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Disawar Satta King: कैसे चलता है यह अवैध खेल, कितना बड़ा है खतरा और क्यों बढ़ रही है ऑनलाइन धोखाधड़ी

Disawar Satta King: Disawar Satta King और Satta King 786 जैसे अवैध खेल कैसे काम करते हैं, क्यों इन्हें खतरनाक माना जाता है, क्या है ऑनलाइन धोखाधड़ी का खतरा और कानूनी तौर पर क्या हो सकता है—जानें पूरी जानकारी।

Disawar Satta King: कैसे चलता है यह अवैध खेल, कितना बड़ा है खतरा और क्यों बढ़ रही है ऑनलाइन धोखाधड़ी
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By Ragib Asim

Disawar Satta King और Satta King 786 उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड सहित कई उत्तर भारतीय राज्यों में खेले जाने वाले सबसे चर्चित और अवैध जुआ नेटवर्क में गिने जाते हैं। 00 से 99 तक की संख्याओं पर दांव लगाने वाले इस खेल को डिजिटल युग ने और विस्तार दे दिया है। ऑनलाइन वेबसाइट्स, मोबाइल ऐप, Telegram और WhatsApp चैनलों के माध्यम से यह अब छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच चुका है। उच्च रिटर्न का लालच और तेज कमाई के भ्रम ने इसे एक बड़े सामाजिक खतरे में बदल दिया है।

कैसे काम करता है Disawar Satta King सिस्टम

इस सिस्टम में खिलाड़ी एक संख्या चुनकर उस पर पैसा लगाता है। दांव एक खाईवाल या बिचौलिए के माध्यम से लगाया जाता है, जो खिलाड़ियों और पूरे अवैध नेटवर्क के बीच संपर्क का काम करता है। तय समय पर एक रैंडम नंबर ड्रॉ किया जाता है और दावा किया जाता है कि अगर नंबर मैच हो जाए तो खिलाड़ी को लगाई गई राशि का 80 से 90 गुना तक मिल सकता है। हालांकि न तो यह प्रक्रिया पारदर्शी होती है और न ही किसी कानूनी सुरक्षा के दायरे में आती है। ड्रॉ की प्रणाली पूरी तरह अनियंत्रित और अविश्वसनीय होती है, जहां खिलाड़ी हमेशा नुकसान की अधिक संभावना का सामना करता है।

क्यों माना जाता है यह सट्टा खेल बेहद खतरनाक

Disawar Satta King का सबसे बड़ा खतरा इसका पूरी तरह गैरकानूनी होना है। भारत में जुआ और सट्टे से जुड़े खेल Public Gambling Act, 1867 के तहत प्रतिबंधित हैं, जिनमें गिरफ्तारी, जुर्माना और जेल तक की सजा का प्रावधान है। आर्थिक दृष्टि से यह खेल व्यक्ति को भारी नुकसान में ले जाता है क्योंकि जीत की संभावना बेहद कम होती है। सामाजिक स्तर पर यह लत परिवारों को तोड़ देती है, विवाद, मानसिक तनाव, कर्ज, बेरोजगारी और कई बार अपराध की ओर धकेल देती है। कई पुलिस मामलों में सट्टे की वजह से हुए हिंसक अपराधों का ज़िक्र मिलता है।

ऑनलाइन Satta King प्लेटफॉर्म पर बढ़ती धोखाधड़ी

डिजिटल माध्यमों के बढ़ने के साथ फर्जी वेबसाइट्स और Telegram–WhatsApp नेटवर्क सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं। ये प्लेटफॉर्म शुरुआत में छोटी जीत दिखाकर लोगों का भरोसा जीतते हैं और फिर उनसे बड़ी रकम उगलवाकर गायब हो जाते हैं। चूंकि गतिविधि शुरू से ही अवैध होती है, इसलिए पीड़ित शिकायत दर्ज कराने में भी हिचकिचाते हैं। न कोई कस्टमर सपोर्ट, न कोई कानूनी सुरक्षा—इसलिए ऑनलाइन Satta King धोखाधड़ी का सबसे आसान माध्यम बन चुका है।

फिर भी लोग क्यों खिंच जाते हैं Satta King की ओर?

चटपटे पैसे, कम निवेश में ऊंचे मुनाफे का भ्रम और किस्मत आजमाने का लालच लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि शायद वे बड़ा फायदा कमा लेंगे। ग्रामीण और निम्न-मध्यवर्गीय क्षेत्रों में रोजगार की कमी और आर्थिक दबाव के कारण लोग ऐसे जाल में जल्द फंस जाते हैं। कई लोग इसे मनोरंजन की तरह शुरू करते हैं लेकिन धीरे-धीरे यह आदत लत में बदल जाती है और नुकसान कई गुना बढ़ जाता है।

सट्टे के बजाय क्या चुनें सुरक्षित और कानूनी विकल्प

वित्तीय विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लोग अपने पैसे को म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार के वैध साधन, फिक्स्ड डिपॉजिट, आरडी और अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों में लगाएं। मनोरंजन के लिए ऑनलाइन गेमिंग, स्पोर्ट्स, क्रिएटिव एक्टिविटीज बेहतर विकल्प हो सकते हैं। परिवार और समाज में सट्टा मटका जैसे अवैध खेलों से होने वाले नुकसान पर जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है, ताकि लोग इस जाल में न फंसें।

डिस्क्लेमर

यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। Disawar Satta King, Satta King 786 और इससे जुड़े सभी जुआ खेल भारत में अवैध हैं। हम किसी भी प्रकार के जुआ, सट्टा या गैरकानूनी गतिविधि का समर्थन नहीं करते।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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