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वैक्सीन के खराब होने का मामला……छत्तीसगढ़ सरकार का दावा-छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीन का वेस्टेज केवल 1.36 प्रतिशत, राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 6.5 प्रतिशत…….करीब 70 हज़ार डोज ही हुए हैं खराब

वैक्सीन के खराब होने का मामला……छत्तीसगढ़ सरकार का दावा-छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीन का वेस्टेज केवल 1.36 प्रतिशत, राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 6.5 प्रतिशत…….करीब 70 हज़ार डोज ही हुए हैं खराब
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By NPG News

रायपुर 20 अप्रैल 2021। RTI से अलग अलग राज्यों में वैक्सीन के बर्बाद होने की जानकारी सामने आने के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है। राज्य सरकार ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना का टीका लगाने के लिए खोली गई वैक्सीन में से वेस्टेज टीके का प्रतिशत मात्र 1.36 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 6.5 प्रतिशत है।

भारत सरकार के इविन (eVIN) पोर्टल (वह पोर्टल जिसमें कब, कहाँ और कितनी संख्या में टीकाकरण के लिए भेजी गई दवाइयों और उनकी उपलब्धता की जानकारी होती है) के अनुसार छत्तीसगढ़ में अब तक 51 लाख 25 हज़ार 640 कोरोना वैक्सीन की डोज़ का उपयोग किया गया है।

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टीका लगाने के पहले हितग्राही की जानकारी दर्ज की जाने वाले कोविन (COWIN) पोर्टल के अनुसार प्रदेश में अब तक पहला और दूसरा डोज मिलाकर कुल 50 लाख 55 हजार 698 डोज लगाए जा चुके हैं। पब्लिक डोमेन में मौजूद भारत सरकार के दोनों पोर्टलों, इविन और कोविन के तुलनात्मक अध्ययन से पता चलता है कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीन के मात्र 69 हजार 942 डोज़ ही वेस्ट डोज़ की श्रेणी में आते हैं। यह राज्य में टीकाकरण के लिए खोले गए कुल वैक्सीन का केवल 1.36 प्रतिशत है। पीआईबी द्वारा विगत दिनों में जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कोरोना वैक्सीन के वेस्टेज का राष्ट्रीय औसत 6.5 प्रतिशत है।

टीके के एक वायल में कोविड शील्ड वैक्सीन में पांच मिलीलीटर व को-वैक्सीन में दस मिलीलीटर की दवाई होती है, जिसे प्रति व्यक्ति 0.5 मिलीलीटर के हिसाब से दस (कोविड शील्ड) व बीस (को-वैक्सीन) लोगों को लगाया जाता है। टीकाकरण की सेशन साइट पर वायल खुलने के बाद पर्याप्त संख्या में हितग्राही के न आने से कभी-कभी कुछ डोज़ खराब हो जाते हैं। वायल के खुलने के बाद अधिकतम चार घंटे के भीतर ही दवाई को उपयोग में लाया जा सकता है।

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