काराकाट सीट से चुनाव में फ्लॉप हुए पवन सिंह के पिछड़ने की ये हैं 5 बड़ी वजहें
पिछली जातियों ने नहीं दिया पवन सिंह का साथ- पवन सिंह राजपूत हैं और उन्हें अपनी सीट पर पिछली जातियों का वोट नहीं मिला. पवन सिंह कारकाट सीट पर तीसरे नंबर पर रहे. दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा रहे. दोनों का वोट बंट गया और इसमें भारी नुकसान पवन सिंह को हुआ.
स्टारडम चुनाव में नहीं आया काम- पवन सिंह के पिछड़ने की दूसरी वजह ये रही कि उनकी चुनावी रैलियों में भीड़ तो भारी जुटी थी लेकिन उनका स्टारडम चुनावी मैदान में काम नहीं आया. जहां भी वे भी गए वहां भीड़ देखकर यही लगा कि चुनावों में उनके पक्ष में माहौल है लेकिन उस भीड़ को वो वोट में नहीं बदल पाए.
निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा भारी- पवन सिंह के पिछ़़डने की तीसरी वजह उनके निर्दलीय चुनवा लडना रही. बता दें कि बीजेपी से बाहर किए जाने के बाद पवन सिंह ने कारकाट सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इलाके की जनता इस वजह से भी भोजपुरी स्टार पर भरोसा नहीं जता पाई.
बीजेपी से निकाले गए- चौथी वजह पवन सिंह की बीजेपी से निकाले जाना रही. बता दें कि पवन सिंह पहले आसनसोल से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन उन्होंने वहां से चुनाव न लड़ने की बात कहकर टिकट लौटा दिया था. इसके बाद उन्होंने काराकाट लोकसभा सीट से नामांकन किया था. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. चुनाव में पीछे रहने की ये भी एक बड़ी वजह है.
मजबूत कार्यकर्ता की कमी- पवन सिंह के चुनावी मैदान में फ्लॉप होने की पांचवी वजह मजबूत कार्यकर्ता की कमी भी रही.