पूर्व IAS और पूर्व केंद्रीय मंत्री की बढ़ी मुश्किलें, पार्टी ने भ्रष्टाचार के मामले में थमाया नोटिस
पटना। हाल तक केंद्रीय मंत्री रह चुके पूर्व आईएएस आरपीसी सिंह को आय से अधिक संपति मामले में नोटिस जारी हुआ है। उन्हें यह नोटिस उनकी ही पार्टी जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने दिया है। नालंदा जिले के प्रखण्ड अध्यक्ष की शिकायत पर उन्हें अपनी व अपनी पत्नी के नाम पर संपति अर्जित करने का नोटिस दिया गया है।
आरपीसी सिंह यूपी कैडर के आईएएस थे जिन्होंने 2010 में वीआरएस ले लिया था। वे 1996 में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव के पद पर तैनात रहे थे तभी वो नीतीश के संपर्क में आये। इस दौरान नीतीश भी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे। दोनो के बीच दोस्ती गहरी हो गई क्योंकि आरपीसी सिंह बिहार के नालंदा से आते हैं। नीतीश उनकी आईएएस के तौर पर किये गए कार्यो से प्रभावित थे।। नीतीश जब रेल मंत्री बने तो उन्होंने आरपीसी सिंह को अपना विशेष सचिव बना लिया।।
2005 विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने सिंह को दिल्ली से बिहार बुक लिया और 2005 से 2010 तक नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के तौर पर सिंह ने काम किया।
आरपीसी सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। उन्हें दो बार जेडीयू से राज्यसभा सांसद बनने का मौका भी मिला। और वो मोदी की सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे। जुलाई में ही उनका राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने पर उन्हें केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। वे और भी मंत्री पद पर रहना चाहते थे पर उन्हें राज्यसभा सांसद के तौर पर तीसरी बार पार्टी ने नही भेजा। उनकी जगह झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष खीरु महतो को राज्यसभा सांसद बना दिया गया।
अब लम्बे समय से नीतीश से उनके सम्बन्ध खराब चल रहे है। इस कारण उन्हें केंद्रीय मंत्री पद गवाना पड़ा। फिलहाल वो सरकार या पार्टी में किसी पद पर नही है। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने जारी नोटिस में लिखा है कि नालंदा जिले के दो जेडीयू नेताओ ने सबुटोक साथ उनके खिलाफ शिकायत की है। इसमें कहा गया हैं कि आरपी सिंह ने 2013 से 2022 के बीच में अकूत अचल सम्पति बनाई है। कुशवाहा ने आरपीसी सिंह को कहा कि आपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अधिकारी और राजनेता के रूप में काम किया। दो बार आपको राज्यसभा भेजा गया। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।।केंद्र में मंत्री के रूप में काम करने का मौक़ा दिया। इस दौरान सीएम नीतीश ने आपका भरपूर साथ दिया। मुख्यमंत्री जीरो टारलेंस की नीति पर काम करते हैं। इतने बड़े नेता होने के बावजूद उन पर कोई दाग नही लगा और न ही उन्होंने कोई सम्पति बनाई। नोटिस में नालंदा जिले के दो प्रखंडो में 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप है। साथ ही जमीन दान लेने का भी आरोप है। इन सम्पतियों का चुनावी हलफनामे में जिक्र नही किया गया हैं। जेडीयू ने सम्पतियों को छिपाने व पत्नी के नाम पर जमीन की हेरफेर करने का आरोप भी लगाया। प्रदेशाध्यक्ष ने जल्द से जल्द उनसे व उनके परिवार से जुड़ी सम्पतियों के मामले में रॉय स्प्ष्ट करने को कहा है।
बेटी भी हैं चर्चित आईपीएस:- आरपीसी सिंह की बेटी लिपि सिंह 2016 बैच की बिहार कैडर की आईपीएस अफसर हैं। लिपि सिंह की पहली पोस्टिंग बाढ़ अनुमंडल में एडिशनल एसपी के तौर पर हुई थी।इन्होंने इलाके के बाहुबली निर्दलीय विधायक अनंत सिंह पर कार्यवाही करते हुए उसे जेल भिजवा दिया था। इसके बाद जन्हें मुंगेर का एसपी बना दिया गया। 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान मुंगेर में मूर्ति पूजा विसर्जन के दौरान आम नागरिकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई। और गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई। मामले ने तूल पकड़ा तो लिपि सिंह को हटा दिया गया। उनके पति सुभाष भगत भी 2015 बैच के बिहार कैडर के ही आईएएस हैं।