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CG बिग ब्रेकिंग: मंत्रियों को तगड़ा झटका : कलेक्टर ही होंगे DMF फंड के प्रमुख….केंद्र सरकार ने CM को पत्र भेजकर प्रभारी मंत्रियों को अध्यक्ष पद से हटाने को कहा…पत्र में लिखा…

CG बिग ब्रेकिंग: मंत्रियों को तगड़ा झटका : कलेक्टर ही होंगे DMF फंड के प्रमुख….केंद्र सरकार ने CM को पत्र भेजकर प्रभारी मंत्रियों को अध्यक्ष पद से हटाने को कहा…पत्र में लिखा…
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By NPG News

रायपुर 18 अगस्त 2021। मंत्रियों को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने DMF परिषद अध्यक्ष पद से प्रभारी मंत्रियों को हटाने के निर्देश दिये हैं। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि जिले के कलेक्टर ही डीएमएफ फंड के प्रमुख होंगे। इस बाबत कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल इस मामले में पूर्व में जारी निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए कहा है।

दरअसल जिलों में DMF फंड के दुरूपयोग को लेकर मंत्रियों की काफी शिकायतें सामने आ रही थी। पैसे के बंदरबांट, कमीशनखोरी को लेकर भी लगातार शिकायतें आ रही थी। जशपुर, राजनांदगांव सहित कई जिलों में डीएमएफ पैसे को लेकर बंदरबांट की खबरें सामने आ रही थी। ऐसे में प्रभारी मंत्रियों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका लगा है।

दरअसल डीएमएफ फंड के प्रमुख को लेकर केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल 2021 को ही स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने 2 जून 2021 को केंद्र सरकार को पत्र भेजकर ये आग्रह किया था कि डीएमएफ की शासी परिषद के अध्यक्ष के रूप जिले के प्रभारी मंत्रियों को अनुमति दी जाये, लेकिन उस आग्रह को केंद्र सरकार ने ठुकरा दिया है। केंद्र ने साफ कर दिया है कि डीएमएफ फंड के चेयरमैन प्रभारी मंत्री नहीं, बल्कि कलेक्टर ही होंगे।

क्या था केंद्र का DMF को लेकर गाइडलाइन

केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल 2021 को आदेश जारी कर कहा था कि जिले के प्रशासनिक प्रमुख डीएमएफ के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे और जिले में खनन प्रभावित क्षेत्रों के चयनित प्रतिनिधियों को डीएमएफ के उद्देश्यों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए देश के सभी खनन प्रभावित क्षेत्र के जिलों में शासी परिषद के सदस्यों के रूप में शामिल किया जायेगा। इससे डीएमएफ के अंतर्गत निधि का सुचारू प्रबंधन सुनिश्चित होगा और डीएमएफ के अंतर्गत परियोजनाओं के निष्पादन में जन प्रतिनिधियों की समस्याओं का समाधान भी होगा।

मंत्रियों की डीएमएफ फंड को लेकर शिकायतें

छत्तीसगढ़ में कई जिलों में सौ करोड़ से ज्यादा का डीएमएफ फंड होता है। कई लोगों के लिए डीएमएफ फंड सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन जाती है। लिहाजा डीएमएफ फंड को लेकर लगातार भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और बंदरबांट को लेकर शिकायतें भी आती रही है। कभी दवा खरीदी के नाम पर तो कभी इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर करोड़ों का गोलमाल किया गया। जशपुर में 12 करोड़ की खरीदी की तो सिर्फ दवाई और स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर गोलमाल हुआ।

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