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महिला IAS की छुट्टी, सरगुजा कमिश्नर की रिटायरमेंट के 10 दिन पहले हटाए जाने की ये वजह तो नहीं....

महिला IAS की छुट्टी, सरगुजा कमिश्नर की रिटायरमेंट के 10 दिन पहले हटाए जाने की ये वजह तो नहीं....
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By NPG News

रायपुर, 21 दिसंबर 2021। सरगुजा कमिश्नर कुमारी जिनेविवा किंडो को सरकार ने आज अचानक हटा दिया। जिनेविवा को ऐसे समय पर हटाया गया है, जब उनके रिटायरमेंट में सिर्फ 10 रोज बच गए थे। आमतौर पर ऐसे संभागायुक्त जैसे बड़े पद पर बैठे अधिकारी को रिटायरमेंट से चंद रोज पहिले हटाया नहीं जाता। लेकिन, सरगुजा मेें आज दोपहर जीएडी सिकरेट्री डॉ0 कमलप्रीत सिंह के दस्तखत वाला आदेश आया तो लोग चौंक गए। हैरानी इस बात पर थी कि सेवानिवृत्ति के ऐन पहले सरकार ने ऐसा क्यों किया।

बताते हैं, युवा महोत्सव की तैयारी के लिए चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन ने आज दोपहर वीडियोकांफ्रेंसिंग की। इसमें संभागायुक्त ने हिस्सा लिया। वीसी खतम होने के बाद दोपहर एक बजे कमिश्नर समेत जिले के सभी अधिकारी बाहर निकले। इसके आधे घंटे बाद कमिश्नर को हटाए जाने का आदेश आ गया।

पता चला है, कमिश्नर संभाग मुख्यालय से ज्यादा जशपुर में रहती थीं। संभाग मुख्यालय में वे कम ही बैठती थीं। दूसरा, जशपुर इलाके में धर्मांतरंण तेजी से बढ़ रहा था। जबकि, पहली बार जशपुर जिले की सभी चारों सीटें बीजेपी से खिसककर कांग्रेस के पालेे में आई है। यहां तक कि जशपुर, जहां जूदेव परिवार का दबदबा माना जाता है, उस सीट पर भी बीजेपी को मात खानी पड़ी। धर्मांतरण के चलते बीजेपी को फिर जमीन तैयार होने लगी थी। स्व0 दिलीप सिंह जूदेव के छोटे बेटे प्रबल प्रताप सिंह धर्मांतरण के खिलाफ कुछ दिनों से काफी सक्रिय थे। पार्टी के लोग ही इसको लेकर शिकायत कर रहे थे।

तीसरा, जशपुर के आदिवासी दिव्यांग छात्रावास में दिव्यांग बच्ची से हुई अनाचार और छेड़छाड़ की घटना में निलंबित राजीव गांधी शिक्षा मिशन याने डीएमसी विनोद पैकरा को कमिश्नर ने डेढ़ महीने के भीतर बहाल कर फिर उसी पद पर पोस्टिंग दे दी। इतने जघन्य वारदात, जिसमें सरकार ने कलेक्टर को हटा दिया था, कमिश्नर ने महिला होने के बाद भी डीएमसी को चार लाइन का स्पष्टीकरण कि मै ं घटना के दिन जिला मुख्यालय में नहीं था, लिखवा कर बहाल कर दिया।

चौथा, जिले के प्रभारी मंत्री उमेश पटेल भी इसको लेकर काफी नाराज हुए थे। उन्होंने कलेक्टर से पूछा तो कलेक्टर ने बताया कि डीएमसी अभी बहाल नहीं हुए हैं। जबकि, कमिश्र का आदेश् निकल चुका था। डीएमसी अपने पद पर काम करना प्रारंभ कर चुके थे। इसको लेकर प्रभारी मंत्री काफी नाराज हुए थे। कुल मिलाकर सरकार ने रिटायरमेेंट से 10 दिन पहले कमिश्नर की छुट्टी कर धर्मांतरण के साथ ही कई मामलों में बड़ा मैसेज दिया है। सरकार चाहती तो 10 दिन बाद वे वैसे ही रिटायर हो रहीं थीं, इसलिए आंख मंूद लेती। लेकिन, समझा जाता है संदेश देने के लिए सरकार ने कड़ा फैसला लिया।

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