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IPS अधिकारियों को लेकर केंद्र-बंगाल में बढ़ी तकरार, दिल्ली CM बोले- केंद्र का यह कदम संघीय ढांचे पर आघात…. सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेंगी ममता बनर्जी…

IPS अधिकारियों को लेकर केंद्र-बंगाल में बढ़ी तकरार, दिल्ली CM बोले- केंद्र का यह कदम संघीय ढांचे पर आघात…. सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेंगी ममता बनर्जी…
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By NPG News

नईदिल्ली 18 दिसंबर 2020. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्र पश्चिम बंगाल प्रशासन में जबरन हस्तक्षेप कर रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के पुलिस अधिकारियों का तबादला संघीय ढांचे पर ‘आघात’ है. बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा के राज्य के हालिया दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व संभाल रहे तीन आईपीएस अधिकारियों को भेजने के केंद्र के कदम का तीखा विरोध किया है.

केजरीवाल ने ट्वीट किया, “मैं बंगाल की प्रशासनिक व्यवस्था में जबरन हस्तक्षेप करने की निंदा करता हूं. राज्य के अधिकारों में दखल देते हुए चुनाव के पहले पुलिस अधिकारियों का तबादला करने का केंद्र का कदम संघीय ढांचे पर आघात है और अस्थिरता पैदा करने का प्रयास है.”

इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कैडर के तीन आईपीएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति किए जाने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन आईपीएस अधिकारियों के प्रतिनियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच शुक्रवार को शाम को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक अभासी बैठक आयोजित की जा रही है। इस बैठक के बाद ममता सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने पर अंतिम निर्णय लेगी। गृह मंत्रालय ने बीते गुरुवार को तीनों आईपीएस अधिकारियों डायमंड हार्बर के एसपी भोलानाथ पांडे, दक्षिण बंगाल के एडीजी राजीव मिश्रा और प्रेसिडेंसी रेंज के डीआईजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी को प्रतिनियुक्ति के लिए दिल्ली में बुलाए जाने की पुष्टि की थी। ये सभी अधिकारी उस वक्त प्रभारी थे, जब नड्डा के काफिले पर गत गुरुवार को हमला हुआ था। साथ ही केंद्र की प्रतिनियुक्ति रोकने की ममता सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था।
केंद्र सरकार के इस कदम को ममता बनर्जी ने छद्म तरीके से राज्य को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश बताया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार की यह कार्रवाई संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि राज्य के अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ और पश्चिम बंगाल में कार्यरत अधिकारियों के मनोबल को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है। विशेषकर चुनाव से पहले उठाया गया यह कदम संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।ममता ने कहा कि हम केंद्र द्वारा राज्य की मशीनरी को छद्म रूप से नियंत्रित करने के इस प्रयास को अनुमति नहीं देंगे। पश्चिम बंगाल सरकार विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने झुकने वाला नहीं है।

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