IAS transfer news: IAS वी. श्रीनिवास बने राजस्थान के नए मुख्य सचिव, दिल्ली एम्स में सुधार के लिए रहे चर्चित, बेल्जियम में जीता IIAS चुनाव, पढ़ें कौन हैं IAS वी. श्रीनिवास?
V. Srinivas New Chief Secretary: IAS वी. श्रीनिवास को राजस्थान का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। केंद्र में Digital AIIMS प्रोजेक्ट लागू करने वाले इस अधिकारी से राज्य की नौकरशाही में अनुशासन, पारदर्शिता और डिजिटल सुधार की उम्मीद है।

V. Srinivas New Chief Secretary: राजस्थान में 1989 बैच के IAS अधिकारी वी. श्रीनिवास को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। वे हाल ही में केंद्र सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (DARPG) में सचिव के पद पर तैनात थे और अब प्रतिनियुक्ति से लौटकर राज्य प्रशासन का नेतृत्व संभाल रहे हैं।
राजस्थान सरकार ने शनिवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी किए मौजूदा मुख्य सचिव अमित यादव 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। श्रीनिवास की नियुक्ति को एक अनुभवी और तकनीकी दक्ष (Technical proficiency) अफसर के रूप में स्टेबिलिटी का सिंबल माना जा रहा है।
केंद्र से वापसी के साथ नई जिम्मेदारियां
मुख्य सचिव का पदभार संभालने के साथ ही उन्हें राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड (RSMML), उदयपुर का अध्यक्ष और दिल्ली में मुख्य आवासीय आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यह दोनों जिम्मेदारियां रणनीतिक मानी जा रही हैं एक ओर राज्य के खनन क्षेत्र को सशक्त करना, और दूसरी ओर राष्ट्रीय राजधानी में राजस्थान सरकार के हितों का समन्वय करना।
वी. श्रीनिवास को नौकरशाही में Digital Governance Architect कहा जाता है। दिल्ली AIIMS में डिप्टी डायरेक्टर रहते हुए उन्होंने Digital AIIMS Project शुरू किया था, जिसके तहत ई-हॉस्पिटल सिस्टम लागू हुआ मरीजों को लंबी लाइनों से मुक्ति मिली और रजिस्ट्रेशन से भुगतान तक सबकुछ डिजिटल हुआ। उनके इस नवाचार को बाद में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य डिजिटल मॉडल के रूप में अपनाया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, वे जून 2025 में बेल्जियम के ब्रुसेल्स में हुए चुनाव में IIAS (International Institute of Administrative Sciences) के अध्यक्ष बने यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं।
राजस्थान की नौकरशाही पिछले कुछ महीनों से असंतुलन और अतिरिक्त चार्ज सिस्टम से जूझ रही थी। 51 IAS अफसर तीन-तीन विभागों का काम देख रहे हैं। सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में कई बार निर्णय सीधे भेजे जा रहे थे, जिससे मुख्य सचिव की भूमिका कमजोर होती दिखी। जिलों में फील्ड विज़िट घटने और फाइल मूवमेंट बढ़ने से कार्यकुशलता प्रभावित हो रही थी। ऐसे माहौल में श्रीनिवास का आगमन प्रशासनिक अनुशासन, डेटा-आधारित निर्णय और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
उनकी प्राथमिकताएँ क्या होंगी
1. डिजिटल गवर्नेंस का विस्तार
AIIMS की तर्ज़ पर ई-ऑफिस, रियल-टाइम डैशबोर्ड, और डेटा ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने पर जोर रहेगा। यह सभी विभागों की निगरानी और पारदर्शिता बढ़ाएगा।
2. अतिरिक्त चार्ज व्यवस्था खत्म करना
राज्य प्रशासन में विभागों का ओवरलैप कम करना उनकी प्राथमिकता होगी। 51 अधिकारियों को स्वतंत्र जिम्मेदारी देने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
3. मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ समन्वय
श्रीनिवास के आने से सीएमओ और मुख्य सचिवालय के बीच शक्ति-संतुलन स्थापित होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत IAS टीम—शिखर अग्रवाल, सिद्धार्थ सिहाग, संदेश नायक और अरविंद पोसवाल—की भूमिकाओं का पुनर्मूल्यांकन संभव है।
4. टॉप ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल
जानकारों के अनुसार, श्रीनिवास अपनी टीम ऑफ़ चॉइस बना सकते हैं। कुलदीप रांका, अखिल अरोड़ा, अपर्णा अरोड़ा, कुंजीलाल मीना, अश्विनी भगत, भास्कर ए. सावंत, अभय कुमार, संदीप वर्मा और प्रवीण गुप्ता जैसे सीनियर अफसरों के विभागों में बदलाव के आसार हैं।
5. पंचायत चुनावों की तैयारी
अदालत ने अप्रैल–मई 2026 में पंचायत चुनाव कराने का आदेश दिया है। नौ महीने के कार्यकाल में श्रीनिवास को प्रशासनिक मशीनरी को चुनावी मोड में लाना होगा।
वी. श्रीनिवास का प्रोफ़ाइल
वी. श्रीनिवास ने पंचायत स्कूल से पढ़ाई की और मात्र 22 वर्ष की उम्र में IAS बने। वे विदेश मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय में अहम पदों पर काम कर चुके हैं। उनके करियर की खासियत यह है कि वे केंद्र–राज्य समन्वय के मजबूत पुल माने जाते हैं। उनकी प्रशासनिक फिलॉसफी तीन स्तंभों पर आधारित है Technology, Transparency और Trust.
अगर श्रीनिवास अपने डिजिटल प्रशासन मॉडल को सफलतापूर्वक लागू कर पाते हैं, तो राजस्थान स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में राष्ट्रीय उदाहरण बन सकता है। उनकी नियुक्ति को “राजनीतिक स्थिरता और प्रशासनिक दक्षता” के बीच संतुलन के रूप में देखा जा रहा है। अगले नौ महीनों में वे यदि कार्यकुशल टीम और जवाबदेह तंत्र खड़ा कर पाए, तो राज्य में फाइल-कल्चर की जगह परिणाम-संस्कृति की शुरुआत हो सकती है।
