Income Tax Return: कम आय होने पर भी ITR भरना क्यों फायदेमंद है? ऐसे दाखिल करें शून्य आयकर रिटर्न
Income Tax Return: मेरी तो आय ही नहीं है, मैं ITR क्यों भरूं? ऐसा सवाल बहुत से लोग पूछते हैं, खासकर वे जो स्टूडेंट हैं, फ्रीलांसर हैं, गृहिणी हैं या फिर जिन्होने हाल ही में नौकरी शुरू की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भले ही आपकी आय टैक्स की सीमा से कम हो, फिर भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना आपके लिए भविष्य में कई तरह से मददगार हो सकता है? आईए, इसे एक आसान उदाहरण से समझ लेते हैं। यदि आपने एक FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराई है और बैंक ने उस पर TDS काट लिया। अब अगर आप ITR नहीं भरते, तो वो पैसा आप क्लेम नहीं कर पाएंगे-जो आपके हक का था। लेकिन अगर आपने शून्य ITR भरा होता, तो आप आसानी से वो टैक्स रिफंड पा सकते थे।

Income Tax Return
Income Tax Return: मेरी तो आय ही नहीं है, मैं ITR क्यों भरूं? ऐसा सवाल बहुत से लोग पूछते हैं, खासकर वे जो स्टूडेंट हैं, फ्रीलांसर हैं, गृहिणी हैं या फिर जिन्होने हाल ही में नौकरी शुरू की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भले ही आपकी आय टैक्स की सीमा से कम हो, फिर भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना आपके लिए भविष्य में कई तरह से मददगार हो सकता है? आईए, इसे एक आसान उदाहरण से समझ लेते हैं। यदि आपने एक FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराई है और बैंक ने उस पर TDS काट लिया। अब अगर आप ITR नहीं भरते, तो वो पैसा आप क्लेम नहीं कर पाएंगे-जो आपके हक का था। लेकिन अगर आपने शून्य ITR भरा होता, तो आप आसानी से वो टैक्स रिफंड पा सकते थे।
क्या होता है शून्य ITR?
जब आपकी सालाना आमदनी सरकार की तय की गई टैक्स छूट सीमा से कम होती है और आप पर कोई टैक्स नहीं बनता, तब जो ITR फाइल होता है, उसे शून्य ITR कहा जाता है। यानी यह दर्शाता है कि आपकी कमाई भले ही टैक्स योग्य नहीं है, पर आप नियमों का पालन कर रहे हैं और इसका रिकॉर्ड दे रहे हैं।
किन लोगों को ज़रूर भरना चाहिए शून्य ITR?
1. जब TDS काटा गया हो-
अगर आपने FD, फ्रीलांसिंग या किसी अस्थायी जॉब से पैसा कमाया और उस पर TDS कट गया, तो रिफंड के लिए ITR भरना जरूरी है—even if your income is below the tax limit.
2. वीज़ा या लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं-
कई बार वीज़ा एप्लिकेशन, पासपोर्ट रिन्यूअल, या होम लोन आदि के लिए आय प्रमाण (Income Proof) माँगा जाता है। ITR यहां एक मज़बूत दस्तावेज़ बन सकता है।
3. भविष्य में नौकरी या प्रमोशन के लिए-
सरकारी या बड़ी निजी कंपनियों में कई बार पिछले सालों की ITR कॉपी मांगी जाती है। ये आपके आर्थिक व्यवहार और जवाबदेही का सबूत होता है।
4. शेयर बाजार में निवेश से घाटा हुआ हो-
अगर आपने शेयर में निवेश करते हैं और आपको नुकसान हुआ हो तो इस हानि को आगे के सालों में समायोजित करने के लिए आपको ITR फाइल करना जरूरी है।
5. अगर आपके पास विदेशी संपत्ति है-
यदि आपके पास विदेशी संपत्ति है तो ऐसी स्थिति में आपकी आय चाहे कुछ भी हो, आपको ITR फाइल करना जरूरी है।
शून्य ITR की डेडलाइन और नियम-
अगर आप समय से ITR नहीं भर पाते, तो विलंबित रिटर्न भी फाइल कर सकते हैं—और खास बात यह है कि शून्य ITR पर कोई लेट फाइन नहीं लगता।
शून्य ITR से मिलते हैं ये फायदे-
भविष्य के लिए फाइनेंशियल ट्रैक रिकॉर्ड तैयार होता है। बैंक से लोन लेना आसान होता है। रिफंड क्लेम करने में सुविधा होती है। किसी कानूनी या आर्थिक अड़चन में मददगार साबित होता है।
अंत में: छोटी शुरुआत, बड़ा असर-
अगर आप थोड़ा बहुत भी कमाते हैं तो भी शून्य ITR फाइल करना एक जिम्मेदार नागरिक और स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानर की निशानी है। यह कदम न केवल आज की ज़रूरतों में सहायक है, बल्कि भविष्य की बड़ी ज़िम्मेदारियों जैसे घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई, बिज़नेस प्लान या विदेश जाने में भी आपकी सहायता करेगा।
अस्वीकरण- यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। यह किसी प्रकार की व्यक्तिगत कर सलाह नहीं है। निवेश से पहले अपने CA या वित्तीय सलाहकार से ज़रूर संपर्क करें।
