रायपुर। राज्य सरकार ने एक नवंबर से धान खरीदी का ऐलान किया है। एक नवंबर को राज्योत्सव के साथ ही धान खरीदी की शुरुआत हो जाएगी। सीएम भूपेश बघेल ने किसानों की मांग के आधार पर पिछले महीने ही एक नवंबर से धान खरीदने की घोषणा कर दी थी। हालांकि अब इसमें एक नई मुसीबत आ गई है। मार्कफेड में एमडी नहीं होने के कारण धान खरीदी की तैयारियों पर असर पड़ सकता है। खबर है कि मार्कफेड में करीब 700 फाइलें जाम हो गई हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले महीने की 19 तारीख को आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली थीं। इसमें समीर विश्नोई को मार्कफेड का एमडी बनाया गया था। इससे पहले किरण कौशल एमडी मार्कफेड थीं। मार्कफेड से पहले विश्नोई चिप्स के सीईओ की भी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। 19 सितंबर को नई पोस्टिंग के बाद ही उन्हें 22 सितंबर को विदेश जाना था। चिप्स से जुड़े एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वे विदेश दौरे पर गए थे। हालांकि धान खरीदी की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने उन्हें समय से पहले बुला लिया। इस बीच 26 सितंबर से 05 अक्टूबर के बीच नवरात्रि पर्व था। नवरात्रि और दशहरे की छुट्टियों के कारण कामकाज प्रभावित हुआ। मार्कफेड के काम में तेजी आती, उससे पहले 10 अक्टूबर को ईडी ने छापा मारा और दूसरे दिन आईएएस विश्नोई को अधिकृत तौर पर गिरफ्तार कर लिया।
मार्कफेड के जरिए होती है खरीदी
राज्य के किसानों से मार्कफेड की समितियों के माध्यम से ही समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होती है। इसके लिए समितियों में धान खरीदी के बंदोबस्त, बारदाने की व्यवस्था, परिवहन, भंडारण की व्यवस्था से लेकर बारिश की स्थिति में धान को बचाने की भी व्यवस्था मार्कफेड के जरिये होती है। इसके लिए धान खरीदी केंद्रों का निर्धारण और वहां प्रभारियों की नियुक्ति की जाती है। सभी जिलों में डीएमओ की नियुक्ति भी करनी होती है।
कई दागी डीएमओ की नियुक्ति
सरकारी महकमे में यह चर्चा है कि समीर विश्नोई ने अपनी जॉइनिंग के कुछ दिनों में ही कुछ दागी डीएमओ की नियुक्ति कर दी है। पूर्व एमडी के कार्यकाल में इनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इन सभी के खिलाफ जांच चल रही थी। इसी बीच उन्हें पोस्टिंग दे दी गई।