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मुख्य सचिव ने विभाग के कार्यों की समीक्षा की, कहा- प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को श्रम विभाग की योजनाओं की जानकारी दी जाए

मुख्य सचिव ने विभाग के कार्यों की समीक्षा की, कहा- प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को श्रम विभाग की योजनाओं की जानकारी दी जाए
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By NPG News

रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रम में श्रम, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की। मुख्य सचिव ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को उनके लिए संचालित योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें लाभान्वित किया जाए।

मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत श्रमिकों को आवास निर्माण अथवा नवीन आवास क्रय करने हेतु योजनाबद्ध कार्य करने के निर्देश श्रम विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। बैठक में वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने वन अधिकार अधिनियम के तहत लाभान्वित हितग्राहियों को राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश अनुसूचित जाति विभाग के अधिकारी को दिए गए है। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू मौजूद थे।

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्रों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि व्यक्तिगत वन अधिकार के तहत अनुमोदित और स्वीकृत दावों की संख्या करीब 4 लाख 67 हजार 569 है। हितग्राहियों को 4 लाख 61 हजार 377 वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए गए हैं। हितग्राहियों को करीब 3 लाख 74 हजार 628 हेक्टेयर से अधिक भूमि वितरित की गई है।

इसी तरह से सामुदायिक वन अधिकार के तहत अनुमोदित और स्वीकृत दावों की संख्या करीब 47 हजार 391 है। सामुदायिक वन अधिकार के तहत अब तक 47 हजार 91 से अधिक वन अधिकार पत्रों का वितरण हितग्राहियों को कर दिया गया है और 20 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि हितग्राहियों को वितरित कर दी गई है। इसी तरह से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के तहत 4 हजार 19 दावों स्वीकृत किए गए हैं और करीब 3 हजार 974 हितग्राहियों को 17 लाख 34 हजार 163 हेक्टेयर भूमि हितग्राहियों को वितरित की दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वितरित भूमि में विभिन्न विभागों के अभिसरण से भूमि समतलीकरण, मेड़ बंधान, पशुपालन हेतु शेड, सिंचाई के लिए नलकूप-कुआं, स्टापडेम, पशुपालन और कुक्कुट पालन, बकरी पालन तथा प्रधानमंत्री आवास योजना, आदान सहायता, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, कृषि ऋण सहित राज्य शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

आदिवासी उपयोजना क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों की आदिवासी पुरातन, संस्कृति को संरक्षित करने तथा श्रद्धा स्थलों में देवगुड़ी, ग्राम देवता स्थलों पर विभिन्न निर्माण एवं मरम्मत तथा रख-रखाव के कार्य किए जा रहे हैं। इसके तहत अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों के लिए प्रत्येक ग्राम हेतु 5 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की जाती है। इसके तहत वर्ष 2022-23 में 717 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।

मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग और प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के परबों के उत्तम आयोजन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रूपए प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है। इसके तहत वर्ष 2023-24 में नवीन मद के रूप में 5 करोड़ रूपए के राशि का प्रावधान किया गया है।

मुख्य सचिव ने आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले छात्रावास एवं आश्रमों की मरम्मत, रख-रखाव तथा पेंटिंग कार्य की समीक्षा में अधिकारियों ने बताया कि करीब 500 आश्रमों और छात्रावासों में भवनों की गोबर पेंट से रंगाई-पोताई और मरम्मत के कार्य किए जा रहे हैं। सभी आश्रम और छात्रावासों में यह कार्य 10 जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा। बैठक में सभी राज्य शासन के विभिन्न आयोगों के कार्यालय हेतु बहुमंजलीय भवनों के उपयोग के संबंध में भी विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव अंकित आनंद, श्रम विभाग के सचिव अमृत कुमार खलखो और आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास शम्मी आबिदी, उप श्रमायुक्त सविता मिश्रा सहित आदिम जाति विकास विभाग, श्रम विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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