Begin typing your search above and press return to search.

सेना में महिला अधिकारी का प्रमोशन: सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा- महिला अधिकारियों के साथ सेना उचित व्यवहार नहीं कर रही...

सेना में महिला अधिकारी का प्रमोशन: सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, कहा- महिला अधिकारियों के साथ सेना उचित व्यवहार नहीं कर रही...
X
By NPG News

नईदिल्ली। भारतीय सेना में महिला अधिकारियों के प्रमोशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना, महिला अधिकारियों के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रही। सेना पहले अपना घर दुरुस्त करें और सेना, महिला अधिकारियों के साथ निष्पक्ष नहीं रही है, बताएं कि आप क्या करने जा रहे हैं। हम मंगलवार को इस मामले में अंतिम निर्णय सुनाएंगे।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ 34 महिला सैन्य अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने आरोप लगाया है कि सेना में लड़ाकू और कमांडिंग भूमिकाएं निभाने के लिए पदोन्नति के लिए जूनियर पुरुष अधिकारियों पर विचार किया जा रहा है।

महिला सैन्य अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, 'हमें लगता है कि सेना इन महिला अधिकारियों के प्रति निष्पक्ष नहीं रही है। हम मंगलवार को एक स्पष्ट आदेश पारित करने जा रहे हैं। बेहतर होगा कि आप अपने घर को दुरुस्त करें और हमें बताएं कि आप उनके लिए क्या कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि सबसे पहले, उन पुरुष अधिकारियों के परिणामों की घोषणा न करें, जिन पर अक्टूबर में (पदोन्नति के लिए) विचार किया गया था, जब तक कि आप उनके (महिलाओं के) परिणामों की घोषणा नहीं करते।

पीठ ने कहा, हमें लग रहा है कि सेना महिला अधिकारियों के प्रति निष्पक्ष नहीं है। हम मंगलवार को इस मामले में अंतिम निर्णय सुनाएंगे। बेहतर है कि आप अपना घर दुरुस्त करें और बताएं कि आप क्या करने जा रहे हैं। पीठ ने सेना को आदेश दिया कि वह प्रोन्नति के लिए अक्तूबर में विचार किए गए पुरुष अधिकारियों के नामों की घोषणा तब तक न करें, जब तक कि महिला अधिकारियों के लिए चयन बोर्ड-3 की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।

महिला अफसरों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी मोहना ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिए जाने के आदेश के बाद से अब तक 1200 जूनियर पुरुष अफसरों को पदोन्नत किया जा चुका है। 22 नवंबर को पिछली सुनवाई के बाद से भी 9 पुरुष अफसरों को ऊंची रैंक दी जा चुकी है। उन्होंने मांग की, जब तक महिला अफसरों को पदोन्नति नहीं मिलती, तब तक किसी भी तरह की पदोन्नति पर रोक लगाई जाए। हालांकि केंद्र व सैन्य बलों की ओर से पेश आर. बालासुब्रह्मणयम ने कोर्ट को बताया कि पिछली सुनवाई के बाद से किसी अधिकारी को प्रोन्नति नहीं दी गई है।

पीठ ने केंद्र सरकार और सेना की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से पूछा कि अक्तूबर में प्रोन्नति के लिए महिला अफसरों के नामों पर विचार क्यों नहीं किया गया?

सरकारी वकीलों ने कहा कि सेना महिला अफसरों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा, सैन्य प्रतिष्ठान भी इसके लिए प्रतिबद्ध है। सेना ने महिला अफसरों की प्रोन्नति के लिए 150 सीटें स्वीकृत की हैं।

उन्होंने पीठ को बताया, ''पिछली सुनवाई के बाद भी, नौ पुरुष अधिकारियों को उच्च रैंक पर रखा गया था। वरिष्ठ महिला अधिकारियों को पदोन्नत करने से पहले कोई पदोन्नति नहीं होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''मुझे पता है कि नेक इरादे वाले वकील इस मामले में पेश हो रहे हैं और मैं वकीलों के खिलाफ नहीं हूं और मैं ये शिकायतें प्रशासन के खिलाफ कर रही हूं।

Next Story