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Stock Market Crash: शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 3900 अंक टूटा! निवेशकों के 15 लाख करोड़ डूबे– जानिए गिरावट के पीछे की वजह?

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 3900 अंक (लगभग 5%) टूटकर 71,425 के स्तर तक पहुंच गया, जबकि निफ्टी 1000 अंकों की गिरावट के साथ 21,750 पर आ गया।

Stock Market Crash: शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 3900 अंक टूटा! निवेशकों के 15 लाख करोड़ डूबे– जानिए गिरावट के पीछे की वजह?
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By Ragib Asim

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 3900 अंक (लगभग 5%) टूटकर 71,425 के स्तर तक पहुंच गया, जबकि निफ्टी 1000 अंकों की गिरावट के साथ 21,750 पर आ गया। यह निफ्टी का पिछले 10 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इस भारी गिरावट से निवेशकों में हड़कंप मच गया और महज कुछ मिनटों में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई। बाजार की घबराहट को दर्शाने वाला इंडिया VIX इंडेक्स 55% उछलकर 21 के पार पहुंच गया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 7% और फार्मा इंडेक्स 6% तक लुढ़क गए, जबकि स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में 10% तक की गिरावट दर्ज की गई। आइए जानते हैं इस क्रैश के पीछे के 5 प्रमुख कारण।

1. ग्लोबल मार्केट्स में बिकवाली का तूफान

दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी बिकवाली का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका को बढ़ा दिया है। रविवार को ट्रंप ने टैरिफ को "कड़वी दवा" करार देते हुए कहा कि उन्हें बाजारों की गिरावट की चिंता नहीं है। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में S&P 500 में 5.97%, डॉव जोन्स में 5.50%, और नैस्डैक में 5.73% की गिरावट देखी गई। एशिया में ताइवान वेटेड इंडेक्स 10%, जापान का निक्केई 7%, और चीन-हांगकांग के बाजार भी धराशायी हो गए। इस वैश्विक संकट ने भारतीय निवेशकों का भरोसा तोड़ दिया।

2. टैरिफ का असर अभी बाकी

ट्रंप प्रशासन ने 180 से ज्यादा देशों पर सख्त टैरिफ लगाए हैं, जिससे ग्लोबल अनिश्चितता चरम पर है। ब्रोकरेज फर्म इमके ग्लोबल का कहना है कि भारत पर इसका प्रत्यक्ष असर कम हो सकता है, लेकिन अमेरिकी मंदी का खतरा निफ्टी के FY26 EPS पर 3% तक नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे निफ्टी 21,500 तक गिरने की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ का पूरा असर अभी बाजार ने महसूस नहीं किया है, जो आगे और दबाव बढ़ा सकता है।

3. आर्थिक मंदी की आशंका

ट्रंप की नीतियों से महंगाई बढ़ने, कॉरपोरेट मुनाफे घटने और उपभोक्ता विश्वास कमजोर होने का डर है। JP Morgan ने अमेरिकी और ग्लोबल मंदी की संभावना को 40% से बढ़ाकर 60% कर दिया है। उनका अनुमान है कि लंबे समय तक यह नीति जारी रही तो ग्लोबल रिसेशन तय है। भारत भले ही सीधे प्रभाव से बचा रहे, लेकिन वैश्विक मंदी का असर उसकी अर्थव्यवस्था और बाजार पर पड़ना तय माना जा रहा है।

4. FPI की भारी बिकवाली

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने अप्रैल में फिर से बिकवाली शुरू कर दी है। इस महीने अब तक 13,730 करोड़ रुपये की बिकवाली हो चुकी है। मार्च में FPI ने खरीदारी दिखाई थी, लेकिन ट्रंप की नीतियों और ग्लोबल अनिश्चितता के चलते उनका रुख बदल गया। अगर भारत-अमेरिका ट्रेड डील में सुधार नहीं हुआ तो FPI का यह पलायन और तेज हो सकता है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ेगा।

5. RBI बैठक और Q4 नतीजों का इंतजार

9 अप्रैल को होने वाली RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) बैठक से पहले बाजार में सतर्कता बनी हुई है। निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि RBI ब्याज दरों में कटौती करेगा। इसके अलावा, 10 अप्रैल को TCS के Q4 नतीजों से तिमाही परिणामों का सीजन शुरू होगा। कंपनियों के नतीजे और मैनेजमेंट की टिप्पणियां ट्रेड वॉर के असर को समझने में अहम होंगी, जो बाजार की दिशा तय करेंगी।

बाजार का हाल

सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे। निफ्टी आईटी, फार्मा, मेटल और ऑटो जैसे सेक्टर्स में 6-7% की गिरावट देखी गई। स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स 10% तक टूटे। निवेशकों की संपत्ति में 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी। निफ्टी के लिए 21,500 एक अहम सपोर्ट लेवल है, जबकि 22,100 पर रिकवरी की उम्मीद जताई जा रही है। निवेशकों को सलाह है कि वे सर्टिफाइड एक्सपर्ट्स से सलाह लेकर ही निवेश करें।

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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