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CG- हाईकोर्ट का आदेश…लघु शास्ति का दंड दिया गया तो निलंबन अवधि के संपूर्ण लाभ से वंचित नहीं कर सकते, जेल शिक्षक को 60 दिन में दें सारे लाभ

CG- हाईकोर्ट का आदेश…लघु शास्ति का दंड दिया गया तो निलंबन अवधि के संपूर्ण लाभ से वंचित नहीं कर सकते, जेल शिक्षक को 60 दिन में दें सारे लाभ
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By NPG News

रायपुर, 11 अक्टूबर 2021। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि जेल शिक्षक को आरोप पत्र दीर्घ शास्ति के लिए दिया गया, लेकिन अंततः लघु शास्ति से दंडित किया गया, इसलिए निलंबन अवधि के संपूर्ण लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट के जस्टिस पी.सैम कोशी ने जेल शिक्षक को निलंबन अवधि 18 जून 2013 से बहाली दिनांक 5 जून 2016 तक का पूरा वेतन और अन्य लाभ 60 दिनों के अंदर देने के निर्देश दिए हैं।
जेल शिक्षक के रूप में गरियाबंद में पदस्थ कुंजलाल सिन्हा को सारंगढ़ जेल में पदस्थापना के दौरान कुछ आरोप लगाकर दीर्घ शास्ति अधिरोपित करने के लिए विभागीय जांच गठित की गई थी। याचिकाकर्ता को 18 जून 2013 को निलंबित किया गया और 25 जून 2016 को बहाल कर दिया गया। विभागीय जांच के बाद उन्हें एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने और निलंबन अवधि में निर्वाह भत्ता के अतिरिक्त वेतन भत्ते या अन्य लाभ प्राप्त नहीं होने का निर्देश दिया गया था। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका पेश कर हाईकोर्ट में गुहार लगाई की वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव के रोकने की सजा लघु शास्ति की श्रेणी में आता है। पूर्व में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने यह फैसला दिया था कि यदि विभागीय जांच के पश्चात लघु शास्ति अधिरोपित होती है तो ऐसी अवस्था में निलंबन औचित्यहीन माना जाएगा और कर्मचारी निलंबन अवधि का संपूर्ण वेतन व अन्य लाभ प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इस मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस पी.सैम कोशी ने यह आदेश दिया है कि याचिकाकर्ता जेल शिक्षक को निलंबन अवधि के संपूर्ण लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।

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