Vimal Negi Death Case: सरकार की बड़ी कार्रवाई, फोर्स लीव पर भेजे गए ACS, DGP और SP, वापस लिए सभी विभाग, आखिर क्या है पूरा मामला?
Vimal Negi Death Case: हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी(Chief Engineer Vimal Negi) की रहस्यमयी मौत हो गयी. इस मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. तीन बड़े अफसरों को फोर्स लीव भेज दिया गया है.

Vimal Negi Death Case
Vimal Negi Death Case: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों विमल नेगी की मौत(Vimal Negi Death) का मामला सुर्खियों में है. हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी(Chief Engineer Vimal Negi) की रहस्यमयी मौत हो गयी. इस मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. तीन बड़े अफसरों को फोर्स लीव भेज दिया गया है.
तीन बड़े अफसरों को फोर्स लीव पर भेजे गए
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी(Chief Engineer Vimal Negi) की मौत के मामले की जांच में अनुशासनहीनता पर बड़ी कार्रवाई की है. ढाई घंटे की हाई लेवल मीटिंग के बाद सरकार ने प्रदेश के 3 वरिष्ठ अधिकारियों को फोर्स लीव पर भेज दिया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आईएएस ओंकार शर्मा(IAS Omkar Sharma), हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आईपीएस डा. अतुल वर्मा(IPS Dr. Atul Verma) और शिमला के पुलिस अधीक्षक आईपीएस संजीव गांधी(IPS Sanjeev Gandhi) को छुट्टी पर भेज दिया है.
इसके साथ ही ओंकार शर्मा से सभी विभागों को वापस ले लिया है. डीजी विजिलेंस अशोक तिवारी को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. एसपी शिमला का कार्यभार जिला सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह को दिया गया है. डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा और एसपी शिमला संजीव गांधी को अनुशासनहीनता व आपसी खींचतान पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किए हैं. इधर, हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच का काम सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है.
क्या है मामला
दरअसल, HPPCL के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च 2025 से लापता थे. 18 मार्च 2025 को उनका शव बिलासपुर के गोविंद सागर झील में मिला. जिसके बाद 19 मार्च को विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने न्यू शिमला थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई. शिकायत में उन्होंने पावर कॉरपोरेशन के निदेशक देसराज और प्रबंध निदेशक (MD) हरिकेश मीणा पर पति विमल नेगी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और पावर कॉरपोरेशन ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने एसीएस ओंकार शर्मा को मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा था.
पुलिस जांच में प्रशासनिक लापरवाही
इधर, मामले की सीबीआई जांच को लेकर विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी. जिसके बाद कोर्ट ने एसआईटी से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी थी. डीजीपी अतुल वर्मा ने एक रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी. डीजीपी अतुल वर्मा की एसआईटी ने सबसे पहले मामले की जाँच की थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में शिमला के एसपी पर सवाल उठाए थे. डीजीपी अतुल वर्मा ने कहा था. एसपी शिमला ने भी अपनी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी. एसपी शिमला संजीव गांधी ने डीजीपी के शपथ पत्र को झूठा और गैरजिम्मेदाराना करार दिया था. साथ ही एसपी संजीव गांधी ने डीजीपी अतुल वर्मा पर जांच के दौरान हस्तक्षेप और आचरण के संबंध में शिकायतें मिलने का आरोप लगाया.
सीबीआई करेगी जांच
विमल नेगी केस में जिस तरह वरिष्ठ अधिकारियों के बीच खींचतान की वजह से हाईकोर्ट ने केस को सीबीआई को सौंप दिया. वहीँ, विमल नेगी की मौत की चल रही जांच को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की जाने लगी. उससे सीएम काफी नाराज थे. जिसके बाद इस मामले को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हाईलेवल मीटिंग हुई. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव (विधि) शरद कुमार लगवाल, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन, सचिव (कार्मिक) एम सुधा देवी और राकेश कंवर शामिल थे. मीटिंग में सरकार सख्त रुख दिखाते हुए एसीएस गृह, डीजीपी और एसपी शिमला को छुट्टी पर जाने का निर्देश दिया गया है.