया गया। परिजनों की शिकायत पर पाॅक्सो एक्ट सहित चार अन्य धाराओं पर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। इसके बाद ये मामला न्यायालय में पांच साल तक चलता रहा।

सोमवार को फास्ट ट्रेक कोर्ट की विशेष न्यायाधीश डाॅ ममता भोजवानी की अदालत ने इस मामले में सजा सुनाया गया। अदालत ने मुख्य आरोपी एस सुनील को 376 (2)(च) के तहत अजीवन कारावास की सजा और 5 हजार रूपए अर्थदंड़। साथ ही प्रिंसिपल डेनियल वर्गिस (60वर्ष) को 202 तथा पाॅक्सों एक्ट की धारा 21(1) के तहत एक वर्ष सजा व 20 हजार अर्थदंड़, प्रबंधन के साजन थामस (49वर्ष), प्रधान पाठिका प्रतिभा होलकर (54वर्ष), सुंदरी नायक (30वर्ष) को छह-छह माह का कारावास व 10 10 हजार रूपए का अर्थदंड से दंडित किया गया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़िता के परिजनों ने राहत की सांस ली है।

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