नई दिल्ली। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (रिटेल रिसर्च) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कमजोर माहौल और एचडीएफसी बैंक के शेयर में भारी बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को 2 फीसदी की गिरावट आई।
बिकवाली तेज होने से निफ्टी में भी भारी गिरावट देखी गई और यह 460 अंक (2.1 फीसदी) की गिरावट के साथ 21,572 पर बंद हुआ। उन्होंने कहा कि भारी उतार-चढ़ाव के बीच आईटी सेक्टर को छोड़कर सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए।
उन्होंने कहा कि बैंक निफ्टी में 4 फीसदी की गिरावट के साथ बैंकिंग सेक्टर को सबसे ज्यादा झटका लगा। एचडीएफसी बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजे कंपनी के लिए उम्मीद से कमजोर रहे।
22,000 अंक से ऊपर हाल ही में नई ऊंचाई बनाने के बाद, निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई और नकारात्मक वैश्विक और घरेलू संकेतों से प्रभावित होकर कमजोर हो गया।उन्होंने कहा, फेड की टिप्पणी, मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी ने निवेशकों के सेंटीमेंट्स को प्रभावित किया है।
बोनान्ज़ा पोर्टफोलियो के शोध विश्लेषक वैभव विदवानी ने कहा, सेंसेक्स 1,628 अंक या 2.23 प्रतिशत गिरकर 71,500 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 460 अंक या 2.09 प्रतिशत गिरकर 21,571 पर बंद हुआ।
विलय के बाद से एचडीएफसी बैंक की परिसंपत्ति में जबरदस्त वृद्धि हुई है, लेकिन डिपोजिट नहीं बढ़ी है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 के नौ महीनों के लिए औसत तिमाही शुद्ध जमा वृद्धि 63,600 करोड़ रुपये रही, जो टारगेट 1 लाख करोड़ रुपए से काफी कम है।
एचडीएफसी बैंक का स्टॉक तीन साल में अपनी सबसे बड़ी गिरावट से जूझा। बुधवार को यह 8.44 प्रतिशत से अधिक गिर गया। उन्होंने कहा कि निफ्टी में एचडीएफसी बैंक का बड़ा योगदान है जिससे सूचकांक और संपूर्ण बाजार प्रभावित हुआ।
निफ्टी पर एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, इंफोसिस, एलटीआईमाइंडट्री और टीसीएस शीर्ष लाभ में रहे, जबकि सबसे बड़े घाटे में एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज रहे।