Janjgir-Champa News: कलेक्टर ने किया था डीएमएफ मद के कामों को निरस्त, बावजूद उसके 62 लाख रुपये से अधिक की रकम वापसी नहीं करने वाले चार हुए गिरफ्तार
Janjgir-Champa News: जांजगीर-चाम्पा। ड़ीएमएफ राशि का गबन करने वाले दो संस्थाओं के चार प्रतिनिधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दोनों संस्थाओं को जितेंद्र शुक्ला के जांजगीर कलेक्टर रहने के दौरान डीएमएफ मद से काम आवंटित किया गया था। जिसको नए कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने पदस्थ होने के बाद नियम विरुद्ध पाते हुए निरस्त कर दिया था, और उनको स्वीकृत राशि लौटाने के लिए नोटिस जारी की गई थी। बावजूद इसके राशि नहीं लौटाने पर दो संस्थाओं के खिलाफ अमानत में खयानत का अपराध दर्ज कर उनके 4 प्रतिनिधियों को जेल भेजा गया है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
जितेंद्र शुक्ला ने अपने जांजगीर कलेक्टर की पदस्थापना के दौरान कार्यालय जिला परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज जांजगीर द्वारा निर्मल फाउंडेशन कोरबा को ड़ीएमएफ मद की राशि जारी की गई थी। यह संस्थान कोरबा की है जिन्हें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित ग्राम पंचायतों के स्व सहायता समूह, गोठानो,ग्राम पंचायत संसाधन केंद्रों में महिला सशक्तिकरण में महिला प्रतिनिधि, महिला स्व सहायता समूह के सदस्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता किशोरी बालिकाओं का ग्राम सभा प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 1 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी। जिसमें से 70 लाख 40 हजार रुपये की राशि संबंधित फर्म को जारी भी कर दी गई थी।
इसी तरह कोरबा के लक्ष्य समाज सेवी संस्था को खनन प्रभावित ग्राम पंचायतों में सांस्कृतिक एवं परंपरागत धरोहर,कला जन भाषाओं का संरक्षण प्रोत्साहन एवं उनके प्रचार प्रसार कार्यक्रमों के लिए 49 लाख 99 हजार रुपये की राशि स्वीकृत करते हुए 39 लाख 99 हजार 200 रुपये की राशि जारी कर दिया गया था।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला के ट्रांसफर के बाद नए कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने जिले में पदभार ग्रहण किया जिसके बाद उन्होंने डीएमएफ मद के लिए जारी राशि की जांच करवाई। डीएमएफ घोटाले मामले का मुद्दा विधानसभा में भी गुंजा था और अकलतरा विधायक सौरभ सिंह ने विधानसभा सत्र में इस मामले को उठाया था। नियम विरुद्ध तरीके से डीएमएएफ मद की राशि स्वीकृत कर भुगतान के मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने दोनों संस्थानों को स्वीकृत काम निरस्त करते हुए राशि लौटाने के लिए नोटिस जारी किया था। जिसके बाद जिला कार्यालय द्वारा बार-बार पत्राचार कर संबंधित संस्थानों को शासन की राशि वापस जमा करवाने के लिए कहा जा रहा था। जवाब में संबंधित संस्थानों के द्वारा कुछ रकम जमा करवा दी गई वही बाकी रकम विभिन्न कामों में खर्च होने का हवाला दे जमा करने हेतु बार-बार समय मांगा जा रहा था। राशि नहीं लौटाने के चलते जिला प्रशासन के निर्देश पर जांजगीर के कोतवाली थाने में 12 मई को दोनों संस्थानों के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। जिसमें अमित तिवारी, लुकेश्वर चौहान, योगेश चौहान व राहुल चौहान को आज 14 मई को गिरफ्तार कर लिया गया। चारों आरोपी कोरबा जिले के बालकों के रहने वाले हैं। उन्हें अदालत में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
कितनी राशि जमा की गई व कितने का हुआ गबन:-
निर्मल फाउंडेशन कोरबा को 1 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। जिसमे से उसे 70 लाख 40 हजार रुपये जारी किया गया था। बार बार नोटिस जारी करने पर उक्त संस्थान ने 2 मार्च 2023 तक 14 लाख 15 हजार रुपये जमा किया गया और शेष राशि 56 लाख 25 हजार रुपये का गबन किया गया।
इसी तरह कोरबा के लक्ष्य समाज सेवी संस्था को 49 लाख 99 हजार रुपये राशि स्विकृत कर 39 लाख 99 हजार दो सौ रुपये जारी किया गया था। जिसमे से उसने 24 फरवरी तक 28 लाख रुपये जमा किया और 7 लाख 19 हजार 296 रुपये का गबन कर दिया।