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EPFO Minimum Pension: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, क्या मिलेगी 7,500 पेंशन? सरकार ने संसद में दिया जवाब

EPFO Minimum Pension: कर्मचारियों को मिलने वाली EPS-95 न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 करने की मांग एक बार फिर संसद में गूंज उठी है।

EPFO Minimum Pension: कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, क्या मिलेगी 7,500 पेंशन? सरकार ने संसद में दिया जवाब
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By Ragib Asim

नई दिल्ली | प्राइवेट सेक्टर के लाखों रिटायर्ड कर्मचारियों को मिलने वाली EPS-95 न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹7,500 करने की मांग एक बार फिर संसद में गूंज उठी है। पिछले कई महीनों से इस बढ़ोतरी को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब सरकार ने शीतकालीन सत्र में इस पर अपना आधिकारिक रुख साफ कर दिया है।

संसद में क्या पूछा गया सवाल

लोकसभा में सांसद बलया मामा सुरेश गोपीनाथ म्हात्रे ने सरकार से कुल 6 अहम सवाल पूछे क्या न्यूनतम पेंशन ₹7,500 की जाएगी? DA क्यों नहीं दिया जा रहा? पेंशनरों की मांगों का क्या अध्ययन हुआ? और क्या इस स्कीम को “जीने लायक” बनाने के लिए सरकार कोई ठोस कदम उठा रही है? ये सवाल उन 80 लाख से ज्यादा EPS-95 पेंशनरों की आवाज बने, जो लंबे समय से पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

EPS-95 कैसे चलता है? जानिए पूरी फंडिंग व्यवस्था

Employees’ Pension Scheme 1995 (EPS-95) देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की पेंशन योजना है। यह दो स्रोतों से चलती है aik नियोक्ता द्वारा कर्मचारी वेतन का 8.33% योगदान dusra केंद्र सरकार का 1.16% योगदान (₹15,000 वेतन सीमा तक) 2014 में सरकार ने न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 प्रति माह तय किया था, लेकिन महंगाई के मौजूदा दौर में पेंशनर इसे अपर्याप्त मानते हैं।

EPS-95 पेंशनरों की प्रमुख मांगें

पिछले एक दशक में EPS-95 पेंशनरों ने कई बार आंदोलन और ज्ञापन दिए हैं। उनकी मुख्य मांगें हैं-

  • न्यूनतम पेंशन ₹7,500–₹9,000 की जाए
  • DA (महंगाई भत्ता) लागू हो
  • हायर पेंशन ऑप्शन बहाल किया जाए
  • योजना को जीवन-यापन योग्य बनाया जाए

सरकार का जवाब

श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने संसद में बताया कि फिलहाल न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। सरकार ने इसके पीछे बड़ा कारण बताया— EPS फंड की कमजोर वित्तीय स्थिति।

EPS फंड की सबसे बड़ी समस्या क्या है?

2019 की आखिरी एक्चुरियल वैल्यूएशन के अनुसार EPS फंड पहले से ही Actuarial Deficit में है। यानी भविष्य की पेंशन देनदारियों को पूरा करने के लिए फंड में पर्याप्त पैसा नहीं है। सरकार का तर्क है कि इस हालात में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने से फंड पर और भारी दबाव पड़ेगा।

फिलहाल न्यूनतम पेंशन कैसे दी जा रही है?

सरकार बजटीय सहायता देकर ₹1,000 न्यूनतम पेंशन का भुगतान सुनिश्चित कर रही है। साथ ही केंद्र सरकार अपना 1.16% योगदान भी जारी रखे हुए है। लेकिन सरकार ने DA देने या पेंशन बढ़ाने पर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई।

EPS-95 में DA क्यों नहीं मिलता?

सरकार का कहना है कि—EPS एक Defined Contribution Scheme है, न कि सरकारी कर्मचारियों की तरह सैलरी-लिंक्ड योजना। इसलिए इसमें DA का कोई प्रावधान नहीं है। यही वजह है कि महंगाई बढ़ने के बावजूद EPS पेंशन में स्वचालित बढ़ोतरी नहीं होती।

महंगाई में EPS पेंशनरों की मुश्किलें

EPS-95 के अधिकतर पेंशनर निजी क्षेत्र की कम वेतन वाली नौकरियों से आए हैं। उनकी पेंशन ही मुख्य आय का साधन होती है। महंगाई, मेडिकल खर्च और रोजमर्रा की लागत बढ़ने से मौजूदा ₹1,000–₹2,000 की पेंशन में गुजारा मुश्किल होता जा रहा है। इसके मुकाबले सरकारी पेंशनरों को DA और नियमित बढ़ोतरी मिलती है, जिससे असमानता और गहरी हो गई है।

क्या भविष्य में ₹7500 पेंशन मिलने की कोई उम्मीद है?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक नियोक्ता का योगदान नहीं बढ़ता सरकार अतिरिक्त फंडिंग नहीं करती या EPS के स्ट्रक्चर में बड़ा सुधार नहीं होतातब तक ₹7,500 न्यूनतम पेंशन लागू होना मुश्किल है। हालांकि राजनीतिक दबाव और पेंशनरों के आंदोलन तेज होने पर भविष्य में नीति बदलने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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