GDP Growth in Q2: दूसरी तिमाही में धीमी हो जाएगी देश की तरक्की की रफ्तार, SBI ने बताया, कितनी रहेगी जीडीपी वृद्धि दर
GDP Growth in Q2: एसबीआई के अर्थशास्त्रियों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जीडीपी ग्रोथ दर बेहद धीमी रही है। जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.7% दर्ज की गई थी, जो पिछले 15 तिमाहियों में सबसे कम है।
GDP Growth in Q2: एसबीआई के अर्थशास्त्रियों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जीडीपी ग्रोथ दर बेहद धीमी रही है। जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.7% दर्ज की गई थी, जो पिछले 15 तिमाहियों में सबसे कम है। अब सितंबर तिमाही में इससे भी धीमी ग्रोथ की संभावना जताई गई है, और अनुमान है कि यह घटकर 6.5% तक रह सकती है।
क्यों दिख रही है आर्थिक सुस्ती?
एसबीआई की रिपोर्ट बताती है कि घरेलू मांग और खपत की दर में गिरावट से कृषि, उद्योग, और सेवा क्षेत्र में कुछ चुनौतियां उभर रही हैं। 50 आर्थिक संकेतकों के विश्लेषण में सामने आया कि सितंबर तिमाही में 69% संकेतक ही बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 80% था।
क्या दिसंबर तिमाही में बदलेंगे हालात?
हालांकि एसबीआई के अनुसार, दिसंबर तिमाही में सुधार की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैक्टर, दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ी है, जिससे मांग में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, अगस्त में कृषि मजदूरी में भी इजाफा हुआ है, जो ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में सहायक हो सकता है।
शहरी इलाकों में अनसिक्योर्ड लोन नियमों की सख्ती के कारण क्रेडिट ग्रोथ में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। साथ ही, एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कृषि कर्ज माफी और एमएसपी आधारित नीतियों को लेकर चेतावनी दी है। इन नीतियों से राजकोषीय घाटे और जलस्तर में गिरावट का खतरा बढ़ सकता है।
दिसंबर में अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलने की संभावना
एसबीआई का मानना है कि अर्थव्यवस्था को ग्रामीण मांग में सुधार से बल मिलेगा। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो दिसंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ सकती है, जिससे वित्तीय वर्ष के शेष महीनों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।