कौशिक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का निर्देश था फिर भी समय पर कार्यवाही नहीं हुई। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि यह आसंदी की अवमानना है। इस पर तुरंत कार्यवाही की जाए। कौशिक ने कहा कि तत्कालीन मंत्री अमरजीत भगत ने आश्वासन दिया था। फिर भी कार्यवाही नहीं हुई। मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि लंबित मामलों में कितनी गड़बड़ी पाई गई है।
मंत्री बघेल ने बताया कि 2023 तक सभी जिलों के परीक्षण पूरा हो चुका है। कुल 216.08 करोड़ की कमी पाई गई
कौशिक ने पूछा कि यह गड़बड़ी किसके कारण हुई है और कौन जिम्मेदार है।
मंत्री ने बताया कि दुकानों के बचत डाटा राज्य के सर्वर डाटा में नहीं था। वन नेशन वन कार्ड योजना लागू होने के बाद यह डाटा वहां चला गया। इस वजह से डाटा राज्य सरकार के सर्वर में नहीं था।
कौशिक ने कहा कि मंत्री जवाब नहीं दे रहे हैं केवल पढ़ रहे हैं। इसलिए मैं आग्रह करना चाहता हूं कि सदन की कमेटी से इसकी जांच कराई जाएग। यह गरीबों के चावल का मामला है।
अजय चंद्राकर ने प्रश्न किया कि 216 करोड़ की गड़बड़ी हुई है। पूरे दुकानों की जांच हुई या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। कितने लोगों पर कार्यवाही की गई।
राजेश मूणत ने पूछा कि मांग के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार को केंद्र ने चावल दिया। 4 साल तक दुकानों का आडिट नहीं हुआ है। जिन दुकानों में हजारो टन चावल रखा है, वह कहां गया। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
इस पर मंत्री बघेल ने कहा कि 227 दुकानों को निलंबित किया गया। 181 दुकानों को निरस्त किया गया। 24 दुकान संचालकों पर एफआईआर किया गया। मैं स्वीकार किया हूं कि अनियमितता हुई है।
मंत्री ने कहा कि गड़बड़ी हुआ है। निश्चित रुप से इस पर जांच करांएगे।