Stand-up India Scheme: महिलाओं को अपना व्यवसाय करने के लिए मिलेगा 1 करोड़ तक का लोन, जानें शर्तें, पात्रता और आवेदन का तरीका
अनुसूचित जाति/जनजाति या महिला उद्यमी अगर अपना बिजनेस करना चाहते हैं, तो उनके लिए केंद्र सरकार की शानदार स्टैंड-अप इंडिया स्कीम है। इसके तहत आप 1 करोड़ तक का लोन ले सकती हैं। आज हम बताएंगे इस योजना के बारे में सारी डिटेल।
रायपुर। स्टैंड-अप इंडिया स्कीम महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के तहत आने वाले लोगों को फंड मुहैया कराती है। SC-ST श्रेणी के लोगों को आर्थिक मदद देने के मकसद से भारत सरकार ने स्टैंड-अप इंडिया योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य हरेक बैंक शाखा में से कम से कम एक SC-ST आवेदक और एक महिला उद्यमी को अपने खुद के बिजनेस को स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए 10 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच लोन देने में मदद करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में स्टैंड- अप योजना लॉन्च की थी। ये एंट्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देता है। मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेस, कृषि संबंधित गतिविधियों या व्यापार क्षेत्र के लिए ही लोन दिया जाता है। नॉन इन्डिविजुअल एंटरप्राइज के मामले में कम से कम 51% शेयर होल्डिंग और कंट्रोल शेयरिंग किसी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।
स्टैंड-अप इंडिया योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
- आवेदक की उम्र 18 साल से अधिक हो।
- लोन लेने वाला किसी भी बैंक से डिफॉल्टर नहीं हो।
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी को मिल सकता है लोन।
- योजना के तहत लोन केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं। ग्रीन फील्ड का मतलब निर्माण, सेवाओं या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में लाभार्थी का पहला बिजनेस हो।
- गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में 51% शेयर होल्डिंग और नियंत्रण हिस्सेदारी या तो SC/ST या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।
- इस योजना में 15% तक मार्जिन मनी का कॉन्सेप्ट है। इसके तहत किसी भी मामले में उधारकर्ता को परियोजना लागत का कम से कम 15% अपने योगदान के रूप में लाना होगा।
स्टैंड-अप इंडिया योजना की खास बातें
- लागू ब्याज दर उस श्रेणी के लिए बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है, जो कि MCLR + 3% + टेन्योर प्रीमियम से अधिक होगी।
- पहली बार मैन्यूफैक्चरिंग या व्यापारिक क्षेत्रों में व्यवसाय करने वालों को 1 करोड़ रुपए तक का लोन।
- कुल लोन राशि (जिसमें टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल शामिल हैं ) 10 लाख रुपए 1 करोड़ रुपए के बीच ऑफर की जाती है।
- बैंकों द्वारा तय किए गए लोन को क्रेडिट गारंटी फंड योजना की गारंटी से सिक्योर किया जा सकता है।
- लोन अवधि अधिकतम 7 साल है। अधिकतम मोराटोरियम पीरियड 18 महीने है।
स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए रजिस्ट्रेशन का तरीका
- स्टैंड-अप इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट https://www.standupmitra.in/Login/Register पर जाएं।
- सबसे पहले व्यावसायिक कॉलम में प्रवेश कर रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म में व्यवसाय का पता, राज्य, जिला, गांव, शहर, शहर और पिन कोड को दर्ज करें।
- चुनें कि क्या प्रमोटर महिला वर्ग या SC-ST वर्ग से संबंधित है और व्यापार में 51% या उससे अधिक की हिस्सेदारी है।
- आवेदक की योजना, व्यवसाय किस तरह का किया जाना है, लोन की राशि, बिजनेस के लिए जगह और पहली बार उद्यमियों की ड्रॉप डाउन को चुनें।
- आगे आप व्यावसायिक गतिविधि, बिजनेस के अनुभव का जिक्र करें। अपने पिछले व्यवसाय के अनुभव की जानकारी दें।
- हेंड होल्डिंग सपोर्ट पर टिक करें।
- रजिस्ट्रेशन का अंतिम स्टेप आवेदक की व्यक्तिगत जानकारी के बारे में है, जो नाम, उद्यम का नाम, यूजर नेम, मोबाइल नंबर, ईमेल है।
- रजिस्टर पर क्लिक कर आवेदक संबंधित लोन संस्थान में स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आवेदन कर सकेंगे।
- इसके बाद संबंधित अधिकारी आपसे आगे की औपचारिकताओं के लिए कॉन्टैक्ट करेंगे।
स्टैंड-अप योजना के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स
- पहचान पत्र, जैसे- आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास प्रमाण, जैसे- मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, करेंट बिजली बिल, टेलीफोन बिल, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद।
- व्यवसाय का पता प्रमाण सहित
- कंपनी के मेमोरेंडम ऑफ ऐसोसिएशन
- पार्टनरशिप डीड
- पट्टे की फोटोकॉपी
- रेंट एग्रीमेंट
- पिछले 3 साल की बैलेंस शीट
- प्रमोटर और गारंटी के एसेट्स और लाइबिलिटी स्टेटमेंट
आवेदक यहां कर सकते हैं आवेदन
- आप सीधे बैंक की शाखा में जाकर आवेदन डाल सकते हैं।
- स्टैंड-अप इंडिया पोर्टल (www.standupmitra.in) के जरिए भी लोन अप्लाई किया जा सकता है।
- इसके अलावा अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) के माध्यम से भी लोन ऐप्लीकेशन डाला जा सकता है।
ब्याज दर
इसके तहत मिलने वाले लोन पर ब्याज दर इस कैटेगरी के लोन में मौजूद बैंक की सबसे कम लागू दर पर होगी। वैसे ब्याज दरें स्टैंड-अप इंडिया प्राधिकरण, बैंक, NBFC और RBI के विवेक पर निर्भर करता है। शुल्कों पर GST और सर्विस टैक्स अतिरिक्त लगाया जाएगा। 10 लाख तक की वर्किंग कैपिटल विड्रॉ करने के लिए बैंक को उधारकर्ता को रूपे डेबिट कार्ड जारी करना होता है। 10 लाख से अधिक के लिए नकद ऋण सीमा सैंक्शन की जाती है। कंपोजिट लोन के 85% हिस्से में टर्म लोन और वर्किंग कैपिटल शामिल होती है। परियोजना लागत के 85 फीसदी को कवर करने के लिए लोन की शर्त तब लागू होगी, जब किसी और योजना से सपोर्ट के साथ आपका कंट्रीब्यूशन कुल परियोजना लागत का 15% से अधिक हो।