Satta King: सट्टा किंग क्या है? 00 से 100 तक वाला गेम कैसे पहुंचा सकता है जेल? जानिए सट्टा बाजार का इतिहास, नियम कैसे चलता है? क्यों है भारत में गैरकानूनी?
Satta King Disawar Chart Result: Satta King गेम 1960 के दशक में मुंबई से शुरू हुआ था। इसमें 00 से 100 तक के नंबर पर पैसे लगाए जाते हैं और सही नंबर आने पर 90 गुना रकम मिलती है। लेकिन भारत में सट्टेबाजी गैरकानूनी है।

Satta King Disawar Chart Result: भारत समेत दुनियाभर में आज अलग-अलग तरह के सट्टा बाजार ऑपरेट हो रहे हैं। हर दिन करोड़ों लोग इनमें पैसे लगाकर अपनी किस्मत आजमाते हैं लेकिन इसमें जीत की कोई गारंटी नहीं होती। कई बार भाग्य साथ देता है तो अक्सर लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। डिजिटल युग में अब ऑनलाइन सट्टा गेम्स का चलन तेजी से बढ़ा है जिनमें वेबसाइट या मोबाइल ऐप के ज़रिए दांव लगवाए जाते हैं। इन्हीं में से एक गेम को “सट्टा किंग” के नाम से जाना जाता है यह सोशल मीडिया और गूगल ट्रेंड्स में अक्सर टॉप पर रहता है।
सट्टा क्या है और कैसे शुरू हुआ?
दरअसल सट्टा (Speculation) जुए का एक रूप है। इसकी शुरुआत 1960 के दशक में मुंबई (तब बॉम्बे) से हुई थी। यह खेल पहले “मटका” के नाम से मशहूर हुआ था जिसमें लोग किसी नंबर या घटना पर पैसा लगाकर अनुमान लगाते हैं।
जैसे क्रिकेट में शर्त लगाई जाती है कि कौन-सी टीम जीतेगी वैसे ही सट्टा गेम में 00 से 100 तक के नंबर होते हैं। तय समय पर एक नंबर खोला जाता है। अगर वही नंबर आपके अनुमान वाला हुआ तो आप जीत जाते हैं नहीं तो आकपा पैसा डूब जाता है।
जीतने पर मिलती है 90 गुना रकम
इस खेल में दांव लगाने वाला व्यक्ति किसी नंबर पर रकम लगाता है। मिसाल के लिए अगर आपने “44” नंबर पर 10 रुपये लगाए और वही नंबर निकल गया, तो आपको 900 रुपये (यानि 90 गुना रकम) मिलती है। हालांकि जीतने की संभावना बहुत कम होती है। 99 में से केवल 1 खिलाड़ी का नंबर सटीक बैठता है।
कौन होता है ‘सट्टा किंग’?
सट्टा बाजार में “सट्टा किंग” उस व्यक्ति को कहा जाता है जो इस खेल का नंबर घोषित करता है। हर सट्टा कंपनी का टाइम अलग होता है जैसे कल्याण सट्टा बाजार शाम 4 बजे खुलता है, मुंबई सट्टा बाजार रात 9 बजे। इन नंबर्स को घोषित करने वाला सरगना “सट्टा किंग” कहलाता है, जबकि जो एजेंट नंबर बुक करते हैं या सट्टा लिखते हैं, उन्हें “पंटर” कहा जाता है।
भारत में सट्टा क्यों गैरकानूनी है?
भारत में सट्टा, जुआ या किसी भी प्रकार की शर्तबाज़ी गैरकानूनी (Illegal) मानी जाती है। भारतीय दंड संहिता (IPC/अब BNS) के तहत यह दंडनीय अपराध है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी इस पर कार्रवाई होती है लेकिन कई वेबसाइट्स विदेशी सर्वरों से संचालित होती हैं जिससे इन्हें ट्रैक करना मुश्किल होता है। सट्टा खेलने में जोखिम बहुत जयदा है और यह लत (addiction) का रूप ले सकता है। कई परिवार आर्थिक नुकसान के कारण बर्बाद हो चुके हैं।
(Disclaimer)
देश में सट्टेबाजी और जुआ खेलना गैरकानूनी है। इसमें जीत-हार की कोई गारंटी नहीं होती। ऐसे खेलों में पैसे लगाना पूरी तरह जोखिम भरा है। यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा है NPG News किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी को प्रोत्साहित नहीं करता।
