Budget History Budget 2024: भारत में पहला बजट कब और किसने किया था? कितने का था बजट? जानें सब कुछ
Budget History Budget 2024: आज 1 फरवरी 2024 को पेश होने वाला बजट (Budjet 2024) मोदी सरकार (PM Modi) के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट है। इसी साल 2024 में आम चुनाव (Loksabha Election 2024) अब कुछ दिनों के बाद होने वाले है।

Budget History Budget 2024: आज 1 फरवरी 2024 को पेश होने वाला बजट (Budjet 2024) मोदी सरकार (PM Modi) के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट है। इसी साल 2024 में आम चुनाव (Loksabha Election 2024) अब कुछ दिनों के बाद होने वाले है। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) छठी बार बजट पेश कर रही हैं। बजट का इतिहास बहुत पुराना है और देश की आजादी से पहले भी बजट पेश होते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं की आजाद भारत में सबसे पहला बजट किसने और कब पेश किया था?
कब पेश हुआ था भारत का पहला बजट?
आजदी से पूर्व भारत का पहला बजट वर्ष 1860 में स्कॉटिश अर्थशस्त्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। आजाद भारत में पहला बजट 26 नवंबर 1947 में उस समय के वित्त मंत्री आरके षणमुगम चेट्टी के द्वारा पेश किया गया था। इस बजट में सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था के लेखा – जोखा दिया गया था। इस बजट के निर्माण में देश के प्रथम योजना आयोग के सदस्य व सांख्यिकीविद प्रोफ़ेसर पी सी महालनोबिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके ठीक 95 दिवस के बाद 1948 -49 का संपूर्ण बजट पेश किया गया। बजट पेश करते हुए आके षणमुगम ने कहा था कि इससे पर्व जो बजट पेश हुआ था वो अंतरिम बजट था। इसके बाद से मतदान वाले साल के बजट को अंतिरम बजट कहा जाता है। मतलब कम समय में लाया गया बजट अंतरिम बजट कहलाया जाना लगा।
कौन थे आजाद भारत के पहले वित्त मंत्री?
बजट से जुडी यह खास जानकारी आपको इतिहास में लेकर जाएगी जहां आजादी की जद्दोजहद के बाद देश में सबसे पहला बजट पेश हुआ था। इस बीच जिस मंत्री ने ये भार संभाला था वो थे स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री (First Finance Minister of Independent India) आर शणमुखम चेट्टी (R Shanmukham Chetty)।
कितने का था पहला बजट?
देश के पहले वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को इसे पेश किया था। यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के लिए पेश किया गया था। भारत के सामने पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को बसाने की बड़ी चुनौती थी। इसके लिए सरकार के पास पैसा नहीं था। ऐसे में बजट ने सरकार के खर्चों का मार्ग प्रशस्त किया। देश का पहला बजट 197.39 करोड़ रुपये का था जिसका 46% हिस्सा डिफेंस सर्विसेज डिपार्टमेंट को अलॉट किया गया था। इसमें किसी भी नए टैक्स का प्रावधान नहीं किया गया।
कितने महीनों का था पहला बजट?
स्वतंत्रता हासिल करने के बाद पहला यूनियन बजट 26 नवंबर 1947 को प्रस्तुत किया गया था। ये देश को ब्रिटिश राज से आजादी मिलने के सिर्फ तीन महिने के अंदर संसद में प्रस्तुत कर दिया गया था। देश का पहला केंद्रीय बजट देश के पहले वित्त मंत्री आर शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था। इस बजट को अगस्त 1947 से मार्च 1948 तक के समय के लिए लाया गया था यानी लगभग साढ़े सात महीनों के लिए ये बजट लाया गया था। दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बजट में टैक्स का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन आजादी के बाद बजट में टैक्स के प्रावधानों को जोड़ने के लिए 15 अगस्त, 1947 से 31 मार्च, 1948 तक कई सिफारिशें सामने आई थी।
पहले बजट सबसे ज्यादा खर्च कहा हुआ था?
पहले यूनियन बजट में 171.15 करोड़ रुपये का खर्च आया था और इस बजट में 197.29 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया गया था। खास बात ये है कि उस समय का वित्तीय घाटा 26.24 करोड़ रुपये का रहा था। आजादी के बाद के पहले बजट में जाहिर तौर पर 92.74 करोड़ रुपये का खर्च रक्षा बजट पर किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार उस समय देश को भारत-पाकिस्तान के विभाजन के दंश को झेलना था और इसके लिए रक्षा मद पर सबसे ज्यादा खर्च करना तर्कसंगत और जरूरी था।
आजादी से पहले भारत का बजट
बता दें, हमारे देश में आजादी से पहले ब्रिटिश शासन काल से ही केंद्रीय बजट पेश किये जाते थे। भारत में पहली बार साल 1860 में अंग्रेजों के शासन में बजट पेश किया गया था। इसके बाद से बजट लाने की परम्परा में कई बदलाव हुए। भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 में ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन (James Wilson) ने पेश किया था। साम्राज्य वित्तीय संकट से जूझ रहा था इसलिए, भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए बजट पेश किया गया था।
वर्ष 1950 में लीक हुआ था बजट
वर्ष 1950 में जॉन मथाई भारत के वित्त मंत्री हुआ करते थे। देश में बजट पेश होना था। सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी थी। तभी बजट के लीक होने की खबर ने हड़कंम मचा दिया था। इस गलती के लिए जॉन मथाई को त्याग पत्र देना पड़ा। जिसके बाद बजट छपने का रिवाज बदल गया। 1950 तक बजट राष्ट्रपति भवन में छपता था , लेकिन लीक की घटना के बाद छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड में होने लगी। फिर साल 1980 में एक बार फिर छपाई की जगह बदली थी।
