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UPSC: बिना यूपीएससी क्लियर किए भी आईपीएस बना जा सकता है, पढ़िये इसके ये तरीके...

UPSC: अखिल भारतीय सेवाओं में आईएएस और आईपीएस सबसे प्रतिष्ठित सर्विस मानी जाती है। मगर इसमें सलेक्शन इतना कठिन होता है, इससे आप समझ सकते हैं कि 10 लाख आवेदनों में से लगभग एक हजार ही सलेक्ट हो पाते हैं। बाकी नौ लाख 99 हजार अभ्यार्थियों के खाते में निराशा आती है।

UPSC: बिना यूपीएससी क्लियर किए भी आईपीएस बना जा सकता है, पढ़िये इसके ये तरीके...
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By Sanjeet Kumar

UPSC: एनपीजी ब्यूरोक्रेसी डेस्क

यूपीएससी यानी लोक सेवा आयोग। यह आयोग ऑल इंडिया सर्विस की परीक्षाएं आयोजित करता है। इनमें आईएएस, आईपीएस समेत 24 परीक्षाएं होती हैं। देश की इस सबसे बड़ी परीक्षा उतीर्ण किए अफसरों का ठाठ-बाट और रुतबा देखकर हर युवा का बचपन से सपना होता है, इनमें से कोई एग्जाम वह क्लियर कर लें तो सपने को पंख लगने के साथ ही जिंगदी संवर जाएगी। मगर तीन चरणों में होने वाली इस परीक्षा का स्टैंडर्ड इतना हाई होता है कि 10 लाख आवेदनों में से लगभग हजार का ही सलेक्शन हो पाता है। इसमें कई बार वैंकेंसी के हिसाब से पोस्ट 50-100 उपर नीचे होता रहता है। मगर मोटे तौर पर आवेदन करीब 10 लाख आते हैं।

यूपीएससी का पहला स्टेप है, प्रारंभिक परीक्षा। इसमें पास होने के बाद मेन एग्जाम होता है। ये दोनों परीक्षाएं लिखित होती है। फिर आता है फायनल परीक्षा इंटरव्यू का। बहुत सारे लोग इंटरव्यू तक पहुंचकर सलेक्ट नहीं हो पाते। इसके बाद नंबर के आधार पर आईएएस, आईपीएस और बाकी 24 सर्विस एलॉट किए जाते हैं। हालांकि, यूपीएससी के अलावे भी आईपीएस बनने के कुछ और रास्ते हैं। आइये आपको बताते हैं, वो कौन से रास्ते हैं...

राज्य पुलिस सेवा

यूपीएससी के बिना आईपीएस अधिकारी बनने का सबसे पहला तरीका राज्य पुलिस सेवा। सभी राज्य का अपना राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) है जो राज्य पुलिस विभाग में पुलिस उप अधीक्षक (डीएसपी) के पद सहित विभिन्न पदों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है। राज्य स्तरीय परीक्षा और उसके बाद की चयन प्रक्रिया को पास करके, उम्मीदवार डीएसपी बन सकते हैं और अंततः अपने प्रदर्शन और अनुभव के आधार पर आईपीएस कैडर में पदोन्नत हो सकते हैं।

आउट ऑफ टर्न प्रमोशन

आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के जरिये भी आईपीएस बना जा सकता है। पुलिस विभाग में पहले से निचले पद पर कार्यरत पुलिस कर्मी को आंतरिक रूप से आईपीएस कैडर में पदोन्नत होने का अवसर मिल सकता है। इसके लिए असाधारण कार्य क्षमता दिखाते हुए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन हासिल करना होगा। इस तरह की पदोन्नति आमतौर पर सेवा के वर्षों की संख्या, प्रदर्शन मूल्यांकन और विभाग द्वारा निर्धारित अन्य मानदंडों पर आधारित होती है। लगातार समर्पण, नेतृत्व गुणों और असाधारण प्रदर्शन का प्रदर्शन करके लगातार पदोन्‍नति के साथ अंततः आईपीएस बना जा सकता है।

सीमित प्रतियोगी परीक्षा (एलसीई)

सीमित प्रतियोगी परीक्षा (एलसीई) यूपीएससी के बिना आईपीएस अधिकारी बनने का एक और तरीका है। यह परीक्षा यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाती है, लेकिन यह केवल उन उम्मीदवारों के लिए है जो कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, जैसे कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) का सेवाकालीन अधिकारी होना या रक्षा बलों में सेवा करना। एलसीई और उसके बाद की चयन प्रक्रिया को पास करके, उम्मीदवार सीधे आईपीएस कैडर में शामिल हो सकते हैं।

मेधावी खिलाड़ी कोटा

यदि आपने राष्ट्रीय या अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, तो आप आईपीएस अधिकारी बनने के लिए मेधावी स्पोर्ट्स पर्सन कोटा का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत, उत्कृष्ट खेल हस्तियों के लिए एक निश्चित संख्या में रिक्तियां आरक्षित हैं। उम्मीदवारों को विशिष्ट पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा और एक चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा जिसमें परीक्षण, साक्षात्कार और चिकित्सा परीक्षाएं शामिल हैं। सफल उम्मीदवारों को फिर आईपीएस कैडर में शामिल किया जाता है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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