परिपूर्णता दृष्टिकोण
हमारी सरकार लोगों, विशेषकर किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के चहुँमुखी, सर्वव्यापी तथा सर्वसमावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। समग्र रूप से सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य कार्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सभी पात्र लोगों को शामिल करने के लिए परिपूर्णता दृष्टिकोण को अपनाया जाएगा, ताकि उनकी क्षमताओं में सुधार करके उनका सशक्तीकरण किया जा सके।
शिल्पकारों, कारीगरों, स्व-सहायता समूहों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, महिला उद्यमियों और स्ट्रीट वेडरों के आर्थिक कार्यकलापों में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधान मंत्री विश्वकर्मा, प्रधान मंत्री स्वनिधि, राष्ट्रीय आजीविका मिशनों और स्टैंड-अप इंडिया जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लायी जाएगी।
पूर्वोदय
देश के पूर्वी भाग के राज्य प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध हैं और इन राज्यों की सांस्कृतिक परम्पराएं सुदृढ़ हैं। हम बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नामक योजना तैयार करेंगे। इस योजना में मानव संसाधन विकास, अवसंरचना और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल किया जाएगा, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए।
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के संबंध में, हम गया में औद्योगिक केंद्र के विकास में सहायता प्रदान करेंगे। इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। गया का यह औद्योगिक केन्द्र सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हमारे प्राचीन केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के भविष्य के केंद्रों के रूप में विकसित करने के लिए एक अच्छा मॉडल भी बनेगा। इस मॉडल से हमारी विकास यात्रा में “विकास भी विरासत भी” प्रतिबिम्बित होगा।
हम ` 26,000 करोड़ की लागत से (1) पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, (2) बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, (3) बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास और (4) बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए भी सहायता देंगे। ` 21,400 करोड़ की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए विद्युत संयंत्र की स्थापना करना भी शामिल है। बिहार में नए हवाई अड्डों, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद अवसंरचना का निर्माण भी किया जाएगा।
पूंजीगत निवेशों में सहायता करने के लिए एक अतिरिक्त आबंटन उपलब्ध कराया जाएगा। बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के बिहार सरकार के अनुरोधों पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी।