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Gold Monetization Scheme: बैंक में मात्र 10 ग्राम सोना जमा कर करें कमाई, इस स्कीम में करें निवेश, ऐसे करें अप्लाई

आज हम आपको एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप अगर अपने गैर इस्तेमाल वाले सोने को जमा करा दें, तो आपको घर बैठे ब्याज से इनकम होगी। आइए जानते हैं इसके बारे में…

Gold Monetization Scheme: बैंक में मात्र 10 ग्राम सोना जमा कर करें कमाई, इस स्कीम में करें निवेश, ऐसे करें अप्लाई
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By Pragya Prasad

रायपुर। साल 2015 में गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम लॉन्च की गई थी। इसका मकसद लोगों के घरों, बड़े-बड़े मंदिरों और अन्य संस्थानों के पास पड़े सोने को इकोनॉमी में बदलना है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की खास बात ये है कि सोने को बैंक में जमा करवाकर आप लॉकर के खर्च से बचने के साथ ही पैसे भी कमा सकते हैं।

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम

भारत सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के जरिए लोगों को अपने निष्क्रिय सोने को किसी भी रूप (आभूषण, सिक्के या बार) में बैंकों या अन्य अधिकृत वित्तीय संस्थानों में जमा करने की अनुमति देती है। बदले में जमाकर्ताओं को उनके सोने की जमा राशि पर ब्याज मिलता है। योजना का पहला मकसद घरों और संस्थानों में रखे गए सोने को जुटाना, सोने की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम करना और बेकार पड़े सोने को उत्पादक इस्तेमाल में लाना है।

योजना के तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम चलाता है।

रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट में होती है 3 कैटेगिरी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 3 कैटेगरी बनाई है। पहली कैटेगरी में 1 से 3 साल के लिए सोना जमा किया जाता है। इसे शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) कहा जाता है। दूसरी कैटेगरी को मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD) कहा जाता है। इसका मैच्योरिटी पीरियड 5 से 7 साल है। वहीं लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) कैटेगरी के तहत 12 से 15 साल के लिए गोल्ड फिक्स्ड किया जा सकता है।


अधिकतम निवेश अनलिमिटेड

रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत ग्राहक को कम से कम 10 ग्राम सोना जमा करना होता है। हालांकि सोना जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं तय की गई है। मतलब आप कितना भी गोल्ड जमा करके उस पर ब्याज पा सकते हैं। इस स्कीम के तहत इसमें 995 शुद्धता वाला सोना बैंक में रखा जाता है।

टैक्स छूट का लाभ

इस स्कीम के तहत डिपॉजिट किए गए सोने पर आपको प्रॉपर्टी टैक्स भी नहीं देना होता। जरूरत पड़ने पर इस एफडी के आधार पर लोन भी लिया जा सकता है।

मैच्‍योरिटी पर सोना मिलेगा या पैसा?

इस योजना की सबसे बड़ी कमजोरी ये है कि इसमें मैच्‍योरिटी पर ग्राहक को जमा कराए गए सोने के गहनों के बजाए नगद पैसे का भुगतान किया जाता है। दरअसल, योजना के तहत शॉर्ट टर्म का विकल्‍प चुनने वाले ग्राहकों को तो मैच्‍योरिटी के बाद वापस अपने आभूषण या पैसे लेने का विकल्‍प मिलता है, लेकिन मीडियम और लॉन्ग टर्म का विकल्‍प चुनने वाले ग्राहकों को मैच्‍योरिटी पर उनके सोने के बाजार मूल्‍य जितनी रकम का ही भुगतान किया जाता है।

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के लिए पात्रता

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में देश का कोई भी नागरिक, हिंदू अविभाजित परिवार, कंपनी, चैरिटेबल संस्थान, प्रोपराइटर शिप या पार्टनरशिप फर्म, ट्रस्ट या म्यूचुअल फंड निवेश करके पैसा कमा सकते हैं। वहीं केंद्र या राज्य सरकारें या उनकी कंपनियां भी अपने सोने को इस स्कीम में कैश कर सकती हैं।

देश में चुनिंदा बैंक गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम का फायदा देते हैं। आपको अपनी केवाईसी से संबंधित डॉक्यूमेंट जमा कराने होंगे। इसके बाद बैंक आपके सोने की आपके सामने शुद्धता जांच करवाएगा और इसके बदले में आपको डिपॉजिट रसीद जारी की जाएगी। इन डिपॉजिट रसीद के बदले में बैंक आपका 'गोल्ड बैंक डिपॉजिट अकाउंट' ओपन करेगा।

शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म में कर सकते हैं निवेश

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम आपकी डिपॉजिट रसीद के बदले में शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म के हिसाब से अकाउंट खोलता है। शॉर्ट टर्म में आपका गोल्ड डिपॉजिट 1 से 3 साल के लिए होता है। इसमें ब्याज बैंक तय करती है, जबकि मीडियम और लॉन्ग टर्म की डिपॉजिट स्कीम में आपका गोल्ड सरकार के पास जमा होता है और इस पर फिक्स ब्याज मिलता है।

इतना मिलता है ब्याज

शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट योजना के तहत 1 से 3 साल के लिए स्‍कीम का फायदा उठाया जा सकता है। इस पर ब्‍याज दर हर बैंक अपने हिसाब से तय करते हैं। अगर आप मीडियम टर्म के लिए गोल्ड जमा करते हैं, तब ये बैंक में नहीं बल्कि सरकार के पास जमा होता है। 5 से 7 साल की अवधि के इस डिपॉजिट में 2.25 प्रतिशत का सालाना ब्याज मिलता है। वहीं लॉन्ग टर्म में ये 12 से 15 साल के लिए सरकार के पास डिपॉजिट होता है और आपको सालाना 2.50 प्रतिशत ब्याज मिलता है।

आप जमा कर सकते हैं सोने की ईंटें, गहने और सिक्के

रीवैंप्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (आर-जीडीएस) का मकसद जीडीएस को गोल्ड बांड स्कीम की तरह लोकप्रिय बनाना है। अनुमान के मुताबिक देश में लगभग 24,000 टन सोना घरों के साथ विभिन्न संस्थानों और लॉकर में बेकार पड़ा है। सोने की ईंटें, गहने और सिक्के को ही जीडीएस के रूप में जमा किया जा सकेगा। नए नियम के मुताबिक ज्वैलर्स बैंक के एजेंट के रूप में काम करेंगे जिन पर सोने की जांच-परख करने की जिम्मेदारी होगी। बैंक में सोने को जमा करने से पहले उसकी शुद्धता के लिए ज्वैलर्स से सर्टिफिकेट लेना होगा।

इतना होता है लॉक इन पीरियड

शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) कैटेगरी के तहत एक साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इस समयावधि के बाद तय समय से पहले पैसा निकालने पर ब्याज दर में पेनाल्टी लगाई जाएगी। वहीं मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट यानी MTGD कैटेगरी के तहत निवेशक 3 साल के बाद कभी भी स्कीम से बाहर हो सकते हैं। हालांकि मैच्योरिटी पीरियड से पहले स्कीम ब्रेक करने पर ब्याज दर में पेनाल्टी लगाई जाएगी। इसके अलावा लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (LTGD) कैटेगरी के तहत 5 साल के बाद गोल्ड निकला जा सकता हैं। इसमें भी ब्याज दर पर पेनाल्टी लगाई जाएगी।

अगर आप ब्याज हर साल लेते हैं, तो आपको साधारण ब्याज (सिंपल इंटरेस्ट) ही मिलता है, जबकि मैच्योरिटी पर रिटर्न लेते वक्त आपको चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंड इंटरेस्ट) का भुगतान होता है। अगर आप मैच्‍योरिटी पर अपने सोने को निकालते हैं, तो सोने की बढ़ी कीमत के साथ ही हर साल मिले ब्‍याज का भी भुगतान किया जाता है। योजना की अवधि के हिसाब से इस पर ब्‍याज का भुगतान होता है।

ऐसे उठाएं योजना का फायदा

  • सबसे पहले बैंक में गोल्‍ड डिपॉजिट अकाउंट खुलवाएं और KYC पूरी कराएं।
  • बैंक की ओर से ग्राहक की मौजूदगी में सोने की शुद्धता की जांच की जाएगी और 995 गोल्‍ड फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।
  • इसके बाद बैंक की ओर ग्राहक को उसी दिन या 30 दिन के भीतर शॉर्ट टर्म या मीडियम टर्म डिपॉजिट स्‍कीम का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
  • इस जमा किए गए गोल्‍ड पर आपको 30 दिन बाद ब्‍याज का भुगतान शुरू हो जाएगा।
  • इसकी शुरुआत न्‍यूनतम 10 ग्राम के गोल्‍ड से की जा सकती है, जबकि अधिकतम की कोई सीमा नहीं है।

Pragya Prasad

पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव। दूरदर्शन मध्यप्रदेश, ईटीवी न्यूज चैनल, जी 24 घंटे छत्तीसगढ़, आईबीसी 24, न्यूज 24/लल्लूराम डॉट कॉम, ईटीवी भारत, दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद अब नया सफर NPG के साथ।

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