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2 IPS समेत 6 अफसरों पर CBI को राज्य सरकार ने मुकदमा चलाने की दी अनुमति ….. IMA घोटाले में राज्य सरकार के रूख के बाद मचा हड़कंप… 1998 व 2008 बैच के IPS अफसरों पर लगा है बड़ा आरोप

2 IPS समेत 6 अफसरों पर CBI को राज्य सरकार ने मुकदमा चलाने की दी अनुमति ….. IMA घोटाले में राज्य सरकार के रूख के बाद मचा हड़कंप… 1998 व 2008 बैच के IPS अफसरों पर लगा है बड़ा आरोप
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By NPG News

बैंग्लुरू 30 जनवरी 2020। बैंग्लुरू के चर्चित IMA घोटाले से एक बड़ी खबर आ रही है। राज्य सरकार ने दो सीनियर IPS अफसर हेमंत निंबालकर और अजय हिलोरी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को अनुमति दे दी है। सीबीआई ने पिछले महीने कर्नाटक सरकार से आईपीएस अधिकारियों और चार राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ पीसीए और सीआरपीसी की धारा 197 के तहत आपराधिक मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। हेमंत निंबालकर 1998 बैच के IPS हैं, जबकि अजय हिलोरी 2008 बैच के IPS हैं।

हेमंत निंबालकर अभी बैंग्लुरू में आईजी हैं, जबकि अजय हिलोरी अभी कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के एसपी हैं। दोनों की जल्द ही गिरफ्तारी की अटकलें लगने लगी है। दो आईपीएस अधिकारियों के अलावा, सरकार ने तत्कालीन डीएसपी, सीआईडी, ईबी श्रीधर, पुलिस निरीक्षक और स्टेशन हाउस ऑफिसर, कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस स्टेशन, एम रमेश, उप-निरीक्षक पी गौरीशंकर और तत्कालीन सहायक आयुक्त, बेंगलुरु उत्तर उप-मंडल, एलसी नागराज के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत दे दी है।

CBI ने 18 दिसंबर, 2019 को ये पत्र राज्य सरकार को लिखा था और निम्बालकर के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की अनुमति मांगी थी, जिन पर आरोप है कि उन्होंने CID (आर्थिक अपराध) में अपने कार्यकाल के दौरान कंपनी को क्लीन चिट देकर IMA को अवैध कारोबार करने की अनुमति दी थी। सीबीआई ने अपने पत्र में कहा था कि निवेशकों और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के बजाय आईएमए के एमडी और सीईओ मोहम्मद मंसूर खान के लिए इन अफसरों ने काम किया और लगातार शिकायतों को अनसुना करते रहे। पूरा मामला अवैध रूप से पैसों को चिटफंड सरीखे योजना के जरिये करोड़ों के घोटाले का है।

आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में तत्कालीन आईजी आर्थिक अपराध शाखा सीआई हेमंत निंबलकर, सीआईडी के उप पुलिस अधीक्षक ईबी श्रीधर, तत्कालीन डीसीपी पूर्व बेंगलुरु अजय हिलोरी, कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस थाने के इंस्पेक्टर और एसएचओ एम रमेश, कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस थाने के एसआई गौरी शंकर, तत्कालीन एसीपी बेंगलुरु उत्तर उप मंडल और केपीआईडी कानून के तहत सक्षम प्राधिकार एल सी नागराज, तत्कालीन डीसीओ बेंगलुरु शहरी जिला बी एम विजयशंकर के आवासों पर छापे पड़े थे।

क्या है IMA पोंजी घोटाला

साल 2006 में बिजनेस ग्रैजुएट मंसूर खान ने आई मॉनेटरी एडवाइजरी (IMA) के नाम से एक बिजनेस की शुरुआत की थी. उसने निवेशकों को बताया कि यह संस्था बुलियन में निवेश करेगी और निवेशकों को 7 से 8 फीसदी का रिटर्न मिलेगा.उच्च रिटर्न का वादा कर मंसूर खान ने एक लाख से अधिक निवेशकों विशेषकर मुस्लिमों को कथित तौर पर ठगा. उसे 19 जुलाई को देर रात दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. वह करीब 2000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर दुबई भाग गया था. अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली है.मला तब प्रकाश में आया जब खान एक वीडियो संदेश जारी करके दुबई भाग गया. उसने कहा कि वह राज्य और केंद्र सरकार में भ्रष्टाचार की वजह से आत्महत्या कर रहा है. आरोपी और आईएमए ज्वैलर्स के संस्थापक मंसूर खान को 19 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने दुबई से आने के बाद नई दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था.खान को 21 जुलाई को नयी दिल्ली आने पर प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

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